1) नींद न आ रही हो तो, बिस्तर से बाहर निकलें
बार-बार करवट ही बदले जा रहे हों तो, बिस्तर से बाहर आकर कुछ पढ़ लेना या रिलेक्सिंग म्यूजिक सुन लेना फायदेमंद हो सकता है। बिस्तर में रहते हुए बार-बार समय देखने से अच्छा है कि थोड़ा टहल लें। नींद की कमी के कारण मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह भी इंसोम्निया के मिथक में से एक है।
2) खुद को सोने के लिए अभ्यस्त करें
सही समय में उठने और सोने के लिए आप अपने शरीर को अभ्यस्त कर सकते हैं। इसकी कुंजी समय पर सोना और उठना ही है। एक समय निर्धारित कर लें। सोने से करीब एक घंटे पहले किताब पढ़ें या गुनगुने पानी से नाहा लें। जो भी चीज आपको नींद दिलाए उसे नियमित रूप से करें।
3) एक्सरसाइज से नींद आती है
यह सच है कि एक्सरसाइज से नींद आती है। यदि आपको नींद न आने की दिक्कत है तो, कोशिश करें कि आप सोने से करीब दो या तीन घंटे पहले एक्सरसाइज करें। चूंकि कई एक्सरसाइज के कारण आपकी बॉडी सक्रिय हो जाती है। इससे आपकी बॉडी का तापमान भी बढ़ जाता है। इस तापमान को पूरी तरह उतरने में करीब छह घंटे लगते हैं। इस कारण सोने और एक्सरसाइज के बीच समय में अंतर रखें।
इंसोम्निया से जुड़ी समस्या किसी को भी हो सकती है। चाहे बच्चे हो या बड़ें। इसोम्निया का इलाज न खुद करें और न ही लोगों से पूछकर। कोशिश करें कि इंसोम्निया के मिथक और फैक्ट को अच्छी तरह टटोल लें और अपने डॉक्टर से जल्द से जल्द मुलाकात करें। तो अगर आप इंसोम्निया के मिथक पर शुरू से भरोसा करते आए हैं, तो इन्हें अपने दिमाग से निकला दें और बेहतर नींद के लिए आप ऊपर बताए गए टिप्स अपना सकते हैं।
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