backup og meta

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन... कहीं जीवनभर का रोग तो नहीं, इसलिए लेडीज प्लीज डोंट इग्नोर

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन... कहीं जीवनभर का रोग तो नहीं, इसलिए लेडीज प्लीज डोंट इग्नोर

साल 2018 में नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार 21.8 प्रतिशत महिलाएं पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन (Pelvic Floor Dysfunction) की समस्या रजिस्टर की गई। पेल्विक फ्लोर पुरुषों में भी होता है, लेकिन महिलाओं के लिए पेल्विक फ्लोर के बारे में जानना इसलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यहीं से जुड़ी होती है बेबी डिलीवरी की प्रक्रिया। आज आपसे इस आर्टिकल के माध्यम से शेयर करेंगे पेल्विक फ्लोर एवं पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन (Pelvic Floor Dysfunction) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।

और पढ़ें : इन 10 टेस्ट को करवाने से महिलाएं बच सकती हैं, कोई बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम से

  • क्या है पेल्विक फ्लोर?
  • क्या है पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन?
  • क्या हैं पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के लक्षण?
  • पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के कारण क्या हैं?
  • पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है?
  • पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन का इलाज क्या है?

अब एक-एक कर इन सवालों का जवाब जानते हैं।

क्या है पेल्विक फ्लोर? (What is Pelvic Floor?)

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन (Pelvic Floor Dysfunction)

पेल्विक फ्लोर शरीर का वो हिस्सा होता है, जहां ब्लैडर, यूट्रस, वजायना और रेक्टम मौजूद होते हैं। महिलाओं के लिए पेल्विक फ्लोर सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, क्योंकि ब्लैडर (Bladder) , यूट्रस (Uterus), वजायना (Vagina) और रेक्टम (Rectum) सुरक्षित रहते हैं, जो मस्तिष्क के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। गाइनेकोलॉजिस्ट की मानें, तो ब्रेन के बाद पेल्विक फ्लोर की संरचना सबसे कठिन मानी जाती है। पेल्विक फ्लोर से जुड़ी कोई भी परेशानी महिलाओं की पूरी जिंदगी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन (Pelvic Floor Dysfunction) से जुड़ी के बारे में पूरी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे, तभी तो आप कह सकती हैं ‘आई एम ए हेल्दी विमेन’ (I am a healthy women)।

और पढ़ें : जानें क्या है स्ट्रॉबेरी सर्विक्स, इसके होने का कारण, इलाज और अन्य जानकारी के लिए पढ़ें

क्या है पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन? (What is Pelvic Floor Dysfunction?)

पेल्विक मसल्स जब कमजोर पड़ने लगते हैं, तो पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन की समस्या शुरू हो जाती है। पेल्विक मसल्स (Pelvic muscles) कमजोर पड़ने की वजह इसे रिलैक्स या कड़ा कर पाना संभव नहीं होता है। अगर इस ओर ध्यान ना दिया जाए, तो स्टूल पास करने में भी परेशानी महसूस हो सकती है। कभी-कभी तो स्टूल अपने आप पास भी हो जाता है। इसलिए इस परेशानी को हल्के में ना लें और इसके लक्षणों को समझें।

और पढ़ें : पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) फर्टिलिटी को कर सकता है प्रभावित, जानें क्या करें

क्या हैं पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के लक्षण? (Symptoms of Pelvic Floor Dysfunction)

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन होने पर महिलाएं निम्नलिखित लक्षण महसूस कर सकती हैं। जैसे:

अगर आप ऐसे लक्षणों को महसूस कर रहीं हैं, तो इन्हें इग्नोर ना करें। हालांकि पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के कारणों को समझकर और डॉक्टर से कंसल्टेशन कर इस परेशानी को दूर की जा सकती है।

और पढ़ें : हार्मोनल ग्लैंड के फंक्शन में है प्रॉबल्म, एंडोक्राइन डिसऑर्डर का हो सकता है खतरा

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के कारण क्या हैं? (Cause of Pelvic Floor Dysfunction)

महिलाओं में पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  • प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान यूट्रस पर ज्यादा भार पड़ना।
  • वजायनल चाइल्ड बर्थ (Vaginal childbirth) होने की वजह से मसल्स का जरूरत से ज्यादा स्ट्रेच कर जाना।
  • बॉडी वेट (Weight gain or Obesity) अत्यधिक होना।
  • क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन (Chronic constipation) की समस्या होना।
  • लगातार खांसना (Coughing)।
  • कोई विशेष तरह की सर्जरी (Surgery), जिससे मसल्स (Muscles) पर ज्यादा दवाब पड़ना।
  • मेनोपॉज (Menopause) की वजह से इस्ट्रोजन (Oestrogen) लेवल कम होना।

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के ये सभी अहम कारण माने जाते हैं। अगर किसी महिला को पेल्विक फ्लोर से जुड़ी परेशानी होती है, तो डॉक्टर पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन से जुड़े टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।

और पढ़ें : Double Uterus: डबल यूट्रस होना क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Pelvic Floor Dysfunction)

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के डायग्नोसिस की प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है, क्योंकि डॉक्टर को पेल्विक फ्लोर के कौन से हिस्से में तकलीफ है यह समझना बेहद जरूरी होता है। इसलिए डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट्स से उनकी मेडिकल हिस्ट्री पूछते हैं और वो किस तरह के लक्षणों को महसूस करती हैं, इसकी जानकारी लेते हैं और निम्नलिखित टेस्ट की सलाह देते हैं। जैसे:

सरफेस एलेक्ट्रॉड्स (Surface electrodes)- इस टेस्ट के दौरान वजायना और रेक्टम के बीच एक पैड लगाया जाता है, जो पेल्विक मसल कंट्रोल किया जा सकता है या नहीं इसकी जानकारी मिलती है। पेनफ्री टेस्ट है सरफेस एलेक्ट्रॉड्स।

एनोरेक्टल मैनोमेट्री (Anorectal manometry)- पेल्विक मसल्स को पेशेंट आसानी कंट्रोल कर सकतीं हैं या नहीं इसकी जानकारी मिलती है। इस टेस्ट के दौरान किसी तरह का पेन नहीं होता है।

वीडियो एक्स-रे (Video X-ray)- इस टेस्ट के दौरान रेक्टम में एक मेडिकेटेड थिक जेल डाला जाता है और फिर पेशेंट को समझाया जाता है कि इसे किस तरह से पास करना है। अगर पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन की समस्या होती है, तो महिला को इसे पास करने में कठिनाई होती है या उनका इसपर कोई कंट्रोल नहीं होता है।

यूरोफ्लो टेस्ट (Uroflow test)- इससे पेशेंट की यूरिनेशन कंट्रोल को समझने में सहायता मिलती है। इस टेस्ट के दौरान भी किसी तरह की कोई पीड़ा नहीं होती है।

इन ऊपर बताये तरीकों से सबसे पहले इस बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल की जाती है और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज शुरू किया जाता है।

और पढ़ें : कितना फायदेमंद होता है पेल्विक पेन का आयुर्वेदिक इलाज?

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन का इलाज क्या है? (Treatment for Pelvic Floor Dysfunction)

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है। जैसे:

दवाएं (Medications)- ओवर-द-काउंटर (OTC) मिलने वाली कुछ ऐसी दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है, जिससे बॉवेल मूवमेंट (Bowel movements) को ठीक रहने में सहायता मिलती है। इसके अलावा स्टूल सॉफ्टनर भी प्रिस्क्राइब की जा सकती है

रिलैक्सेशन टेक्निक (Relaxation techniques)- हेल्थ एक्सपर्ट आपको पेल्विक फ्लोर हो हेल्दी रखने के लिए रिलैक्सेशन टेक्निक जैसे योग yoga करना, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करना,एक्यूपंक्चर (Acupuncture) या मेडिटेशन (Meditation) की सलाह देते हैं।

बायोफीडबैक (Biofeedback)- यह एक तरह की थेरिपी है, जिसका प्रयोग पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के इलाज में किया जाता है। इस दौरान पेल्विक फ्लोर वीडियो और सेंसर की मदद से मॉनिटर किया जाता है। इससे पेल्विक फ्लोर मसल्स को स्ट्रॉन्ग करने में मदद मिलती है।

पेल्विक फ्लोर फिजिकल थेरिपी (Pelvic floor physical therapy)- बायोफीडबैक की ही तरह पेल्विक फ्लोर फिजिकल थेरिपी भी काम करता है। इससे मसल्स पावर को धीरे-धीरे मजबूत बनाया जाता है।

इन चार अलग-अलग तरहों से पेशेंट का इलाज किया जाता है।

नोट: पेल्विक फ्लोर (Pelvic Floor) को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए या स्ट्रॉन्ग बनाये रखने के लिए पेल्विक फ्लोर के लिए खास किये जाने वाले वर्कऑउट्स भी किये जा सकते हैं।

और पढ़ें : महिला और पुरुष के लिए कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) और उसके फायदे

अगर किसी भी कारण से पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन (Pelvic Floor Dysfunction) की समस्या हो जाए, तो इसे नजरअंदाज ना करें। इस बीमारी को इग्नोर कर आप अपनी परेशानी खुद बढ़ा रहीं हैं। इसलिए हेल्दी डायट फॉलो करें और डायजेशन को बेहतर बनाये रखें। अगर सिर्फ इन दोनों पर ध्यान देंगी आप और अपनी क्षमता अनुसार पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Pelvic floor workout) करने से ही इस तकलीफ को दूर किया जा सकता है। हालांकि अगर आप पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन (Pelvic Floor Dysfunction) या पेल्विक फ्लोर ((Pelvic Floor) से जुड़े किसी भी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहती हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकती हैं। ध्यान रखें कि अगर आप इस बीमारी से परेशान हैं, जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्टेशन करें।

PCOS या PCOD से जुड़ी जानकारी के लिए नीचे दी गई इस क्विज को खेलें।

[embed-health-tool-ovulation]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Pelvic Floor Dysfunction/https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/14459-pelvic-floor-dysfunction/Accessed on 07/04/2021

Pelvic Floor Disorders: Frequently Asked Questions/https://columbiasurgery.org/colorectal/pelvic-floor-disorders-frequently-asked-questions/Accessed on 07/04/2021

Pelvic floor disorders (PFDs) are a group of conditions that affect the pelvic floor./https://www.voicesforpfd.org/about/what-are-pfds/Accessed on 07/04/2021

About Pelvic Floor Disorders (PFDs)/https://www.nichd.nih.gov/health/topics/pelvicfloor/conditioninfo/Accessed on 07/04/2021

Pelvic floor/https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/ConditionsAndTreatments/pelvic-floor/Accessed on 07/04/2021

 

Current Version

09/04/2021

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


संबंधित पोस्ट

योनि का रूखापन: क्या जानते हैं आप इसके कारणों के बारे में?

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) फर्टिलिटी को कर सकता है प्रभावित, जानें क्या करें


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/04/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement