गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। प्रेगनेंसी पीरियड में होने वाली समस्याएं चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, खास तौर पर जब महिला की उम्र अधिक हो और वो मेनोपॉज के क़रीब हो। इस दौरान प्रेगनेंसी से जुड़ा एक सवाल जो सबके मन में आता है, वह है क्या मेनोपॉज के बाद प्रेग्नेंट हुआ जा सकता है? प्रेगनेंसी और मेनोपॉज का कोई संबंध नहीं माना जाता, क्योंकि मेनोपॉज के बाद प्रेग्नेंट होना लगभग नामुमकिन होता है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के बीच क्या संबंध है और क्या यह मुमकिन है कि मेनोपॉज के बाद प्रेग्नेंट हुआ जा सकता है? लेकिन उससे पहले आपके लिए जानना जरूरी है कि मेनोपॉज की भी अलग-अलग स्टेजेस होती है, जिसके बारे में समझना बेहद जरूरी है। आइए सबसे पहले प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के बारे में जान लेते हैं।
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प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज : जान लें मेनोपॉज की स्टेजेस
अक्सर लोग उस स्थिति को मेनोपॉज समझ लेते हैं, जब उससे जुड़े लक्षण उनको दिखाई देने लगते हैं। लेकिन मेनोपॉज अचानक होने वाली स्थिति नहीं है, इसके कई स्टेजेस होते हैं, जैसे कि पेरिमेनोपॉज, मेनोपॉज और पोस्ट मेनोपॉज। आइए सबसे पहले जानते हैं क्या है पेरिमेनोपॉज।
प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज : पेरीमेनोपॉज
पेरिमेनोपॉज का अर्थ है मेनोपॉज से पहले का समय। इस दौरान आपका शरीर मेनोपॉज के लिए तैयार होता है। इसे मेनोपॉज ट्रांजिशन भी कहा जाता है। हर महिला में पेरिमेनोपॉज अलग-अलग उम्र में शुरू हो सकता है और आपको इससे जुड़े कई लक्षण नजर आ सकते हैं। जैसे,
पीरियड्स में अनियमितता इसका एक खास लक्षण है। पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है और पीरियड का टाइम छोटा होता चला जाता है। इसके अलावा –
- वजाइना में रूखापन
- नींद ना आना
- हॉट फ्लैशेस
जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।इसके बाद यदि आपको 12 महीने तक पीरियड नहीं आते, तो समझा जाता है कि आप मेनोपॉज तक पहुंच चुके हैं।
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प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज : मेनोपॉज
पेरिमेनोपॉज के बाद मेनोपॉज आगे की स्थिति मानी जाती है। जब आपको 12 महीने तक पीरियड ना आए, तो यह स्थिति मेनोपॉज कहलाती है। इस स्थिति में माना जाता है कि आप की प्रजनन अवधि खत्म हो चुकी है और आप बच्चे को जन्म नहीं दे सकती। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया मानी जाती है। साथ ही मेनोपॉज का समय हर महिला के लिए अलग अलग हो सकता है। इसमें कई तरह के लक्षण आपको दिखाई दे सकते हैं, जैसे
- पीरियड्स में अनियमितता
- रात में पसीना आना
- मूड में बदलाव
- वजन घटना
- बाल पतले होना
- ड्राय स्किन
- डिप्रेशन
- चिंता
- सिर दर्द की समस्या
इस तरह के लक्षण मेनोपॉज स्थिति की ओर इशारा करते हैं। मेनोपॉज के दौरान भी आपका एस्ट्रोजन लेवल और प्रोजेस्टोरोन लेवल कम होता है, जिसकी वजह से बच्चा कंसीव करने में समस्या हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज : पोस्ट मेनोपॉज
पोस्ट मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है, जहां आप के हॉर्मोन का लेवल प्रेग्नेंसी के लिए सही नहीं माना जाता। इस दौरान आपको बर्थ कंट्रोल की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि हॉर्मोन का लेवल कम होने की वजह से आप कंसीव नहीं कर सकते। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज (Pregnancy and menopause) एक दूसरे से कैसे जुड़े हुए हैं। क्या मेनोपॉज के बाद प्रेग्नेंट हुआ जा सकता है? तो इसका जवाब है, हां। प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज (Pregnancy and menopause) के बीच यह संबंध कैसे मुमकिन है, आइए जानते हैं।
प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज : क्या संभव है पोस्ट मेनोपॉज के बाद कंसीव करना?
जैसा कि आप जानते हैं प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज (Pregnancy and menopause) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए पोस्ट मेनोपॉज के बाद आईवीएफ तकनीक से प्रेग्नेंट हुआ जा सकता है। पोस्ट मेनोपॉज के बाद जो हमारा शरीर जो एग्स प्रोड्यूस करता है, वह प्रेग्नेंट होने के लिए इस्तेमाल नहीं किए जा सकते। इसलिए आईवीएफ तकनीक के जरिए प्रेगनेंसी मुमकिन मानी जाती है। यदि कोई महिला अपने एग्स फ्रीज करवा चुकी है, तो इन्ही एग्स का इस्तेमाल आईवीएफ तकनीक में किया जा सकता है।
इसके लिए महिला को हॉर्मोन थेरेपी लेने की जरूरत पड़ती है, जिससे इंप्लांटेशन और बच्चे को कैरी करने के लिए महिला का शरीर तैयार हो सके। पेरिमेनोपॉज की स्थिति में भले ही महिलाओं को कंसीव करने में कम कॉम्प्लिकेशन का सामना करना पड़े, लेकिन पोस्ट मेनोपॉज में महिलाओं को आईवीएफ के जरिए कंसीव करने के बाद बड़े कॉम्प्लिकेशन झेलने पड़ सकते हैं। स्थिति को टालने के लिए मेनोपॉज के बाद कंसीव करना एक अच्छा ऑप्शन नहीं माना जाता, इसलिए समय रहते अपने डॉक्टर से सलाह करके बर्थ प्लानिंग करने की सलाह दी जाती है।
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क्या मेनोपॉज रिवर्स हो सकता है?
अब आप समझ गए होंगे कि कैसे प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज (Pregnancy and menopause) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। कई लोगों के मन में अब यह सवाल आ रहा होगा कि क्या मेनोपॉज रिवर्स हो सकता है? जिसका जवाब है – नहीं। मेनोपॉज को रिवर्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन सिर्फ कंसीव करने के लिए शरीर की स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है। जिसके लिए आपको आईवीएफ तकनीक का सहारा लेना पड़ता है। प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज (Pregnancy and menopause) दोनों ही स्थितियां समय के साथ आती है, लेकिन इन स्थितियों के दौरान ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती है।
यदि आप बड़ी उम्र में कंसीव करते हैं, तो आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंट होने के बाद आपको कई तरह के हेल्थ रिस्क का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा बढ़ती उम्र के साथ यदि आपको दूसरी तरह की कॉम्प्लिकेशंस है, तो यह प्रेग्नेंसी में तकलीफ पैदा कर सकती हैं।
हालांकि प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज (Pregnancy and menopause) समय के साथ होने वाली स्थितियां है, लेकिन फिर भी मेनोपॉज के बाद आप हॉर्मोन थेरेपी और आईवीएफ के जरिए कंसीव कर सकते हैं। लेकिन यह स्थिति रिस्क फ्री नहीं है, इसलिए आपको समय रहते फर्टिलिटी काउंसलिंग लेकर चाइल्ड प्लानिंग करनी चाहिए।
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