पैड और मेंस्ट्रुअल कप (Pad and Menstrual cup) को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल आने लगे हैं। इनसे जुड़े कई मिथक भी हैं, जिनके चलते महिलाएं अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा लेती हैं। इस स्थिति में जानना जरूरी है कि पैड और मेंस्ट्रुअल कप (Pad and Menstrual cup) में क्या सामानताएं और भिन्नताएं हैं। इसी आधार पर आप निर्णय ले सकेंगी कि पीरियड्स (Periods) के दौरान दोनों में से किसका प्रयोग बेहतर है। इसके अलावा इस आर्टिकल में आपको पैड और मेंस्ट्रुअल कप (Pad and Menstrual cup) से जुड़ी ऐसी बातें जानने को मिलेंगी जिसके बारे में शायद ही आपने पहले सुना हो।
पैड और मेंस्ट्रुअल कप (Pad and Menstrual cup) में से क्या है बेहतर? जानें डॉक्टर की राय
पैड और मेंस्ट्रुअल कप (Pad and Menstrual cup) में से क्या बेहतर है, इस संबंध में हैलो स्वास्थ्य ने वाराणसी के काशी मेडिकेयर की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. शिप्रा धर से बात की। डॉ. शिप्रा धर ने बताया कि “पीरियड्स महिलाओं के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा है। पैड और मेंस्ट्रुअल कप में ज्यादातर महिलाएं पैड का ही इस्तेमाल करती हैं। इसका कारण यह भी है कि वे मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual cup) के बारे में ज्यादा नहीं जानती हैं। जबकि पैड और मेंस्ट्रुअल कप में ज्यादा सुरक्षित है। इससे किसी भी प्रकार का इंफेक्शन (Infection) होने का खतरा कम रहता है। लेकिन कप का इस्तेमाल करना पैड की तुलना में कठिन है, इसलिए महिलाएं पैड को अपनाती हैं। पैड और मेंस्ट्रुअल कप में से कुछ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पीरियड्स में बस हाइजीन का ध्यान देना चाहिए। पैड को हर 4-5 घंटे और मेंस्ट्रुअल कप को हर आठ घंटे के बाद बदल लेना चाहिए। इससे किसी भी तरह के वजायनल संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।”
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पैड और मेंस्ट्रुअल कप (Pad and Menstrual cup) और सैनेटरी पैड क्या है?
सैनेटरी पैड को सेनेटरी नैपकिन या मेंस्ट्रुअल पैड कहा जाता है। ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स के दौरान सैनेटरी पैड का ही इस्तेमाल करते हैं। सैनेटरी पैड कॉटन या अन्य फेब्रिक से बनाया जाता है। जो पीरियड्स में निकलने वाले ब्लड को सोखने की क्षमता रखता है। सैनेटरी पैड कुछ इंच लंबा होती है जो पांच से छह घंटे तक ब्लीडिंग को सोख सकता है। सैनेटरी पैड को अंडरवियर पर चिपका कर इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कुछ महिलाओं में सैनेटरी पैड के इस्तेमाल से तरह-तरह की परेशानियां देखी गई हैं। इसलिए वे सैनेटरी पैड को पीरियड्स के लिहाज से सुरक्षित नहीं मानती हैं।
सैनेटरी पैड के बारे में फैक्ट्स
- सैनेटरी पैड में ब्लड के सोखने के लिहाज से पेट्रोलियम बेस्ड सुपरअब्जॉर्बेंट जेल का इस्तेमाल होता है। इसमें पॉलीएक्रिलेट और स्फैग्नम होता है।
- सैनेटरी पैड में मौजूद जेल आपके वजायना से जा कर चिपकता है। जिससे वजायना से निकला हुआ ब्लड सीधे जेल के अंदर जाता है और जेल उसे सोख लेता है। इस कारण से पैड की ऊपरा सतह सूखी रहती है। लेकिन वजायना को जो नुकसान होता है वह यह है कि पैड वजायना से चिपकने के कारण वजायना पूरी तरह से सूख नहीं पाता है। वजायना न सूखने के कारण फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। ऐसा होने के पीछे कारण सिर्फ इतना सा है कि वजायना को हवा नहीं पहुंच पाती है।
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मेंस्ट्रुअल कप क्या है? (What is Menstrual cup?)
मेंस्ट्रुअल कप सबसे कम इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये पैड की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है। मेंस्ट्रुअल कप घंटी के आकार का मुलायम और लचीले लैटेक्स का बना एक कप होता है। जिसे वजायना में डाल कर पीरियड्स में ब्लड को इकट्ठा किया जाता है। जब मेंस्ट्रुअल कप भर जाता है तो उसे वजायना से निकाल कर उसमें जमा ब्लड खाली करना पड़ता है। मेंस्ट्रुअल कप को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन सिंगल यूज के लिए भी मेंस्ट्रुअल कप मिलते हैं। एक रिसर्च में पाया गया है कि पैड और मेंस्ट्रुअल कप की तुलना में मेंस्ट्रुअल कप से लीकेज का रिस्क कम होता है।
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मेंस्ट्रुअल कप के बारे में फैक्ट्स (Facts about Menstrual cup)
- मेंस्ट्रुअल कप सिलिकॉन या रबर से बनता है। जिसमें लैटेक्स शामिल होता है। इस कारण मेंस्ट्रुअल कप लचीला होता है और वजायना के अंदर डालने में भी आसान रहता है।
- मेंस्ट्रुअल कप में प्लास्टिक, पॉलीएक्रिलेट्स, पॉलीप्रोपाइलिन, रिसाइकिल्ड पेपर, क्लोरिन-ब्लीच्ड वुड पल्प, रेयॉन, फाइबर या डायॉक्सिन न होने के कारण टॉक्सिन शॉक सिंड्रोम होने का खतरा न के बराबर रहता है।
पैड और मेंस्ट्रुअल कप के फायदे और नुकसान क्या हैं? (Benefits of Pad and Menstrual cup)
सैनेटरी पैड के फायदे क्या हैं? (Benefits of sanitary pad)
- बाजार में सैनेटरी पैड के कई सारे विकल्प उपलब्ध हैं। जैसे- लॉन्ग पैड, शॉर्ट पैड, लॉन्ग लास्टिंग पैड आदि।
- सैनेटरी पैड अंडरवियर में चिपकाने के कारण पैड अपने जगह से हिलते नहीं है।
- हैवी पीरियड्स में सैनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप में से पैड ज्यादा देर तक चलता है। लेकिन, यह अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग अनुभव देता है।
- आप सैनेटरी पैड को रात में पहन के सो भी सकती हैं। जिससे लीकेज का कोई डर नहीं रहता है।
- सैनेटरी पैड को वजायना में अंदर डालने की जरूरत नहीं है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा कम होता है।
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सैनेटरी पैड के नुकसान क्या हैं? (Side effects of Sanitary pad)
- सैनेटरी पैड बहुत पतले होते हैं और अगर वे अच्छे क्वालिटी के नहीं हैं तो लिकेज का डर रहता है।
- सैनेटरी पैड पहनकर आप स्वीमिंग नहीं कर सकते हैं।
- सैनेटरी पैड पर्यावरण में डिस्पोज करने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।
- सैनेटरी पैड चलने-फिरने के दौरान सिकुड़ जाता है, जिससे अंडरवियर खराब हो सकता है।
- सैनेटरी पैड के इस्तेमाल से रैशेज की भी समस्या हो जाती है। पैड्स से अक्सर रैशेज हो जाते हैं, लेकिन मेंस्ट्रुअल कप से रैशेज नहीं होते हैं।
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मेंस्ट्रुअल कप के फायदे क्या हैं? (Benefits of Menstrual cup)
- मेंस्ट्रुअल कप को डिस्पोज नहीं करना पड़ता है, इस तरह से ये इकोफ्रेंडली हैं।
- इससे ब्लड के लीक होने की संभावना काफी कम होती है।
- आप मेंस्ट्रुअल कप को 12 घंटे तक इस्तेमाल कर सकती हैं।
- कप के साथ आप स्वीमिंग आसानी से कर सकती हैं।
- कप के कारण आपके वजायना का पीएच (pH) बैलेंस भी बना रहता है।
- कप को एक बार वजायना में अच्छी तरह डालने के बाद आपको कप महसूस नहीं होता है।
- पीरियड्स के कारण आने वाली बदबू भी नहीं होती है।
मेंस्ट्रुअल कप के नुकसान क्या हैं? (Side effects of Menstrual cup)
- मेंस्ट्रुअल कप को उंगलियों की मदद से वजायना से निकालना पड़ता है। इसके बाद कप में जमे हुए ब्लड को डंप करना पड़ता है। इसके बाद कप को साफ कर के फिर से इन्सर्ट करना पड़ता है। जिसमें थोड़ा वक्त जाता है।
- मेंस्ट्रुअल कप को इस्तेमाल के बाद गर्म पानी में उबालना पड़ता है, ताकि वह बैक्टीरिया से मुक्त हो जाए।
- अगर आपको फाइब्रॉइड है तो मेंस्ट्रुअल कप के वजायना में फिट करने में समस्या होती है।
- अगर आप आईयूडी गर्भनिरोधक को अपना रही है तो मेंस्ट्रुअल कप निकालते वक्त धागा खींच सकता है और अपनी जगह से हट सकता है। जिससे पीरियड्स के बाद गर्भवती होने की संभावना बढ़ सकती है।
- मेंस्ट्रुअल कप को वजायना में डालने में कठिन सा लगता है। जिस कारण महिलाएं इसे इस्तेमाल करने से कतराती हैं।
- मेंस्ट्रुअल कप के लैटेक्स से आपको एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।
पैड और मेंस्ट्रुअल कप (Pad and Menstrual cup) में से कौन महंगा है?
एक पैड की कीमत लगभग 8 से 12 रुपये तक मिलता है, जबकि एक मेंस्ट्रुअल कप की कीमत लगभग 400 रूपए पड़ती है। इस लिहाज से आपको लगेगा कि मेंस्ट्रुअल कप पैड की तुलना में महंगा है। लेकिन यह गलत है, मेंस्ट्रुअल कप सस्ता पड़ता है। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं कि कप को आप कई बार इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण एक बार पैसे लगाने के बाद आपको कई महीनों तक खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। जबकि पैड एक बार इस्तेमाल के बाद आप दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप एक महीने में पीरियड्स में 10 पैड्स इस्तेमाल करते हैं तो आप लगभग 120 रूपए खर्च करेंगे। मेंस्ट्रुअल कप का दाम भले महंगा है, लेकिन कई महीनों के खर्च से छुट्टी तो देगा।
हैलो स्वास्थ्य पैड और मेंस्ट्रुअल कप को लेकर किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। अगर आपके पास इससे संबंधित सवाल है तो एक बार डॉक्टर से जरूर परामर्श करें। इसके अलावा किसी भी महिला को पीरियड में से क्या इस्तेमाल करना है ये उनकी सुविधा पर निर्भर करता है।
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