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सीनियर्स के लिए एचपीएलसी डायट (HPLC diet for seniors) डायबिटीज और हायपरटेंशन के रिस्क को कम करने में कर सकती है मदद
ब्रूकलिन की यूनिवर्सिटी एंड्रोक्रिनोलॉजी, डायबिटीज और हायपरटेंशन डिवीजन के अनुसार हाय कार्ब्स डायट पोस्टप्रांडियल प्लाज्मा ग्लूकोज और इंसुलिन सीक्रेशन को बढ़ा देती है। जिससे डायबिटीज, हार्ट डिजीज, हायपरटेंशन और ओबेसिटी का रिस्क बढ़ जाता है। लो कार्ब डायट को डायबिटीज का नैचुरल ट्रीटमेंट माना जाता है और यह टाइप 2 डायबिटीज के प्रिवेंशन के लिए जरूरी है। ऐसे में यह डायट बुजुर्गों के लिए बेस्ट हो सकती क्योंकि इन बीमारियों का रिस्क इस उम्र में बढ़ जाता है।
सीनियर्स के लिए एचपीएलसी डायट (HPLC diet for seniors) भूख को कंट्रोल करने में करती है मदद
एचपीएलसी डायट में शुगर और कार्ब्स का इंटेक कम करके प्रोटीन्स और हेल्दी फैट्स का इंटेक बढ़ाया जाता है। जिससे पेट भरे होने और सैटिस्फाय होने का एहसास होता है। जिससे हंगरी हॉर्मोन कहे जाने वाले ग्रेलिन (Ghrelin) का सीक्रेशन कम हो जाता है। जिससे वजन कम में मदद मिलने के साथ ही मोटापा नहीं बढ़ता।
सीनियर्स के लिए एचपीएलसी डायट (HPLC diet for seniors) पाचन में कर सकती है सुधार
शुगर का कम सेवन कई लोगों में स्टमक हेल्थ के लिए बेहतर होता है क्योंकि शुगर बैड बैक्टीरियाज को बढ़ावा देती है जो गट में विकास करते हैं। अधिक मात्रा में चीनी और कार्ब्स का सेवन केंडिडा इंफेक्शन (Candida infection) का कारण बन सकता है। इसके अलावा यह आईबीएस (IBS), लीकी गट डिसऑर्डर (Leaky gut disorder) को भी बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसे में कम और अच्छे कार्ब्स, क्वालिटी प्रोटीन और हेल्दी फैट वैक्टीरिया के विकास को कम करने में मदद करने के साथ ही गट हेल्थ को बेहतर रखने में मदद करते हैं। सीनियर्स डॉक्टर या डायटीशियन की मदद से इस डायट को अपना सकते हैं और इसके फायदे ले सकते हैं।
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एचपीएलसी डायट के नुकसान (Side effects of HPLC Diet)
हाय प्रोटीन लो कार्ब डायट के फायदे तो आपने जान लिए, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जो निम्न हैं।