योग मन, तन और आत्मा को शुद्ध करने वाली ऐसी विधि है, जिसे हर उम्र के लोग कर सकते हैं। योग के सभी आसनों के नाम अधिकतर लोगों को एक जैसे लगते हैं। यही नहीं जो लोग योग के बारे में अधिक नहीं जानते उन्हें इसे करने का तरीका भी एक जैसा ही लगता है। लेकिन जब आप योग सीखना शुरू करते हैं, तब आप इन आसनों के बारे में सही तरह से जान पाते हैं और उनके फायदों को भी महसूस कर पाते हैं। आज हम आपको योग के एक बेहतरीन पोज जिसे वृक्षासन (Vrikshasana) कहते हैं, उसके बारे में बताने वाले हैं। जानिए वृक्षासन के बारे में विस्तार से।
क्या है वृक्षासन?
वृक्षासन को ट्री पोज (Tree Pose) भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें की जाने वाली मुद्रा वृक्ष के जैसी लगती है। वृक्षासन संस्कृत का शब्द है, जैसा कि नाम से पता चलता है, यह प्राकृतिक सार्वभौमिक बल (natural universal force) और आपकी आंतरिक शक्ति के बीच का एक पुल है। वृक्षासन एक ऐसा पोज है, जिससे शरीर में संतुलन बनाने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। इस योगासन को करते हुए आंखों को खुला रखना आवश्यक होता है, ताकि शरीर का संतुलन बना रहे। इस आसन को करने से टांगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर की स्थिरता भी बनी रहती है। यह बहुत ही सरल आसनों में से एक है और सबसे अधिक फायदेमंद भी है। जानिए कैसे करें इस बेहतरीन आसन को और क्या हैं इसके फायदे?
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वृक्षासन कैसे करें?
वृक्षासन करने का आसान तरीका इस प्रकार है:
- वृक्षासन करने के लिए किसी शांत और साफ-सुथरी जगह पर एक दरी या मैट बिछा लें।
- अब मैट पर बिलकुल सीधे खड़े हो जाएं।
- इस दौरान आपके दोनों पैरों के बीच की दूरी अधिक नहीं होनी चाहिए।
- अपने हाथों को अपने शरीर के दोनों ओर सीधा रखें।
- अब अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और दाएं पैर को अपनी बाई जांघ पर रखें। ध्यान रहे, इस दौरान आपके दाएं पैर का तलवा, बाई जांघ पर सीधा रखा हो।
- इस दौरान अपना संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें और साथ ही गहरी सांस लेते रहें।
- अब अपने दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में अपनी छाती के पास रखें।
- इसके बाद धीरे-धीरे इसी मुद्रा में अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं।
- अपने ध्यान को अपने सामने किसी चीज पर केंद्रित करें।
- इस मुद्रा में आपका शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए।
- कुछ समय तक अपने शरीर का संतुलन बनाए रखें और इसी पुजिशन में रहें।
- इसके बाद अपने हाथों को नीचे ले जाएं और अपनी शुरुआती स्थिति में आ जाएं।
- इसके बाद इसी प्रक्रिया को फिर से दूसरे पैर के साथ दोहराएं। ऐसा करने से इस पुजिशन का एक चक्र पूरा हो जाता है।
- अपनी क्षमता के अनुसार इस आसन के चक्रों को दोहराएं।
- इसी तरह से दिन में तीन से पांच बार इस आसन को करना आपके लिए लाभदायक होगा।
आप ऊपर बताये तरीकों को फॉलो कर वृक्षासन करें और शरीर को स्वस्थ्य रखें।
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वृक्षासन करने के फायदे क्या हैं?
वृक्षासन के फायदे इस प्रकार हैं:
शरीर का संतुलन बनाने में मददगार
वृक्षासन शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करने वाला आसन है। इस आसन को करते हुए शरीर का बैलेंस बनाना बेहद आवश्यक होता है। जब आप अपने शरीर का बैलेंस बनाने में अपने ध्यान को केंद्रित करते हैं, तो इससे हमारे मस्तिष्क को भी फायदा मिलता है।
रीढ़ की हड्डी होती है मजबूत
इस आसन में पेड़ की तरह स्थिर खड़ा होना पड़ता है। एक ही जगह पर सीधा खड़े होने के कारण रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। यह आसन स्नायुबंधन, कूल्हों और टखने को मजबूत करता है। पैरों के मांसपेशियों को मजबूत बनाने में यह अहम भूमिका निभाता है और साथ ही साथ पैरों को शक्तिशाली भी बनाता है। ऐसा भी माना जाता है कि वृक्षासन नियमित करने से गठिया का दर्द और इसमें होने वाली सुन्नता की समस्या से राहत मिल सकती है।
घुटनों के लिए फायदेमंद
घुटनों के दर्द से जो पीड़ित होते हैं, उनके लिए यह आसन बेहद फायदेमंद होता है। रोजाना इसे करने से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलता है। यही नहीं, एड़ियों के दर्द को दूर करने के लिए भी यह योगासन फायदेमंद है। यह एड़ियों के लचीलेपन को बढ़ाकर मोच आदि होने की संभावना को कुछ हद तक कम करने में मदद करता है।
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मन की बढ़ती है एकाग्रता
यह आसन करने से दिमाग या मन की स्थिरता बढ़ती है। इसके साथ ही तनाव, चिंता और डिप्रेशन आदि से छुटकारा पाने में भी यह आसन लाभदायक है। वृक्षासन आपके मन को शांत करता है और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से संतुलन बनाने और ध्यान केंद्रित करने में आपकी मदद करता है।
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वजन बढ़ने से रोकता है
वृक्षासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर की चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। यानी यह आसन वजन को कम करने में लाभदायक है। वेट लॉस के लिए इस आसन को रेगुलर करने की आदत डालें।
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वृक्षासन के एक नहीं बल्कि कई शारीरिक लाभ मिलते हैं, लेकिन इस आसन को करने के पहले और करने के बाद कुछ खास आसनों को करना भी जरूरी है।
वृक्षासन के पहले की जाने वाली योगासन-
- बद्ध कोणासन
- उत्थित त्रिकोणासन
- वीरभद्रासन 2
वृक्षासन के बाद की जाने वाली योगासन-
- उत्थित हस्त पादांगुष्ठासन
- अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन
इन बातों का रखें ध्यान
- वृक्षासन को सुबह के समय करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर आप इसे शाम के समय करना चाहते हैं, तो इस योगासन को भोजन से कुछ समय पहले या बाद में करें।
- खाने के एकदम बाद या पहले इस आसन को करने से बचें। इसके साथ ही ध्यान रखें कि इसे करते हुए आपका पेट एकदम खाली होना चाहिए।
- गर्भावस्था में वृक्षासन किया जा सकता है, किंतु इसे डॉक्टर की सलाह और किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही करें।
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वृक्षासन को किन स्थितियों में न करें
- अगर आपके घुटनों या एड़ियों में अधिक दर्द है, तो वृक्षासन ना करें।
- ब्लड प्रेशर की समस्या होने की स्थिति में भी इस आसन को नहीं करने की सलाह दी जाती है । अगर आपका ब्लड प्रेशर अधिक है या कम है तो दोनों ही स्थितियों में इस योगासन को ना करें।
- अगर आपको नींद नहीं आने की परेशानी रहती है या माइग्रेन की समस्या हो, तो भी आपको इस आसन को नहीं करना चाहिए ।
- जिन लोगों को कूल्हों में चोट लगी हो, उन लोगों को भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।
अगर आपको वृक्षासन करने के दौरान बॉडी बैलेंस करने में परेशानी महसूस होती है, तो आप दीवार की सहायता ले सकते हैं। शुरुआती दिनों में वॉल सपोर्ट लेकर वृक्षासन करें और धीरे-धीरे बिना किसी सहारे के इस आसन को करें।
वृक्षासन या किसी भी योगासन को अपनी मर्जी से करना हानिकारक हो सकता है। इसलिए योग की शुरुआत करने से पहले अपने डॉक्टर या योगा एक्सपर्ट की सलाह लें और अभ्यास शुरू करें।
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