50 से 70 की उम्र के पुरुषों को मुंह में सफेद दाग होने की समस्या होती है। इसमें सिर्फ एक प्रतिशत से कम मामले 30 साल से कम पुरुषों में देखी गई है।
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मुंह में सफेद दाग का पता कैसे लगाया जा सकता है?
मुंह में सफेद दाग होने का पता लगाने के लिए लक्षण आने के बाद कुछ टेस्ट कराए जाते हैं। जिसमें बायोप्सी एक तरीका है। बायोप्सी के द्वारा मुंह में सफेद दाग हुए स्थान की थोड़ी से त्वचा निकालकर जांच की जाती है कि कहीं ये ओरल कैंसर तो नहीं है।
मुंह में सफेद दाग (Leukoplakia) का इलाज कैसे किया जाता है?
मुंह में सफेद दाग का इलाज संभव है। कई बार ये खुद से भी ठीक हो जाता है अगर ये होमोजिनस रहा तो। उदाहरण के तौर पर अगर मुंह में सफेद दाग कई बार रफ दांतों के कारण भी हो जाता है। इसके अलावा दांतों में फिलिंग कराने से भी मुंह में सफेद दाग की समस्या होती है। जिससे ये खुद से ठीक हो जाता है। अगर स्मोकिंग के कारण मुंह में सफेद दाग हो जाता है तो डॉक्टर सीधे-सीधे तंबाकू का सेवन और धूम्रपान करने के लिए मना कर देते हैं।
मुंह में सफेद दाग नुकसानदायक नहीं होता है और अगर इससे मुंह में घाव बन जाते हैं, तो कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। अगर मुंह में सफेद दाग होने से इरिटेशन होती है तो इरिटेशन के कारणों को कम किया जाता है। मुंह में सफेद दाग होने पर कई बार सर्जरी से भी इलाज किया जाता है। सर्जरी में पैचेस को हटाया जाता है और दागों को साफ किया जाता है।
सर्जरी कर के घाव को हटा तो दिया जाता है, लेकिन 10 से 20 प्रतिशत घाव को दोबारा होने के चांस रहते हैं और 3 से 12 प्रतिशत ओरल कैंसर विकसित होने के चांस रहते हैं। मुंह में सफेद दाग का इलाज भी लेजर के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा फोटोडायनेमिक थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें लाइट-एक्टिवेटेड कैंसर ड्रग का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं क्रायोथेरिपी के द्वारा मुंह के घाव को फ्रीज कर के इलाज किया जाता है। इलेक्ट्रोक्यूटराइजेशन विधि के द्वारा भी इसका इलाज किया जाता है। इलेक्ट्रोक्यूटराइजेशन में घाव को एक गर्म नीडिल से जला कर ठीक किया जाता है।
हेयरी ल्यूकोप्लाकिया का इलाज दवाओं से किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर आपको एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं। इससे इप्स्टिन बार वायरस को खत्म किया जाता है।