हम पूरी जिंदगी नौकरी करते हैं और सोचते हैं कि रिटायरमेंट (Retirement) के बाद सुखी जीवन व्यतीत करेंगे। सिर्फ नौकरी ही क्यों, हम अपने परिवार और बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए भी कितने प्रयास और चिंता करते हैं। आखिर, इन सभी चिंता और नौकरी से छुटकारा पाकर एंजॉय करने का समय है रिटायरमेंट। लेकिन, यह क्या? खराब सेहत, बीमारियों, अन्य चिंता, खालीपन और सैलरी न मिल पाने के गम ने इस एंजॉयमेंट को खराब कर दिया है। जी हां, कई सीनियर सिटीजन को इस समस्या का सामना करना पड़ता है और जिस सुख और आनंद की कल्पना वह जिंदगी भर करते रहते हैं, उसे जी ही नहीं पाते। लेकिन आपको यह परेशानी न झेलनी पड़े, इसलिए आप अपने लिए एक हेल्दी और हैप्पी रिटायरमेंट (Retirement) प्लान कर सकते हैं। तो इस आर्टिकल में जानें हेल्दी और हैप्पी रिटायरमेंट के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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रिटायरमेंट (Retirement) को हैप्पी और हेल्दी बनाने के टिप्स
रिटायरमेंट की उम्र का चुनाव करना
अगर आप किसी सरकारी संस्था में नौकरी कर रहे हैं, तो यकीनन आपकी रिटायरमेंट (Retirement) की उम्र तय होगी। लेकिन, किसी भी देश में प्राइवेट नौकरी करने वालों की संख्या कम नहीं होती है और ऐसे में अगर आप प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं या फिर सरकारी नौकरी के बाद भी कोई प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं, तो सबसे पहले अपने लिए रिटायरमेंट की एक सही उम्र का चुनाव करें। रिटायरमेंट (Retirement) की उम्र का चुनाव करने के लिए अपने भविष्य, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, लक्ष्य आदि का ध्यान रखना जरूरी है। वहीं चाहें तो अपने हिसाब से अपने सपनों का घर बनाएं।
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रिटायरमेंट (Retirement) के लिए सेहत का ध्यान रखें
रिटायरमेंट मतलब बुढ़ापा और वृद्धावस्था में कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं आपको घेर सकती हैं। इसलिए, एक्सरसाइज, योगा और मेडिटेशन आदि की मदद से अपने स्वास्थ्य को सही रखें, ताकि आपको रिटायरमेंट (Retirement) के समय किसी भी बीमारी की वजह से दिक्कत न झेलनी पड़े। आइए, बुढ़ापे में होने वाली कुछ आम स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानते हैं।
- बुढ़ापे तक पहुंचते-पहुंचते शरीर में कोई न कोई क्रोनिक बीमारी हो ही जाती है। जैसे- डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, अल्जाइमर, दिल की बीमारी आदि।
- बुढ़ापे में भूलने की बीमारी यानी अल्जाइमर या डिमेंशिया आदि के होने की काफी आशंका होती है।
- वृद्धावस्था आते-आते शरीर की मसल्स की ताकत खोने लगती है और दर्द रहना शुरू हो जाता है। मसल्स की ताकत खत्म हो जाने से उनके चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है।
- सीनियर सिटीजन के शरीर में पाचन क्रिया, पोषण अवशोषण आदि की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। जिससे, हड्डियों की मजबूती या शरीर को पोषण मिलना कम हो जाता है।
- वृद्धों को सेंसरी इंपेयरमेंट सबसे ज्यादा परेशान करता है। यह समस्या तब होती है, जब आपके शरीर के किसी सेंसर यानी सुनने, देखने, सूंघने आदि की क्षमता में कोई कमी आने लगती है।
- बुढ़ापे में या रिटायरमेंट (Retirement) के समय तक लोगों की ओरल हेल्थ का स्तर गिरने लगता है। जिससे उनको कैविटी या सांसों की बदबू जैसी मुंह की समस्या, मसूड़ों की दिक्कत या मुंह का कैंसर होने की आशंका भी होती है।
- हम अपनी पूरी उम्र में जो धूम्रपान, शराब या ड्रग्स की गलत आदते पाल लेते हैं। यह सभी बुढ़ापे में जाकर अपना पूरा असर दिखाती हैं।
- बुढ़ापे में ब्लैडर और कब्ज की समस्या काफी आम होती हैं। जो कि वृद्ध लोगों को काफी परेशान करती हैं।
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रिटायरमेंट (Retirement) के बाद रहने का स्थान
पूरी जिंदगी चिंता और परेशानी झेलने के बाद रिटायरमेंट (Retirement) के समय कहीं शांत और खुशनुमा जगह रहने का अगर आपको मन है, तो आप इसके लिए भी प्लान कर सकते हैं। जो कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा निर्णय होगा।
सभी कागजात और रिकॉर्ड को पूरा रखें
आपको रिटारमेंट से पहले ही सभी जरूरी सरकारी और प्राइवेट कागजातों का इंतजाम कर लेना चाहिए। ताकि, रिटायरमेंट (Retirement) के बाद आपको किसी भी तरह की भागदौड़ न करनी पड़े। इसके लिए आप जन्म प्रमाणपत्र, इंश्योरेंस पेपर, लोन के पेपर, फिक्स्ड डिपोजिट के पेपर, वसीयत आदि का इंतजाम कर सकते हैं।
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रिटायरमेंट (Retirement) के बाद आर्थिक स्थिति
रिटारमेंट के बाद आपकी आमदनी बंद हो जाती है और सेविंग्स करने की प्रक्रिया भी रूक जाती है। ऐसे में अपने जरूरी खर्चों के भुगतान के लिए आपको अपनी आर्थिक स्थिति रिटायरमेंट (Retirement)के बाद भी सही रखनी पड़ेगी। इसके लिए आप मेडिकल इंश्योरेंस, फिक्स्ड डिपोजिट, इंवेस्टमेंट, प्रॉपर्टी, लिक्विड एसेट आदि सेव कर सकते हैं।
एडवाइजर की मदद लें (Get an adviser help)
रिटारमेंट के बाद आर्थिक स्थिति से मजबूत और स्वतंत्र होना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको बेहतर सलाह प्राप्त करने के लिए एडवाइजर की मदद भी ले सकते हैं। ताकि, आप रिटायरमेंट के बाद किसी भी तरह की चिंता से दूर रह सकें। आप एकाउंटेंट, फाइनेंशियल प्लानर, इंश्योरेंस एजेंट, इंवेस्टमेंट एडवाइजर, एटॉर्नी आदि की सर्विस ले सकते हैं।
रिटायरमेंट के लिए बजट का चुनाव (Selection of budget for retirement)
रिटायरमेंट के समय किसी भी अनिश्चित जरूरत के लिए सेविंग्स और इंवेस्टमेंट का होना तो जरूरी है। लेकिन, आपको अपने रिटायरमेंट बकेट लिस्ट को पूरा करने के लिए भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए, आप एक बजट का चुनाव कर सकते हैं और उसके लिए जरूरी इंवेस्टमेंट भी कर सकते हैं।
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रिटायरमेंट के बाद बिजी रहना
देखिए, आप कितना भी खुश हो लें कि रिटारमेंट के बाद आपको ज्यादा काम नहीं करना पड़ेगा। लेकिन, सच्चाई यह है कि इंसान जब खाली होता है, तो भी वह परेशान होने लगता है। इसके लिए, आप कुछ क्रिएटिव चीजें कर सकते हैं या सीख सकते हैं। देखिए, कुछ सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती है, इसलिए आप बिना झिझके या हिचकिचाहट के पेंटिग्स, राइटिंग, ड्रम, पियानो, बांसुरी आदि कुछ भी सीख सकते हैं।
अकेलापन से दूर रहें
सोचिए, आप रिटायर हो चुके हैं और घर में बाकी सभी अपने-अपने काम पर जा चुके हैं। अब इस अकेलेपन में रहने की वजह से आपको कई मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। जैसे- डिप्रेशन, चिड़ाचिड़ापन, उदासी आदि। लेकिन, आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको इससे भी बचने का तरीका बताएंगे। इससे बचने के लिए आप किसी सीनियर सिटीजन क्लब, लाफ्टर क्लब आदि को जॉइन कर सकते हैं या फिर एक लिस्ट बना सकते हैं और अपने शहर या आसपास रहने वाले लोगों से मिलने जा सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि यह रिटायरमेंट टिप्स आपके काफी काम आएंगे और आपको एक बेहतर रिटायरमेंट प्लान बनाने में मदद करेंगे।
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