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Piles: बवासीर का इलाज घर पर कैसे करें?

Piles: बवासीर का इलाज घर पर कैसे करें?

बवासीर (Piles) मलाशय में होने वाला रोग है, जो काफी कष्टदायक होता है। बवासीर के मरीजों के लिए इसका दर्द (Pain) असहनीय होता है। यहां तक कि यह जितनी आम और गंभीर बीमारी है। गंभीर बीमारी होने के बावजूद लोग इसके बारे में बात करने से बचते नजर आते हैं। आमतौर पर बहुत-से लोग आज भी इस बीमारी के बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं। आपको बता दें कि बवासीर मलाशय के आसपास की नसों में सूजन आने के कारण होता है। इस आर्टिकल में आप बवासीर के बारे में इसके होने के कारणों के बारे में और बवासीर का इलाज (Piles treatment) जानेंगें।

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क्या है बवासीर (Piles)? 

बवासीर दो तरह का होता है, पहला अंदरूनी और दूसरा बाहरी। आमतौर पर इसे खूनी और बादी बवासीर भी कहते हैं और कहीं-कहीं पर इसे महेशी भी कहते हैं। बवासीर के लक्षण पहचानना बहुत ही आसान है। इसमें रोगी को मलत्याग के समय मलाशय में असहनीय दर्द, ब्लीडिंग या खुजली (Itching) की समस्या होती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि बवासीर का इलाज (Piles treatment) संभव नहीं है। अगर खाने में परहेज और घरेलू उपाय से इस तकलीफ को दूर किया जा सकता है और अगर तकलीफ काफी दिनों से है, तो बवासीर का इलाज डॉक्टर से कंसल्ट कर किया जाता है। 

खूनी बवासीर (Bloody Hemorrhoids)

खूनी बवासीर में दर्द नहीं होता। इसमें सिर्फ मल में खून आता है। शुरू-शुरू में खून बस पखाने के साथ आता है। लेकिन बाद में धीरे-धीरे खून बहना बढ़ जाता है।

बादी बवासीर

बादी बवासीर के मरीज का पेट हमेशा खराब रहता है। अक्सर लोग यह समझ लेते हैं कि पेट खराब रहने की वजह से ही बवासीर होता है, जबकि यह सच नहीं है। इसमें मरीज को हमेशा कब्ज की समस्या रहती है। साथ ही जलन, दर्द, खुजली, बेचैनी भी बनी रहती है।

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पाइल्स के कारण (Cause of Piles)

पाइल्स के घरेलू उपचार के बारे में जानने से पहले इसके कारणों और लक्षणों के बारे में जानना आवश्यक है। बवासीर के कारण कुछ इस प्रकार हैं –

  • मल त्याग के दौरान दबाब पड़ना
  • कब्ज (Constipation)
  • लंबे समय तक बैठे रहना (खासकर शौचालय में)
  • सिरोसिस (Cirrhosis) जैसी अन्य बीमारियां
  • गर्भावस्था में कब्ज के कारण
  • मोटापा (Obesity)
  • गुदा मैथुन करना
  • कम फाइबर वाला आहार (Low fiber food) खाना

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कब्ज के कारण हो सकती है पाइल्स की बीमारी (Piles due to Constipation)

पुरानी कब्ज की बीमारी के कारण पाइल्स की समस्या उत्पन्न हो सकती है। पाइल्स निचेले मलाशय में दबाव पैदा होने के कारण होती है। यही वजह है जिसके कारण कब्ज पाइल्स का रूप ले लेती है।

कब्ज होने पर व्यक्ति दबाव पैदा करने की कोशिश करता है, जिससे मलाशय में सूजन या उभाड़ विकसित होने लगता है। यह पाइल्स (Piles) का कारण बनता।

ऐसे में कब्ज (Constipation) की समस्या होने पर उसे नजर अंदाज न करें और तुंरत उसका इलाज करने की कोशिश करें। एक सप्ताह में कम से कम 3 बार मल त्याग करना जरूरी होता है। अगर आपने पूरे सप्ताह 3 बार से कम मल त्याग किया है तो यह कब्ज का संकेत है।

कब्ज (Constipation) और पाइल्स (Piles) आपके आहार पर भी निर्भर करते हैं। यदि आपका आहार अच्छा नहीं है तो मल त्याग के दौरान अत्यधिक तनाव पैदा हो सकता है। इस तनाव की वजह से कब्ज होने का खतरा रहता है। आहार में बदलाव करके आप इस समस्या का रोकथाम कर सकते हैं। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और फाइबर युक्त आहारों का सेवन बढ़ाएं।

पाइल्स के दौरान कब्ज होने पर डॉक्टर आपको जुलाब की गोलियों का सेवन करने के लिए भी कह सकते हैं। यह पेट में दबाव को कम कर के मल को आसानी से गुदा के जरिए बाहर जाने देती हैं।

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पाइल्स के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Piles)

अधिकतर मामलों में पाइल्स में दर्द नहीं होता। लेकिन, अगर यह खून के थक्के का रूप ले ले तो यह बहुत दर्दनाक हो सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:

  • मलाशय से दर्द रहित लाल रक्त निकलना
  • गुदा स्थान में खुजली
  • गुदा दर्द खासतौर पर जब आप बैठे हों
  • मल त्याग के दौरान दर्द
  • गुदा के पास एक या एक से अधिक अधिक सख्त गांठों का बनना

अधिकतर पाइल्स गंभीर नहीं होते हालांकि दर्द हो सकती है। लेकिन, कुछ ही दिनों में यह स्वयं ठीक हो जाती है। अगर इसमें होने वाली दर्द आपसे सहन न हो तो डॉक्टर के पास जाएं। गंभीर स्थिति में डॉक्टर पाइल्स में मौजूद खून के थक्कों को काट देते हैं। जिससे दर्द भी कम हो जाती है। इस पाइल्स के घरेलू उपचार ही इसके लिए बेहतरीन उपचार है।

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बवासीर का इलाज कैसे करें? (Treatment for Piles) 

बवासीर का इलाज सर्जरी द्वारा और बिना सर्जरी के द्वारा भी किया जा सकता है। वहीं, बवासीर का इलाज घरेलू तौर पर भी किया जा सकता है। आपके किचन में ऐसी बहुत-सी चीजें होती हैं, जो इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकती हैं।

बीमारियों से दूर रहने के लिए अपने दिनचर्या में योगासन शामिल करें।

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यहां जानिए बवासीर के घरेलू उपचार (Home remedies for Piles) 

गर्म पानी से करें सिकाई

डॉक्टर बवासीर के मरीजों को 15 मिनट के लिए गर्म पानी में बैठकर सिकाई करने की सलाह देते हैं। ऐसा दिन में कई बार कर सकते हैं। आप चाहें तो, हर बार मल त्यागने के बाद यह सिकाई कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी बड़े टब में हल्का गर्म पानी भरें और उसी में 15 मिनट के लिए बैंठ जाएं। ऐसा करने से बवासीर से होने वाले दर्द में राहत मिलती है।

ठंडी सिकाई (Cold compress)

पाइल्स में ठंडा सेक सबसे महत्वपूर्ण उपचार है। बर्फ से रक्त वाहिकाओं को कसने में मदद मिलेगी, सूजन कम हो जाएगी और आपको तत्काल दर्द से राहत मिलेगी। एक साफ कपड़े में कुछ बर्फ लपेटें और इसे बवासीर पर लगाएं। जब तक बवासीर दूर न हो जाए, यह दिन में कई बार करें।

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नारियल तेल (Coconut oil)

नारियल का तेल एक प्राकृतिक मॉश्चराइजर का काम करता है। नारियल का तेल लगाने से जलन और सूजन से राहत पाई जा सकती है। परेशानी कम  बवासीर का इलाज नारियल तेल से भी किया जा सकता है।

 ऐलोवेरा (Aloe Vera)

ऐलोवेरा हर घर में बहुत आसानी से पाया जाता है। बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के शोध के अनुसार, ऐलोवेरा बवासीर के घावों को बहुत जल्दी भर सकता है। इसको गूदे को लगाने से बवासीर होने के कारण होने वाली जलन, खुजली और सूजन से राहत मिल सकती है। इसलिए बवासीर का इलाज के लिए एलोवेरा का प्रयोग किया जा सकता है।

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दबाव न डालें (Do not press) 

अगर मल त्याग करते हुए आप जोर लगाएंगे तो आपके निचले मलाशय की नसों पर दबाव पड़ेगा और पाइल्स की समस्या बढ़ेगी। इसके साथ ही जैसे ही आपको मल त्याग की इच्छा हो तुरंत करें। इसमें जरा सी देरी करने पर मल सुख जाता है और इसके त्याग में कठिनाई होती है।

व्यायाम (Workout) 

पाइल्स के घरेलू उपचार में एक है व्यायाम करना। कब्ज से छुटकारा पाने और नसों पर पड़े दबाव को कम करने के लिए व्यायाम या योग का सहारा लें। यह समस्याएं लम्बे समय तक बैठे रहने या खड़े रहने से हो सकती हैं। एक्सरसाइज करने से आपको इससे मुक्ति मिलेगी। मोटापा भी पाइल्स का एक कारण है। लेकिन, जब एक्सरसाइज करने से आप अपना वजन कम कर लेंगे तो यह समस्या भी दूर होगी।

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स्नान (Breast) 

गर्म पानी में स्नान करने से भी बवासीर से मुक्ति मिलती है। इस समस्या से बचने के लिए आपको खास स्नान करना है। इसके लिए बाथ टब में गर्म पानी लें और उसमे कम से कम 15 से 20 मिनट तक इस तरह से बैठे कि आपके कूल्हे पानी में हों।

ऐसा दिन में तीन बार करने में इस दौरान होने वाली जलन से छुटकारा मिलेगा। ध्यान रहे कि इसके बाद आप अपने शरीर को अच्छे से पोंछ लें क्योंकि प्रभावित स्थान पर नमी रहने से इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक रहती और यह समस्या भी बढ़ सकती है।

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बर्फ (Ice) का करें इस्तेमाल

बवासीर का इलाज करने के लिए मलाशय पर आइस पैक लगाएं। इससे दर्द और सूजन से राहत पाई जा सकती है। मल त्यागने के बाद आप मलाशय पर आइस पैक लगा सकते हैं। इससे दर्द और सूजन में आराम मिलता है। इसलिए बवासीर का इलाज बर्फ (आइस पैक) से क्या जा सकता है।

हेल्दी डायट (Healthy diet) फॉलो करना

अगर आपको कब्ज है, तो बवासीर की समस्या हो सकती है। इसलिए, ऐसा आहार लें जिनसे आपको कब्ज न हो। इसके लिए अपने आहार में अधिक फाइबर शामिल करें।

फाइबर इन चीज़ों में पाया जाता है:

  • ताज़े और सूखे फल
  • सब्जियां
  • साबुत अनाज
  • सीरियल

रोजाना आपको कम से कम 20 से 30 ग्राम फाइबर लेनी चाहिए। इसके साथ ही फाइबर सप्लीमेंट भी लिए जा सकते हैं।

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आरामदायक कपड़े पहने

बवासीर का इलाज के लिए घरेलू उपाय में आरामदायक कपड़े भी शामिल हैं। महिला हों या पुरुष दोनों को ही हमेशा कॉटन के अंडरवियर का ही प्रयोग करें। वैसे कपड़ों का चयन न करें जो पहनने में टाइट हो और आरामदायक न हो।

सेंधा नमक और ग्लिसरीन

सेंधा नमक और ग्लिसरीन का सेवन भी पाइल्स में फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप दो चम्मच सेंधा नमक में दो चम्मच ग्लिसरीन मिलाएं। फिर इसे पाइल्स वाले भाग पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। दर्द से राहत पाने के लिए आप इसे हर चार से छह घंटे में दोहरा सकते हैं।

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टी ट्री ऑयल (Tea Tree oil)

टी ट्री ऑयल से बवासीर का इलाज से जुड़े रिसर्च अभी भी जारी हैं लेकिन, अभी तक जो रिजल्ट सामने आयें हैं, उसके अनुसार टी ट्री ऑयल के इस्तेमाल से सूजन और खुजली की परेशानी दूर हो सकती है।

कॉटन (Cotton) का प्रयोग करें

हमेशा कॉटन के कपड़ों का प्रयोग करें खासतौर पर कॉटन की मुलायम अंडरवियर पहने ताकि नमी जमा न हो। साथ ही, ऐसे कपड़े न पहनें जो अधिक टाइट हों। खुले कपड़े पहनने से हवा आती-जाती रहेगी जबकि टाइट कपड़ों में नमी के कारण समस्या बढ़ सकती है।

यह तो हुए पाइल्स के घरेलू उपचार जो इस रोग में होने वाली समस्याओं से आपको राहत पहुंचा सकते हैं । इसके साथ ही अपने शरीर और आसपास की साफ़-सफाई का खास ख्याल रखें। अपने मल त्याग का समय एक ही रखें।

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अधिक पानी पीएं

अपने मल को नरम बनाने और कब्ज से बचने के लिए, जितना अधिक हो सके पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।

विच हेलज 

विच हेजल एक ऐसा पौधा है, जिसमे कई मेडिकल गुण होते हैं। इससे बनी क्रीम का प्रयोग करने से पाइल्स दौरान होने वाली दर्द से राहत मिलती है।

एप्पल साइडर विनेगर

ऐसा माना जाता है कि एप्पल साइडर विनेगर के इस्तेमाल से पाइल्स की समस्या से एकदम आराम मिलता है। खासतौर, पर इस दौरान होने वाली खुजली और दर्द से।  हालांकि कुछ लोगों को इस पाइल्स के घरेलू उपचार का अधिक प्रयोग करने से त्वचा में जलन हो सकती है और अन्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।

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पेनकिलर लें

अगर आपको अधिक दर्द हो रही हो तो आप पेनकिलर ले सकते हैं जैसे स्टमीनोफेन, एस्पिरिन (Aspirin), या आइबूप्रोफेन (Ibuprofen)। लेकिन इसके लिए एक बार डॉक्टर से अवश्य पूछ लें।

खारिश न करें

अगर आपको बवासीर है तो  प्रभावित स्थान पर खारिश बिलकुल न करें। ऐसा करने से न केवल दर्द बढ़ेगी बल्कि त्वचा को और अधिक नुकसान होगा। इसलिए अधिक देर तक बैठने से परहेज करें।

अधिक देर बैठने से बचे 

अधिक देर बैठने से पाइल्स की समस्या बढ़ सकती है। अधिक देर बैठने (खासतौर पर टॉयलेट में) से  मलाशय की नसों पर दबाव बढ़ता है और पाइल्स की समस्या भी बढ़ती है।

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बवासीर का इलाज (Piles treatment) अपनाने से पहले अपना खान-पान बदलें

बवासीर से बचे रहने या इसे खत्म करने के लिए जरूरी है कि आपका लाइफस्टाइल बेहतर हो। इसके लिए आपको इससे जुड़ी कुछ खास बातों का ख्याल रखना होगा।

  • तरल पेय पदार्थ पिएं : द परमानेंट जर्नल के शोध के अनुसार, बवासीर जैसी ज्यादातर गुदा से जुड़ी समस्याएं गलत आहार और शरीर में पानी की कम मात्रा के कारण हो सकती है। इससे बचे रहने के लिए उचित मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। पानी के अलावा, आप जूस और शरबत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • फाइबर युक्त आहार : फाइबर युक्त आहार (Fiber rich food) शरीर के पाचन क्रिया को हमेशा दुरुस्त बनाए रहता है। फाइबर आहार पानी को सोख लेता है, जो मल को नरम करने में मदद करता है। ऐसे आहार के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है और बवासीर जैसी बीमारी होने के खतरा भी न के बराबर हो सकता है। 
  • पहनावे में करें बदलाव : बवासीर है, तो हमेशा ढीले-ढाले ओउत्फिट्स, सूती अंडरवियर और पैंट ही पहनें। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि मरीज के शरीर के सभी अंगों को उचित मात्रा में हवा लगती रहे। सूती कपड़े मलाशय और उसके आसपास की त्वचा पर होने वाले पसीने को सोखने में मदद करते हैं।
  • बाथरूम से जुड़ी आदतें बदलें : अगर मल त्यागने में तकलीफ हो रही हो, तो ऐसी स्थिति में ज्यादा प्रेशर नहीं देना चाहिए। बल्कि थोड़े समय बाद फिर से कोशिश करनी चाहिए।
  • कैमिकल से बचें : बवासीर शरीर के नाजुक अंगों में होने वाली बीमारी है। इसलिए यहां त्वचा पर परफ्यूम, साबुन या कोई दूसरे कैमिकल के इस्तेमाल से बचना चाहिए। साथ ही शरीर सभी अंगों की साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।

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बाथरूम से जुड़ी आदत बदलें

बवासीर के पेशेंट्स को मल त्यागने में तकलीफ होती है, ऐसी स्थिति में वे ज्यादा प्रेशर लगाने लगते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है। आपको थोड़े समय का इंतजार करने के बाद फिर से कोशिश करना चाहिए।

बवासीर एक दर्दनाक बीमारी है लेकिन यदि आप ऊपर बताई गईं बातों का ध्यान रखेंगे, तो इससे निजात पा सकते हैं। ऊपर दिए गए सभी घरेलू उपचारों से आप बवासीर की समस्या को दूर कर सकते हैं। अगर आपको इस परेशानी से थोड़ी भी राहत मिल रही है, तो आप एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। अगर इन घरेलू नुस्खों से आपकी समस्या दूर न हो, या किसी भी अलग तरीके की दिक्कत हो, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

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डॉक्टर को कब दिखाएं

  • बवासीर का इलाज आमतौर पर आसान होता है और कई बार अपने आप भी चला जाता है। बेहद दुर्लभ मामलों में बवासीर के कारण अन्य गंभीर परेशानियां उत्पन्न होती हैं।
  • बवासीर में लंबे से समय तक खून की कमी के कारण एनेमिया की स्थिति विकसित हो सकती है। इसके कारण लाल रक्त कोशिकाओं में भी कमी आने लगती है। अंदरूनी बवासीर के कारण भी ब्लड सप्लाइ में रुकावट आती है जिसके कारण ऐंठन होने का खतरा रहता है। इस स्थिति में व्यक्ति को तीव्र दर्द होता है।
  • यदि घरेलू उपचार के उपयोग के 1-2 सप्ताह बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आता है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत पड़ सकती है। वह आपको बवासीर के लिए क्रीम, मरहम और सपोजिटरी की सलाह दे सकते हैं।
  • यदि यह उपचार भी प्रभावशाली साबित नहीं होते हैं तो आपके इलाज के लिए रबर बैंड लिटिगेशन या सर्जरी के जरिए बवासीर को हटाने की जरूरत पड़ सकती है।
  • अगर आपको मलाशय से खून बहने के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। रेक्टल ब्लीडिंग गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इसे नजर अंदाज न करें।

अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

23/08/2021

Ankita mishra द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/08/2021

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