प्रतिवर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को स्मोकिंग से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना है। सिगरेट और धूम्रपान करने वाले लोगों पर किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, देशभर में सबसे अधिक धूम्रपान कोलकाता में किया जाता है। कोलकाता में 89 प्रतिशत लोग धूम्रपान करते हैं, जबकि देश के बाकी हिस्सों में यह आंकड़ा 38 प्रतिशत है। हम सभी इस बात से अच्छे से वाकिफ हैं कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इसके बावजूद लोग जमकर जिंदगी को धुएं में उड़ाते हैं, हद तो ये हो चुकी है सिगरेट के गंदे स्वाद से बचने के लिए लोगों ने फ्लेवर्ड सिगरेट पीना शुरू कर दिया है। मिंट, क्लोव सिगरेट बाजार में पहले से ही हैं और अब सिगरेट के ऊपर फ्लेवर लगाए जा रहे हैं। युवाओं में खासकर लड़कियों में इसका ज्यादा चलन है, लेकिन उन्हें इसके खतरनाक परिणामों के बारे में जान लेना चाहिए।
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युवाओं को अट्रेक्ट करती हैं फ्लेवर्ड सिगरेट (Flavored cigarette)
कई अध्ययन के अनुसार, युवाओं द्वारा तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने में फ्लेवर्स प्रमुख भूमिका निभाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार सिगरेट पीने वाले युवाओं में 80 प्रतिशत फ्लेवर्ड उत्पाद से शुरुआत करते हैं। कई अन्य शोध कहते हैं कि युवाओं को फ्रूट और कैंडी टेस्ट वाली सिगरेट ज्यादा अच्छी लगती हैं। उन्हें लगता है कि फ्लेवर्ड टोबैको प्रोडक्ट का टेस्ट अच्छा होता है साथ ही ये स्वास्थ्य के लिए कम नुकसानदायक होते हैं। कई लोगों भ्रम होता है कि क्लोव यानी कि लौंग सिगरेट में 40 प्रतिशत लौंग होती है और 60 प्रतिशत तंबाकू होता है जिस वजह से ये हेल्थ के लिए कम नुकसानदेह होती है। क्या सच में ऐसा होता है? आइए जानते हैं इसके बारे में…
फ्लेवर्ड सिगरेट में भी होता है निकोटिन (Flavored cigarettes also contain nicotine)
बाजार में सिगरेट विभिन्न स्वाद जैसे मेन्थॉल, चॉकलेट, वेनिला, क्लोव आदि फ्लेवर में उपलब्ध हैं। युवाओं में इसका काफी क्रेज देखा जाता है। जो लोग फ्लेवर्ड सिगरेट को हेल्दी अल्टरनेटिव समझ लेते हैं उन्हें सबसे पहले यह मालूम होना चाहिए कि इसमें भी निकोटिन मौजूद होता है। सामान्य सिगरेट में निकोटिन की मात्रा 13 मिलीग्राम होती है वहीं फ्लेवर्ड सिगरेट में 7.4 मिलीग्राम निकोटीन होता है।
फ्लेवर्ड सिगरेट में होता है ज्यादा टार (Flavored cigarettes have more tar)
निकोटिन की मात्रा को देखते हुए आप जिस सिगरेट को कम हानिकारक समझ रहे हैं उसमें क्रेटेक टार की मात्रा कई ज्यादा होती है। क्रेटेक टार ही होता है जो हमारे फेफड़ों में जाकर जम जाता है। कई शोधों के मुताबिक, सामान्य सिगरेट की तुलना में लौंग वाली सिगरेट में कहीं ज्यादा मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड और टार निकलता है जो हमारे फेफड़ों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
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दांतों के लिए भी नुकसानदायक है फ्लेवर्ड सिगरेट (Flavored cigarettes are also harmful for teeth)
कई युवाओं का मानना होता है कि क्लोव हमारे दांतों के लिए अच्छा होता है। यहां तक कि कई टूथपेस्ट और डेंटल प्रोडक्ट्स में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जिस लौंग वाली सिगरेट को आप दांतों के लिए फायदेमंद समझ कर पी रहे हैं वो असल में आपके दांतों को काफी नुकसान पहुंचा रही है।
फ्लेवर्ड सिगरेट से भी होता है कैंसर का खतरा (Flavored cigarettes also increase the risk of cancer)
कई लोगों में इस बात को लेकर गलतफहमी होती है कि सिगरेट में लौंग होने से कैंसर का खतरा कम होता है या टाला जा सकता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। एक्सपर्ट्स की मानें तो फ्लेवर्ड सिगरेट पीने से सामान्य सिगरेट की तुलना में कैंसर का खतरा तीन गुना अधिक हो जाता है।
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फेफड़ों पर कैसे असर डालती है फ्लेवर्ड सिगरेट? How do flavored cigarettes affect the lungs?
बहुत सारे लोगों की पहली पसंद मेन्थॉल सिगरेट होती है, क्योंकि इसे पीने के दौरान उन्हें एक ठंडक का एहसास होता है। मेन्थॉल सिगरेट में यूगोनेल नामक यौगिक होते हैं। इसी के कारण उन्हें गले में ठंडक महसूस होती है। इस ठंडक का एहसास कराने वाले यौगिक हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर डालते हैं। यह हमारे फेफड़ों को खराब करने में योगदान करते हैं। इसके साथ ही इससे फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा भी अधिक हो जाता है। मेन्थॉल के होने से सिगरेट का धुआं ठंडा तो होता है लेकिन यह काफी नुकसान पहुंचाता है। यह स्ट्रोक, हार्ट अटैक और कार्डियोवैस्कुलर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है। एक रिसर्च के अनुसार, जो लोग फ्लेवर्ड सिगरेट पीते हैं उनकी धमनियां धीरे-धीरे सख्त होने लगती हैं। इसके साथ ही इन लोगों में हार्ट संबंधित बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
फ्लेवर्ड सिगरेट की लत (Flavored cigarette addiction)
कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सामान्य सिगरेट की तुलना में फ्लेवर्ड सिगरेट की लत से छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है। एक बार जब आप इसे पीना शुरू कर दें तो इसका एडिक्शन बहुत गंदा होता है और इससे आसानी से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है।
अमेरिका के एक हालिया अध्ययन के अनुसार साधारण सिगरेट की तुलना में फ्लेवर्ड सिगरेट अधिक हानिकारक है। जो लोग सोचते हैं कि फ्लेवर्ड सिगरेट लाइट होती है और इसमें बहुत कम टोबैको होता है, या साधारण सिगरेट की तुलना में अधिक परिष्कृत होता है। तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। फ्लेवर्ड सिगरेट स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक होती हैं। इसमें कुछ विशेष रसायन होते हैं जो सिगरेट को एक अलग टेस्ट देते हैं लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
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स्मोकिंग की आदत से हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर जैसी घातक बीमारियों के होने का खतरा अधित होता है। इसकी लत को छोड़ना चाहते हैं तो निम्न बातों पर गौर करें:
- यदि आपने तय कर लिया है कि आप स्मोकिंग की बुरी आदत को छोड़ना ही चाहते हैं तो सबसे पहले जरूरी होगा कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हो सकता है आपका डॉक्टर आपको निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी रिकमेंड करें। इसमें डॉक्टर निकोटिन च्यूइंग्म, मीठी गोलियां (Lozenges) और पैचेस (धूम्रपान छोड़ने के लिए पैचेस) लेने की सलाह देते हैं। ये सभी चीजें धूम्रपान की गंदी लत को दूर करने में मदद करेंगे। ध्यान रखें कि, निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरपी किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट की देखरेख में ही लें। इस थेरपी की मदद से आप धीरे-धीरे स्मोकिंग की आदत को कम करने लगते हैं और फिर हमेशा के लिए सिगरेट की आदत छोड़ देते हैं।
- स्मोकिग को छोड़ने के लिए दूसरी आपको जिस बात का ध्यान रखना है वो यह कि कैफीन का कम से कम सेवन करें। साथ ही जितना हो सके उतना पानी पीएं।
- सुबह सैर पर जाएं और खुली हवा में कसरत करें। इससे भी आपको अच्छा महसूस होगा।
- स्मोकिंग करने वाले दोस्तों से कुछ दिन के लिए दूरी बनाएं। क्योंकि उनसे मिलकर जब वो लोग स्मोक करेंगे तो आपका भी मन करेगा। इसलिए बेहतर होगा आप कुछ अपने ऐसे दोस्तों से जाकर मिलें जो स्मोकिंग न करते हो।
- खुद को ऐसी जगहों पर जाने से रोकें जहां लोग स्मोक कर रहे हों। ज्यादातर अपना समय नॉन स्मोकिमग एरिया में जाकर बिताएं।
- जब आप स्मोकिंग की आदत को छोड़ने की शुरुआत करेंगे तो हो सकता है शुरू के कुछ दिनों में आपको सिरदर्द की शिकायत हो या मूड में चिड़चिड़ापन हो। इस फीलिंग से बचने के लिए वापस स्मोकिंग की तरफ जाने का मन करेगा लेकिन आपको ऐसा नहीं करना। आप खुद को फ्रेश रखने की कोशिश करें। जिम में समय बिताएं। इसके बाद अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ घूमने जाएं। ध्यान रखिएगा आप उन्हीं लोगों के साथ हैंगआउट का प्लान करें जो लोग स्मोक नहीं करते हों।
शोधकर्ताओं के अनुसार, फ्लेवर्ड सिगरेट का सेवन करने से बचें। हो सके तो अपनी जीवनशैली से किसी भी तरह की सिगरेट को शामिल न करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य जोखिम की संभावना कम होगी और साथ ही जीवन काल बढ़ेगा। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में फ्लेवर्ड सिगरेट से जुड़ी लोगों में गलतफहमी को लेकर हर जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि इससे जुड़ा आपका कोई सावाल है तो आप कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।
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