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पायरिया (Pyorrhoea) क्या है और ये क्यों होता है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/08/2020

    पायरिया (Pyorrhoea) क्या है और ये क्यों होता है?

    शरीर के किसी भी अंग का ठीक से काम न करने का असर पूरे शरीर पड़ता है। इसलिए सेहत का ख्याल रखना चाहिए। लेकिन कई बार लोग अपने दांतों के साफ-सफाई पर ठीक से ध्यान नहीं देते हैं और ऐसे में दांतों से जुड़ी परेशानी शुरू हो जाती है। उन्हीं परेशानियों में एक है पायरिया। अगर दांतों का ख्याल ठीक से नहीं रखा गया तो मसूढ़े कमजोर होने लगते है और पायरिया जैसी बीमारी हो जाती है।

    एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मुंह में तकरीबन 700 तरह के बैक्टेरिया पाएं जाते हैं जो दांतों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं लेकिन अगर मुंह की सफाई ठीक से नहीं की गई तो यही बैक्टेरिया मसूड़ों को नुकसान भी पहुंचाते हैं।

    पायरिया (Pyorrhoea) क्या है ?

    पायरिया मसूड़ों की बीमारी है जो कि बैक्टीरिया के कारण होता है। जैसे ही पायरिया बढ़ने लगता है, इसके प्रभाव से दांत और आसपास की हड्डियां क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। इससे दांतों को सहारा देने वाले ऊतक और हड्डियां सड़ने और नष्ट होने लगती हैं।

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    पायरिया (Pyorrhoea) के लक्षण क्या हैं?

    पायरिया के लक्षण नीचे दिए गए हैं-

    • मसूढ़ों से खून आना। यह प्रायः टूथ ब्रश करने के दौरान होता है।
    • दो दांतों के बीच की दूरी बढ़ने लगती है।
    • दांतों का टूट कर गिरना (दांतों के छोटे-छोटे टुकड़े)।
    • मसूढ़ों का लाल होना, मसूढ़ों का सॉफ्ट होना या फिर मसूढ़ों में सूजन होना।
    • चबा कर खाने में परेशानी होना।
    • सांसों से बदबू आना।        
    • खाने पर स्वाद का अहसास नहीं होना। 

    पायरिया (Pyorrhoea) के कारण क्या हैं?

    जब प्रारंभिक समय में मसूड़ों के सूजन और संक्रमण का इलाज नहीं होता है तब यह पायरिया का रूप ले लेता है। दांत और दातों को सहारा देने वाली हड्डियों में इंफेक्शन, मसूड़ों (Gingiva) से फैलता है। पायरिया से ग्रस्त व्यक्ति के मसूड़े और हड्डियां अपने आप को दांतों से दूर खींचने लगते है, जिससे दांत और मसूड़ों के बीच खाली जगह (पॉकेट) बन जाती है। बाद में इस पॉकेट में प्लैक या टार्टर (दांत का मैल) भरने लगता है। नरम ऊतकों में सूजन आ जाने के कारण प्लैक पॉकेट में ही फंस जाता है। लगातार हो रही सूजन और लालिमा धीरे-धीरे दांत के चारों तरफ ऊतकों और हड्डियों को क्षतिग्रस्त करने लगती है।

    रिस्क फैक्टर

    कुछ कारणों की वजह से पायरिया का जोखिम बढ़ सकता है जैसे-

    धूम्रपान करना

    मसूड़ों की बीमारी के लिए धूम्रपान को सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक माना जाता है। तंबाकू के इस्तेमाल से मसूड़ों की बीमारी होती है। दरअसल, धूम्रपान और तंबाकू मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाते हैं। धूम्रपान न करने वाले लोगों के मुकाबले धूम्रपान करने वाले लोगों में ट्रीटमेंट का प्रभाव देरी से होता है।

    आनुवंशिकता (Heredity)

    कई बार सब कुछ ठीक तरीके से करते रहने के बाद भी मसूड़ों की बीमारी हो जाती है। आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा मसूड़ों की समस्याओं से ग्रस्त है और ये ओरल हेल्थ समस्याएं उन्हें आनुवंशिकता में मिली हैं।

    दवाएं

    डॉक्टर द्वारा लिखी गई और ओवर द काउंटर (OTC), अवसादरोधी (Antidepressants) दवाएं, एंटीहिस्टामिन (Antihistamines) जैसी तमाम दवाओं में ऐसे तत्व होते हैं, जो मुंह में लार बनने की क्रिया को धीमा करते हैं। लार दांतों को साफ रखने में मदद करती है, जिससे बैक्टीरिया की वृद्धि में रोकथाम होती है। इसलिए, लार की मात्रा कम होने से प्लैक और दांत में मैल जमा होने लगता हैं।

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    डायबिटीज

    ऐसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जो मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक मधुमेह है। डायबिटीज होने की वजह से शरीर में कई तरह के और संक्रमण होने की संभावनाओं में बढोतरी होती है। इनमें मसूड़ों का इंफेक्शन भी शामिल है। मसूड़ों में सूजन और पायरिया ये दोनों इंन्सुलिन इस्तेमाल करने की क्षमता को बिगाड़ देते हैं, जिससे शुगर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

    पोषण में कमी

    यदि आहार में विटामिन बी और सी, कैल्शियम आदि पोषक तत्व न हों, तो यह स्थिति मसूड़ों के रोगों को बढ़ावा दे सकती है। कैल्शियम बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह हड्डियों को मजबूत रखता है इनमें दांतों को सहारा प्रदान करने वाली हड्डियां भी शामिल हैं। विटामिन सी संयोजी ऊतकों की मजबूती को बनाए रखने में मदद करता है।

    हार्मोन में बदलाव

    गर्भावस्था, मेनोपॉज और यहां तक कि मासिक धर्म के दौरान होने वाले हार्मोन में बदलाव मसूड़ों को पायरिया होने के प्रति अतिसंवेदनशील बना देते हैं। इससे पायरिया की संभावना बढ़ जाती है।

     पायरिया (Pyorrhoea) से कैसे करें बचाव: 

    • दांतों को स्वस्थ बनाने के लिए ओरल हाइजीन जरूरी है।
    • सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश अवश्य करें।
    • ब्रश करने की तरह फ्लॉसिंग करने की भी आदत डालें इससे दांतों की सफाई सही तरीके से होगी।
    • दांतों से जुड़ी छोटी से छोटी परेशानी या दर्द को इग्नोर ना करें।
    • नियमित जांच से परेशानी को कम करने की कोशिश होगी।
    • सिगरेट या तंबाकू जैसी चीजों का सेवन बंद कर दें।  
    • कोशिश करें मुंह को गीला रखने की, इससे सलाइवा (लार) बनेगा जो इंफेक्शन से बचाने में मदद करेगा।     
    • खुद से इलाज ना करें और सावधानी बरतें।  

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    पायरिया (Pyorrhoea) की समस्या होने पर या इससे  दूर रहने के लिए कुछ आवश्यक खाद्य पदार्थ: 

    • पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर क्रेनबेरी दांतों और मसूढ़ों के लिए अच्छा स्रोत है। 
    • अदरक और लहसुन के सेवन से दांतों और मसूढ़ों की परेशानी नहीं कम होती है।
    • दिन में एक से दो कप ग्रीन टी सेहत को स्वस्थ रखने के साथ दांतों को भी स्वस्थ रखता है। 
    • सोयाबीन में मौजूद पर्याप्त विटामिन और मिनरल फायदेमंद होता है।     
    • आहार में ब्रोकली के सेवन से भी फायदा मिलता है।
    • स्वस्थ मुंह के लिए चुइंगम चबाने की आदत डालें लेकिन ध्यान रहे इसे बहुत देर तक चबाते ना रहें।   
    • लाल और हरी मिर्च के शौकीन हैं तो इसके सेवन से फायदा होगा। 

     पायरिया (Pyorrhoea) से लड़ने के कुछ घरेलू नुस्खे: 

    • गाजर और पालक का रस पीने से फायदा होता है।
    • सेंधा नमक या अनार के छिलके का पाउडर बना कर नियमित दांतों पर मसाज करना।
    • खाने के बाद ठीक तरह से कुल्ला करने से दांतों को सफाई हो जाती है। 
    • डॉक्टर के सलाह अनुसार रोजाना ब्रश करने के बाद माउथवॉश से कुल्ला करें।     

    दांतों की देखभाल भी बेहद जरूरी लेकिन थोड़ी सी लापरवाही भी आपको परेशानी में डाल सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा की किसी भी परेशानी को टालें नहीं और डेंटिस्ट से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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