विजयसार शरीर में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसमें एंटी-हायपरलिपेडिक गुण मौजूद होते हैं, जो आपके लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और सीरम ट्रायग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इस जड़ी-बूटी की मदद से मधुमेह के आम लक्षण जैसे बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते हुए जलन आदि से भी छुटकारा मिलता है। विजयसार का पाउडर आसानी से उपलब्ध होता है, जिसे पानी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
सदाबहार
सदाबहार का पौधा मूल रूप से भारतीय है, जो कि टाइप-2 डायबिटीज के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट की तरह काम करता है। आयुर्वेद में मधुमेह के इलाज में इसका जिक्र किया जाता है। इसकी पत्तियों को चबाने से ब्लड शुगर कंट्रोल होता है।
डायबिटीज की आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic medicine for diabetes)
निशामलकादि चूर्ण
यह आयुर्वेदिक चूर्ण हल्दी और आंवला पाउडर से मिलकर बना होता है। शुगर कंट्रोल की आयुर्वेदिक दवा के रूप में इसका इस्तेमाल काफी प्रभावी होता है। एक स्टडी में पाया गया कि इसके उपयोग से हाइपरग्लाइसेमिया (शरीर में ग्लूकोज की अधिकता) को नियंत्रित करने और लिपिड के स्तर को कम करने में मददगार साबित होता है।
त्रिफलादि चूर्ण
एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार 45 दिनों के लिए त्रिफला पाउडर की 5 ग्राम मात्रा के सेवन से ब्लड शुगर लेवल में काफी कमी देखी गई। ऐसा सोर्बिटोल (Sorbitol) जैसे सक्रिय तत्व की वजह से हो सकता है।
चंद्रप्रभा वटी
ग्लाइकोसुरिया (Glycosuria) यानी यूरिन में शुगर की मात्रा के इलाज के लिए चंद्रप्रभा वटी डायबिटीज की उत्कृष्ट आयुर्वेदिक दवा है। यह यूरिन में असामान्य ग्लूकोज की उपस्थिति को कम करती है। हल्दी, आंवला, चिरायता, नीम की भीतरी छाल जैसी कई औषधीय गुणों से भरपूर हर्ब्स से मिलकर यह दवा बनाई जाती है। इसका इस्तेमाल प्रमेह दोष को कम करने के लिए किया जाता है, जो मोटापे, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और मधुमेह के साथ-साथ कई दूसरी बीमारियों में भी लाभदायक होती है।
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निशा कटकादि कषाय
यह हर्बल काढ़ा कत्था, आंवला, आम के बीज जैसे कई जड़ी-बूटियों का मिश्रण है। इसके इस्तेमाल से मधुमेह के लक्षण (जैसे कि थकान, हाथ-पैर में जलन, अधिक प्यास लगना आदि) में राहत मिलती है। इसके सेवन से डायबिटीज मेलिटस को मैनेज करना आसान हो जाता है।
फलत्रिकादि क्वाथ (Phalatrikadi kwath)
यह आयुर्वेदिक काढ़ा खाने के पाचन में सुधार और खाने के ब्रेकडाउन के उचित अवशोषण को सही करता है। नतीजन, मधुमेह के उपचार में बेहद उपयोगी और प्रभावी साबित होता है। डायबिटीज के लिए यह आयुर्वेदिक काढ़ा शरीर से अपच भोजन को हटाने का भी काम करता है।
नोट: ऊपर बताई गई डायबिटीज की आयुर्वेदिक दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।
डायबिटीज के लिए योग (Yoga for Diabetes)
आयुर्वेद में मधुमेह के रोगियों को विशिष्ट योग मुद्राएं करने की सलाह भी दी जा सकती है। माना जाता है कि कुछ योगासन अग्न्याशय को उत्तेजित करते हैं और इसके कार्य में सुधार करते हैं। डायबिटिक पेशेंट मधुमेह रोग के इलाज के लिए निम्न योगासन कर सकते हैं। हालांकि, ये योगा पुजिशन एक्सपर्ट की सलाह से ही करें। ताड़ासन, पवनमुक्तासन, गोमुखासन, वक्रासन, धनुरासन, मयूरासन, पश्चिमोत्तानासन, उष्ट्रासन आदि योगासन डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज में लाभकारी साबित हो सकते हैं।
डायबिटीज के लिए प्राणायाम
प्राणायाम मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह मुख्य रूप से मोटापा और स्ट्रेस जैसे डायबिटीज के कारणों को कम कर सकता है। आयुर्वेद भस्त्रिका, भ्रामरी, सूर्यभेदन जैसे प्राणायाम करने की सलाह देता है।
जीवनशैली
आयुर्वेद के अनुसार आहार और जीवनशैली में बदलाव