ल्यूकोप्लाकिया (Leukoplakia) को हिंदी में मुंह में सफेद दाग कह सकते हैं। इसे स्मोकर्स केराटोसिस भी कहते हैं। स्मोकर्स केराटोसिस इसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके होने का मुख्य कारण स्मोकिंग है। स्मोकिंग करने वाले लोगों और एचआईवी एड्स से ग्रसित लोगों में मुंह में सफेद दाग हो सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ल्यूकोप्लाकिया क्या है, इसके होने के कारण, लक्षण और इसका इलाज कैसे किया जाता है। इसके अलावा इसके घरेलू इलाज के बारे में भी जानेंगे।
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ल्यूकोप्लाकिया (Leukoplakia) क्या है?
ल्यूकोप्लाकिया एक सफेद या ग्रे पैच है जो जीभ या गाल के अंदर की तरफ विकसित होता है। यह मुंह के श्लेष्म झिल्ली या म्यूकस मेम्ब्रेन की प्रतिक्रिया के कारण होता है। ल्यूकोप्लाकिया का पैच महिलाओं के जननांग पर भी विकसित हो सकते हैं। हालांकि, वजायना पर होने का सटीक कारण पता नहीं है।
मुंह में सफेद दाग का विकास कभी भी हो सकता है, लेकिन यह बुजुर्गों में होने वाली सबसे आम समस्या है। कई बार मुंह में हेयरी ल्यूकोप्लाकिया भी हो सकता है। एचआईवी एड्स से ग्रसित लोगों में हेयरी ल्यूकोप्लाकिया होता है। मुंह में सफेद दाग थ्रश के समान हो सकता है। मुंह में सफेद दाग होना एक संक्रमण है, जो फंगस कैंडिडा के कारण होता है। यूं तो ये समस्या वयस्कों में ज्यादा होती है, लेकिन अगर आपका इम्यून सिस्टम ठीक नहीं है तो भी आपको मुंह में सफेद दाग की समस्या हो सकती है।
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मुंह में सफेद दाग होने के प्रकार क्या हैं? (Types of Leukoplakia)
मुंह में सफेद दाग दो प्रकार के होते हैं :
होमोजिनस
होमोजिनस ल्यूकोप्लाकिया सफेद रंग के पतले पैच होते हैं। इसके अलावा ये चिकने, झुर्रीदार या खुरदुरे जैसे देखने में लगते हैं।
नॉन-होमोजिनस
नॉन-होमोजिनस ल्यूकोप्लाकिया में मुंह में सफेद और लाल रंग के दाग दिखाई देते हैं। ये छाले के रूप होता है और कैंसर हो सकता है। नॉन-होमोजिनस ल्यूकोप्लाकिया सात गुना कैंसरस हो सकता है।
प्रोलीफेरेटिव (Pronunciation-proliferative) वेरकस ल्यूकोप्लाकिया (PVL) रेयर होता है। जिसे फ्लोरिड पैपिलोमैटॉसिस भी कहते हैं। PVL होने के लिए इप्स्टिन-बार वायरस जिम्मेदार होता है। PVL कैंसरस भी हो सकता है।
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ल्यूकोप्लाकिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Leukoplakia)
ल्यूकोप्लाकिया शरीर के उन हिस्सों पर होता है जिनमें म्यूकोसल टिश्यू होते हैं, जैसे-मुंह में। आपके मुंह के अंदर असामान्य दिखने वाले पैच इसका मुख्य लक्षण है। ये पैच देखने में कई तरह के हो सकते हैं :
- सफेद या ग्रे रंग का
- मोटा, हार्ड और उभरा हुआ
- हेयरी या बालों जैसा
- लाल धब्बे
जीभ पर पाई जाने वाली लालिमा कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। अगर आपको मुंह में लालिमा या लाल रंग के धब्बे दिखाई देते हैं तो आप अपने डॉक्टर को दिखाएं। ल्यूकोप्लाकिया मसूड़ों में भी हो सकता है। इसके अलावा गालों में और हमारे जीभ व होंठों पर भी हो सकता है। ये बहुत कम मामलों में दर्द होते हैं।
कुछ महिलाओं को ल्यूकोप्लाकिया की समस्या जननांगों को बाहर की तरफ भी होती है। ये अक्सर महिलाओं में मेनोपॉज के समय दिखाई देती है। अगर समस्या ज्यादा हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
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मुंह में सफेद दाग (Leukoplakia) होने के कारण क्या हैं? ल्यूकोप्लाकिया के लक्षण क्या हैं?
मुंह में सफेद दाग होने के निम्न कारण हैं :
- ज्यादा स्मोकिंग करना।
- तंबाकू का सेवन करने से या ज्यादा तंबाकू चबाने से।
- सुपारी चबाने से भी मुंह में सफेद दाग होते हैं।
- एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा मात्रा में करना।
- कई बार मुंह में सफेद दाग होने के कारण का पता नहीं चलता है।
50 से 70 की उम्र के पुरुषों को मुंह में सफेद दाग होने की समस्या होती है। इसमें सिर्फ एक प्रतिशत से कम मामले 30 साल से कम पुरुषों में देखी गई है।
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मुंह में सफेद दाग का पता कैसे लगाया जा सकता है?
मुंह में सफेद दाग होने का पता लगाने के लिए लक्षण आने के बाद कुछ टेस्ट कराए जाते हैं। जिसमें बायोप्सी एक तरीका है। बायोप्सी के द्वारा मुंह में सफेद दाग हुए स्थान की थोड़ी से त्वचा निकालकर जांच की जाती है कि कहीं ये ओरल कैंसर तो नहीं है।
मुंह में सफेद दाग (Leukoplakia) का इलाज कैसे किया जाता है?
मुंह में सफेद दाग का इलाज संभव है। कई बार ये खुद से भी ठीक हो जाता है अगर ये होमोजिनस रहा तो। उदाहरण के तौर पर अगर मुंह में सफेद दाग कई बार रफ दांतों के कारण भी हो जाता है। इसके अलावा दांतों में फिलिंग कराने से भी मुंह में सफेद दाग की समस्या होती है। जिससे ये खुद से ठीक हो जाता है। अगर स्मोकिंग के कारण मुंह में सफेद दाग हो जाता है तो डॉक्टर सीधे-सीधे तंबाकू का सेवन और धूम्रपान करने के लिए मना कर देते हैं।
मुंह में सफेद दाग नुकसानदायक नहीं होता है और अगर इससे मुंह में घाव बन जाते हैं, तो कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। अगर मुंह में सफेद दाग होने से इरिटेशन होती है तो इरिटेशन के कारणों को कम किया जाता है। मुंह में सफेद दाग होने पर कई बार सर्जरी से भी इलाज किया जाता है। सर्जरी में पैचेस को हटाया जाता है और दागों को साफ किया जाता है।
सर्जरी कर के घाव को हटा तो दिया जाता है, लेकिन 10 से 20 प्रतिशत घाव को दोबारा होने के चांस रहते हैं और 3 से 12 प्रतिशत ओरल कैंसर विकसित होने के चांस रहते हैं। मुंह में सफेद दाग का इलाज भी लेजर के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा फोटोडायनेमिक थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें लाइट-एक्टिवेटेड कैंसर ड्रग का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं क्रायोथेरिपी के द्वारा मुंह के घाव को फ्रीज कर के इलाज किया जाता है। इलेक्ट्रोक्यूटराइजेशन विधि के द्वारा भी इसका इलाज किया जाता है। इलेक्ट्रोक्यूटराइजेशन में घाव को एक गर्म नीडिल से जला कर ठीक किया जाता है।
हेयरी ल्यूकोप्लाकिया का इलाज दवाओं से किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर आपको एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं। इससे इप्स्टिन बार वायरस को खत्म किया जाता है।
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मुंह में सफेद दाग का घरेलू इलाज क्या है? (Home remedies for Leukoplakia)
मुंह में सफेद दाग का घरेलू इलाज कुछ खास तो नहीं है, लेकिन थोड़ा परहेज कर के आप इससे बच जरूर सकते हैं :
- तंबाकू चबाना, स्मोकिंग करना और एल्कोहॉल का सेवन करना बंद कर देना है।
- फल और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
- रेटिनॉयड यानी कि विटामिन-ए से भरपूर चीजें खाएं। इससे मुंह में हुए घाव से राहत मिलती है।
- विटामिन ए और बीटा-कैरोटिन सप्लीमेंट्स को खाने से सफेद पैच साफ होते हैं, लेकिन ये फिर से भी हो सकते हैं।
- एक रिसर्च में आइसोट्रेटिनोइन सप्लिमेंट का सेवन बीटा-कैरोटिन की तुलना में कैंसरस सफेद दाग पर ज्यादा असरदार होते हैं।
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