स्ट्रेस
लोगो को आज के समय में कई चीजों का स्ट्रेस है फिर चाहे वह जॉब होने या न होने का हो या घरेलू महिलाओं को घर चलाने का। हर कोई तनाव से ग्रस्त रहने लगा है। तनाव के सबसे अधिक मामले इस वर्ष लॉकडाउन के दौरान देखे गए हैं जिनमें अधिक स्तर आधुनिक शहरों का है।
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मेंटल हेल्थ डे पर जानते हैं की सरकार क्या कर रही है?
मेंटल हेल्थ केयर की बात की जाए तो भारत में इसके हाल हद से ज्यादा बुरे हैं। आंकड़ों की माने तो पुरे वर्ष में भारत सरकार मनोविकार के एक व्यक्ति पर केवल 33 पैसे खर्च करती है। भारत में लगभग 9 करोड़ से भी अधिक लोग ग्रस्त हैं यानि देश की कुल 7.5 फीसदी आबादी मेंटल डिऑर्डर से ग्रस्त है।
इतनी अधिक आबादी के ग्रस्त होने के बावजूद भी मेंटल हेल्थ को हमारे देश में गंभीरता से नहीं लिया जाता है। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फॅमिली वेलफेयर द्वारा किए गए एक सर्वे में यह पाया गया की कुल 15 करोड़ भारतियों को मेंटल हेल्थ केयर की आवश्यकता है जबकि इसे मुहैया 3 करोड़ से भी कम लोगों को करवाया जा पाता है।
2019 में ब्रिटिश चैरिटी, मेंटल हेल्थ रिसर्च यूके द्वारा एक अध्ययन किया गया जिसमें उन्होंने पाया की भारत के कॉर्पोरेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों की 42 फीसदी आबादी अवसाद या चिंता के विकार से ग्रसित है।
इसके अलावा जहां हर साल देशभर में 15 से 40 वर्षीय लोगों में से 35 फीसदी अवसाद से ग्रस्त होते हैं वहीं ये आंकड़े बढ़ कर 45 फीसदी तक आ चुके हैं। इसके अलावा बच्चों और वयस्कों में मृत्य का मुख्य कारण आत्महत्या पाया गया है।
कोरोना वायरस के चलते पुरे देश में कुल 20 करोड़ मेंटल डिसऑर्डर मेंटल डिसऑर्डर के मामलें सामने आ सकते हैं। इन सभी को संभालने लायक हमारी सरकार के पास कोई प्लान नहीं है।
आंकड़ों की माने तो भारत हर वर्ष अपने हेल्थ बजट से मेंटल हेल्थ पर मात्र 0.005 प्रतिशत खर्च करता है। यानि अगर अनुमान लगाया जाए तो हर मरीज पर मात्र 33 पैसा। भारत जीडीपी में विश्व में पांचवे स्थान पर आता है जबकि मेंटल हेल्थ केयर में बजट के अनुसार हम कम आय वाले देश से भी कम खर्च करते हैं।
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मेंटल हेल्थ डे पर कैसे फैलाएं जागरूकता?
अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने के लिए अपने दोस्तों परिवार जनों और सह कर्मियों के साथ जानकारी बांटे उन्हें बताए कि किस तरह कोरोना वायरस के चलते देश भर की हालत कितनी गंभीर हो चुकी है।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो पहले से ही मेंटल डिसऑर्डर से ग्रस्त है तो उसकी मदद करें। क्योंकि इस साल उन लोगों के लिए यह समय सबसे अधिक मुश्किल है। आप चाहें तो लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए यहां दी गई जानकारी इस आर्टिकल की लिंक को भी अधिक से अधिक शेयर कर सकते हैं।
कोरोना वायरस और मेंटल हेल्थ डे की इस गंभीर परिस्थिति को हम सभी को मिलकर खत्म करना होगा। अन्यथा इसके कारण अवसाद, स्ट्रेस, ट्रामा, आत्महत्या और अन्य मेंटल डिसऑर्डर के मामलें बढ़ते ही चले जाएंगे।
हम आशा करते हैं कि आपको यहां दी गई जानकारी महत्वपूर्ण और जागरूक करने योग्य लगी हो। अगर आप मेंटल डिसऑर्डर के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस यहां क्लिक करें – मेंटल हेल्थ