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कॉग्निटिव हेल्थ (संज्ञानात्मक स्वास्थ्य)
बुढ़ापे में स्वास्थ्य समस्याएं उनके सोचने, सीखने और याद रखने की क्षमता पर भी प्रभाव डाल सकता है। बुजुर्गों के सामने सबसे आम परेशानी स्वास्थ्य समस्याएं ही हो सकती हैं। दुनिया भर में ज्यादातर सभी लोगों को डिमेंशिया की समस्या होती है। डिमेंशिया का सबसे आम रूप अल्जाइमर होता है। एक शोध के अनुसार, डिमेंशिया के अलावा अन्य पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों और बीमारियों से डिमेंशिया विकसित होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है, जैसे शराब का सेवन, डायबिटीज की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, डिप्रेशन की समस्या, एचआईवी और स्मोकिंग की लत। हालांकि मनोभ्रंश जैसी स्थिति के लिए पूरी तरह से सफल उपचार नहीं है, लेकिन फिर भी परिवार के सदस्यों के अच्छे व्यवहार और दवाओं की मदद से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
वरिष्ठ लोगों में एक सामान्य मानसिक विकार डिप्रेशन है, जो बुजुर्गों की आबादी के सात प्रतिशत में होता है। इस मानसिक विकार को अक्सर कम करके नापा जाता है। दुनिया में आत्महत्या से होने वाली मौतों में अधिक वृद्धों की संख्या है। क्योंकि अवसाद पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों का एक सबसे बड़ा कारण हो सकता है। बुढ़ापे में स्वास्थ्य समस्याएं और डिप्रेशन की समस्या को कम करने के लिए अपने स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के विकल्पों पर विचार करें। साथ ही, ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार, दोस्तों और करीबी लोगों के साथ गुजारने की कोशिश करें। इसके अलावा आप किसी बुजुर्गों के ग्रुप से भी जुड़ सकते हैं। जहां पर वो अपनी किसी भी तरह की समस्याओं के बारे में खुलकर एक-दूसरे से बात कर सकते हैं।
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शारीरिक चोट
उम्र होने के कारण बुजुर्ग अपना शारीरिक संतुलन नहीं संभाल पाते हैं, इसलिए, बुजुर्गों को गिरने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। हालांकि, ऐसी स्थिति में कई बार आपातकालीन चिकित्सा की सहायता की जरूरत हो सकती है। इन शारीरिक चोटों के कारण कई बार बुजुर्गों की मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे में बुजुर्गों को शारीरक चोट से बचाए रखना बहुत जरूरी हो सकता है। क्योंकि उम्र बढ़ने के कारण हड्डियां सिकुड़ने लगती हैं और वे कमजोर भी होने लगती है। साथ ही, मांसपेशियां भी अपनी ताकत और लचीलापन खोने लगती हैं। जिससे कई बार सीनियर्स अपने शरीर का संतुलन खोने लगते हैं और गिरने के कारण चोट लगने या हड्डी टूटने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इसके अलावा दो बीमारियां जिसे काफी खर्चीला भी माना जाता है, इनमें शामिल हैं ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोअर्थराइटिस। इन बीमारियों का उपचार है, लेकिन इनके उपचार का कोर्स काफी लंबे तक का हो सकता है।
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