नाक और आईब्रो के ऊपर माथे की स्किन को ग्लैबेला/माथे की झुर्रियां (glabella) कहा जाता है। जब भी हमारे चेहरे पर फेशियल एक्सप्रेशन आते हैं तो उस स्थिति में हमारी मसल्स एक्टिव हो जाती हैं और फोरहेड पर स्किन जमा हो जाती है। समय के साथ या जब आप अलग-अलग फेस बनाते हैं, फेस की स्किन को टाइट करते हैं तो माथे पर रिंकल्स बनने लगती हैं, आगे चलकर यही लाइन में तब्दील हो जाती हैं। कभी-कभी इनका कारण अनुवांशिक भी होता है। इन्हीं रिंकल्स को ग्लैबेलर लाइन/फोरहेड फ्रॉस या माथे की झुर्रियां कहा जाता है।
माथे की ये लाइन अच्छी नहीं दिखतीं तो इस स्थिति में प्राथमिक उपचार कर माथे की झुर्रियां हटाई जा सकती हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर क्यों माथे पर झुर्रियां आती हैं और इन्हें कैसे हटाया जा सकता है?
ग्लैबेलर लाइन और फ्रॉन लाइन में अंतर
सामान्य तौर पर ग्लैबेलर लाइन/माथे की झुर्रियां और फ्रॉन लाइन (frown lines) में अंतर आसानी से समझा जा सकता है। फ्रॉन लाइन दोनों आंखों के बीच में जो सीधी लाइन होती है उसे कहा जाता है। वहीं ग्लैबेलर लाइन माथे की झुर्रियां को कहा जाता है। दुखी चेहरा बनाने से फ्रॉन लाइन नहीं आती है। बल्कि जब कोई हंसता है, सरप्राइज या चिंतित होता है तो ग्लैबेला मसल्स के खींचने के कारण फ्रॉन लाइन छिप जाती हैं।
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क्या है इमोशनल रिंकल
हमारे चेहरे की बनावट ही ऐसी है कि हम जिससे भी बात करते हैं उसे अपने चेहरे इमोशन के द्वारा कई चीजें आसानी से बता सकते हैं। पलकों को झपककर या फिर आईब्रो के एक्सप्रेशन से बिना बोले ही हम कई बातें आसानी से बता सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ हमारी स्किन भी लूज होती जाती है, ऐसे में समय के साथ एक्सप्रेशन की ताकत भी कम होती जाती है। बार-बार अलग प्रकार के फेस बनाने से भी जहां हमारे मुंह का शेप बदल सकता है, वहीं रिंकल पड़ने के साथ चेहरे का हाव भाव में भी ढीलापन आ सकता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई अपने दोनों आईब्रोज को बार-बार सिकोड़ता है तो उससे इस बात की ज्यादा संभावना है कि कम समय में ही माथे की झुर्रियां आ जाएंगी।
घर में ही कैसे करें माथे की झुर्रियां का उपचार?
मौजूदा समय में माथे की झुर्रियां कम करने के लिए कई सारे प्रोडक्ट आ चुके हैं। जिसका इस्तेमाल कर माथे की झुर्रियां को कम किया जा सकता है।
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मॉश्चराइजिंग ट्रीटमेंट है बेस्ट
डर्मेटोलॉजिस्ट का भी यही सुझाव रहता है कि रोजाना मॉश्चराइजर लगाने से या फिर रात के समय मॉश्चराइजर लगाकर सोने से स्किन में नमी बनी रहती है। माना जाता है कि जिस स्किन में ज्यादा नमी रहती है वो लंबे समय तक जवां व तंदरुस्त रहती है। उस स्किन में औरों की तुलना में कोई खास बदलाव नहीं आता है। इसके लिए स्किन हाइड्रेटिंग क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इसके पहले डॉक्टरी सलाह लेना बेहद जरूरी है।
एंटीऑक्सीडेंट क्रीम भी है फायदेमंद
माथे की झुर्रियां कम करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट क्रीम भी फायदेमंद होती है। इसे लगाने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में हमारे स्किन को मदद मिलती है। बता दें जब भी हम घर से बाहर निकलते हैं और प्रदूषण के संपर्क में आते हैं तो पर्यावरण में मौजूद ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस हमारे स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसी स्किन क्रीम जिसमें ग्रीन टी व विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट इंग्रीडिएंट्स होते हैं उसका इस्तेमाल करने से स्किन का न केवल विकास होता है बल्कि स्किन की सरफेस लंबे समय तक जवां भी रहता है। खीरा व चमेली युक्त टॉलेन एंटीऑक्सीडेंट मॉश्चराइजर का इस्तेमाल कर सुंदर स्किन हासिल की जा सकती है। बता दें कि एंटीऑक्सीडेंट विटामिन में ए, सी व ई आते हैं। वहीं शुद्ध सनफ्लावर ऑयल (linoleic acid), शिया बटर, एलो, चमेली व खीरे में यह तत्व पाए जाते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल करने के पूर्व भी डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है।
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हाइलॉर्निक एसिड भी है कारगर
माथे की झुर्रियां कम करने के लिए हाइलॉर्निक एसिड (hyaluronic acid) भी कई मायनों में कागगर है। बता दें कि यह स्किन पर आंखों से न दिखाई देने वाले गैप को जहां कम करता है। वहीं हमारी स्किन की त्वचा को मुलायम बनाता है। कई शोध बताते हैं कि हाइलॉर्निक एसिड के इस्तेमाल से कुछ समय के बाद स्किन पर मौजूद रिंकल्स, माथे की झुर्रियां कम हो जाती हैं। यदि आप चाहते हैं तो सामान्य हाइलॉर्निक एसिड सीरम का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन पहले डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है। बता दें कि हाइलॉर्निक एसिड लो, मीडियम और हाई मॉलिकुलर वेट में मौजूद है। जिसमें बी 5 विटामिन होता है, जो हमारी डैमेज स्किन को ठीककर सामान्य स्किन में परिवर्तिक करता है।
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माथे की झुर्रियां कम करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट
बता दें कि कई लोगों को स्किन क्रीम लगाने के बावजूद भी कोई फायदा नहीं होता है। उस स्थिति में डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लेकर मेडिकल ट्रीटमेंट कराया जा सकता है।
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बोटोक्स व न्यूरोमॉड्यूलेटर्स
टेक्निकली बात करें तो बोटोक्स एक ब्रैंड का नाम है। वहीं कई लोग यह सुझाव दे सकते हैं कि स्किन में इंजेक्शन देकर उस जगह को पैरालाइज कर सकते हैं, ताकि वहां की मसल्स एक्टिव न हों और माथे की झुर्रियां कम दिखें। बता दें कि दूसरे मेडिकल प्रोसीजर की तुलना में बोटोक्स बेहद ही आसानी से उपलब्ध है। वहीं इसके साइड इफेक्ट भी बाकियों की तुलना में कम होते हैं। वहीं बोटोक्स के द्वारा सिर्फ कुछ महीनों के लिए ही समस्या को सुलझा सकते हैं, न कि लंबे समय तक।
सॉफ्ट टिशू को भरकर किया जाता है इलाज
रेस्टलेन (restlane), स्कल्पट्रा (sculptra), जुवेड्रम (jubederm) पद्दिति के द्वारा इलाज किया जाता है। बता दें कि बोटोक्स और डरमल फिलर्स में कुछ खास अंतर होते हैं, दोनों ही इलाज पद्दितियों में रिस्क कम होता है। वहीं डर्मल फिलर्स में साइड इफेक्ट की भी संभावना होती है, यह बोटोक्स की तुलना में इसका इलाज महंगा होता है।
माथे की झुर्रियां हटाने के लिए फेसलिफ्ट है कारगर
माथे की झुर्रियां हटाने के उपाय की बात करें तो फेसलिफ्ट काफी हद तक कारगर साबित होता है। इसके द्वारा झुर्रियां कम की जा सकती हैं। यह महंगी कॉस्मेटिक सर्जरी है। इस पद्दिति के द्वारा इलाज किए जाने से चेहरे व गले की स्किन टाइट हो जाती है। वहीं सर्जरी सफल होती है तो नतीजे लंबे समय तक रहते हैं। वहीं यह बताना काफी मुश्किल होता है कि फेसलिफ्ट किए जाने के बाद आपका चेहरा कैसा दिखेगा।
फेसलिफ्ट के दुष्परिणामों पर एक नजर
- संभव है कि समय के साथ माथे की झुर्रियां फिर आ जाएं।
- फेसलिफ्ट में इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा है।
- फेसलिफ्ट के बाद कई घाव भरने में व सामान्य स्थिति में आने के लिए कई सप्ताह का समय लगता है।
- दूसरी इलाज की पद्दितियों की तुलना में फेसलिफ्ट काफी महंगा है।
क्या फेशियल एक्सरसाइज माथे की झुर्रियां हटाने में है कारगर?
कई लोगों से आपने सुना होगा कि फेशियल एक्सरसाइज कर माथे की झुर्रियां को हटाया जा सकता है। मेडिकल की किताबों में इस तथ्य के काफी कम उदाहरण मौजूद हैं। बता दें कि माथे की झुर्रियां मसल्स एक्टीविटी के कारण होती है। वहीं इस बात की बेहद कम ही संभावना है कि फेशियल योगा कर माथे की झुर्रियों को कम किया जा सके। बता दें कि माथे की झुर्रियां स्किन लूज होने से, मोटापा कम होने से होती है न कि फेशियल मसल्स में आए बदलाव के कारण।
माथे की झुर्रियां हटाने के घरेलू उपाय
माथे की झुर्रियां हटाने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि इससे पहले की झुर्रियां आएं हमें पहले से ही इसके न आने की तैयारी करनी चाहिए। कुछ उपाय को अपना हम झुर्रियां को कम कर सकते हैं, एक नजर उपाय पर:
- ज्यादा से ज्यादा पानी पीकर।
- एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करके।
- सिगरेट का सेवन न करके।
- धूप में सनग्लासेस का इस्तेमाल करके।
- धूप में निकलने से पहले सन्सक्रीम लगाएं, खास तौर से मुंह पर।
- फेस पर मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
- पीठ के बल सोएं
इसके अलावा कोशिश करें कि फेशियल एक्सप्रेशन में कमी लाएं। बता दें कि माथे की झुर्रियां का बड़ा कारण जेनेटिक्स, खानपान या फिर हमारा लाइफस्टाइल भी हो सकता है। इसमें सुधार कर माथे की झुर्रियां कम हो सकती हैं।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टरी सलाह लें। ।
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