‘स्लीप हैल्थ जर्नल’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार तरीका चाहे कोई भी हो। जरूरी है उसको नियमित रूप से फॉलो करना। यदि आप हर दिन एक नई तकनीक आजमाएंगे तो बच्चा ही नहीं आप भी परेशान रहेंगे। इसलिए बच्चों को सुलाना या स्लीप ट्रेनिंग के लिए पहले आप अपनी तैयारी करें और फिर बच्चे को ट्रेनिंग दें।
बच्चों की नींद अगर पूरी नहीं होती है, तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है। ऐसे में नींद का पूरा होना बहुत जरूरी होता है। आप बच्चे को ऐसा माहौल दें, जिससे उसे आराम से नींद आ जाए। कुछ बच्चों को अंधेरे में नींद नहीं आती है, ऐसे में उनके कमरे में आप हल्की लाइट लगा सकते हैं, ताकि उन्हें समस्या न हो। अगर बच्चे को अक्सर डरावने सपने के कारण नींद न आने की समस्या हो गई है, तो आपको उन्हें डरावने टीवी सीरियल या फिर अन्य चीजों से दूर रखने की जरूरत है, जो उनके बुरा सपनों का कारण हो सकती है।
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उम्मीद है बच्चे को इस तरह की बच्चों को सुलाना या स्लीप ट्रेनिंग देने के बाद उसकी नींद में सुधार आएगा। लेकिन, अगर आपको लगे कि बच्चे को स्लीप ट्रेनिंग देने पर भी वो ठीक से नहीं सो पाता और दिन भर चिड़चिड़ा रहता है, तो एक बार उसे बच्चों के डॉक्टर से पास ले जाएं। हो सकता है कि इसका कारण कुछ और हो और बच्चा किसी समस्या से परेशान हो रहा हो। ऐसे में डॉक्टर सही कारणों का पता लगाकर उसे सटीक दवा दे सकते हैं, जिससे उसे ठीक से नींद भी आए और समस्या दूर भी हो जाए।
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