कैंसर (Cancer) दुनिया की सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी है। जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं। कैंसर से प्रभावित लोगों में थकान (Fatigue) एक कॉमन लक्षण देखने को मिलता है। कैंसर में होने वाली थकान असामान्य होती है और आराम करने के बाद भी ठीक नहीं होती है। जिसकी वजह से मरीज की दैनिक गतिविधियां और सोशल एक्टविटीज प्रभावित होती हैं और इसका नेगेटिव असर मरीज पर पड़ता है। कई बार इसका निदान और तो उपचार दोनों ही नहीं हो पाते हैं। कई स्टडीज में कैंसर में एक्यूप्रेशर का उपयोग के अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। यह थकान को कम करने के साथ ही दर्द को कम करने में भी मददगार साबित हुई है। लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर (acupressure in liver cancer) का उपयोग भी दर्द और थकान को कम करने के लिए किया जा सकता है।
एक्यूप्रेशर उन विचारों से उपजा है जिन पर पारंपरिक चीनी दवा टिकी हुई है, और यह उस प्राचीन चिकित्सा प्रणाली की मान्यताओं और धारणाओं में निहित है जिसमें पूरे शरीर में (qi ) का प्रवाह भी शामिल है। जब (qi) को कोई रुकावट नहीं मिलती है और सुचारू रूप से चल सकती है, तो कहा जाता है कि शरीर में संतुलन और सामंजस्य मौजूद है, जिसे अच्छे स्वास्थ्य के बराबर स्थिति माना जाता। इसके विपरीत, जब (qi) का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, तो आंतरिक असंतुलन का परिणाम होता है, एक ऐसी स्थिति जो बीमारी के समान होती है।
लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर को लेकर क्या कहती है स्टडी? (Acupressure in liver cancer)
जनरल ऑफ एक्यूपंक्चर और मेरिडियन स्टडीज के अनुसार कैंसर में एक्यूप्रेशर (Acupressure in cancer) के उपयोग से थकान और दर्द के लक्षणों में राहत देखी गई है। कई बार इन परेशानियों के लिए दवाओं का उपयोग साइड इफेक्ट्स के डर के चलते नहीं किया जाता। ऐसे में अल्टरनेटिव मेडिसिन इंटरवेंशन का सहारा दिया जाता है। जिसमें एक्यूपंक्चर, मसाज, योगा और रिलैक्सेशन तकनीक शामिल हैं। एक्यूप्रेशर एक प्रकार की टच थेरिपी है जिसमें उंगलियों की मदद से बॉडी सरफेस पर मौजूद अलग- अगल पॉइंट्स को स्टिम्यूलेट किया जाता है। जिससे दर्द को कम करने में मिलती है।
इस टेक्नीक का उपयोग नर्सों द्वारा क्लीनिक सेटिंग्स में किया जाता है और इसे क्लीनिकल और कम्प्रेहेनसिव नर्सिंग इंटरवेंशन माना जाता है। इस प्रॉसीजर के फायदे हैं कि यह लागत प्रभावी है, इसमें किसी प्रकार के इक्विपमेंट का उपयोग नहीं किया जाता। इसके बारे में मरीजों को ज्यादा समझाने की भी जरूरत नहीं है। इसमें किसी प्रकार की चोट लगने की आशंका न के बराबर है।
एक्यूप्रेशर का उपयोग कैंसर के साथ ही दूसरे दूसरे क्रोनिक डिसऑर्डर में किया जा सकता है जिनकी वजह से मरीज को थकान और दर्द का अनुभव होता है। कुछ दूसरी स्टडीज में एक्यूप्रेशर के उपयोग से कैंसर सर्वाइवर्स में थकान और डिप्रेशन में सुधार के बारे में बताया गया है। वहीं कीमोथेरिपी से गुजरने वाले कैंसर के रोगियों और ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों में थकान पर एक्यूप्रेशर प्रभावी साबित हुआ है। हालांकि, कुछ स्टडीज में इसको इतना प्रभावशाली नहीं पाया है। इसलिए इस बारे में अभी और अध्ययन की आवश्यकता है। एक्यूप्रेशर तकनीक कैंसर से होने वाली थकान को कम करने में कम समय के लिए प्रभावी साबित हुई है। इसलिए लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर (Acupressure in liver cancer) का उपयोग किया जा सकता है।
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एक्यूप्रेशर क्या है? (Acupressure)
एक्यूप्रेशर एक्यूपॉइंट्स पर लगने वाला प्रेशर है जिनका उपयोग एक्यूपंक्चर में किया जाता है। यह बॉडी के विशेष हिस्से के दर्द और स्ट्रेस को दूर करने में मददगार है। इसमें पॉइंट्स पर प्रेशर किसी एक या अन्य अंगुलियों से डाला जाता है। एक्यूप्रेशर संभवत: दर्द से राहत मिलने तक शरीर को स्ट्रोक, मालिश या दबाने की नैचुरल ह्यूमन टेंडेंसी का एक औपचारिक परिणाम था। कह सकते हैं कि एक्यूप्रेशर दरअसल एक्यूपंक्चर ही है, लेकिन इसमें नीडल्स का उपयोग नहीं किया जाता। यह प्रकार की मसाज है जिसमें कुछ एक्यूपॉइंट पर तेज दबाव डाला जाता है। मनुष्य की बॉडी पर सिर से पैर के अंगूठे तक 100 से ज्यादा एक्यूपॉइंट्स हैं। ऐसा माना जाता है कि एक्यूपॉइंट को प्रेश करके ब्लॉक एनर्जी को रिलीज किया जाता है जो परेशानी का कारण होती है। हजारों सालों से इस चीनी मेडिसिन थेरिपी को अपनाया जा रहा है।
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लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर के फायदे के अलावा इसके अन्य फायदे क्या हैं? (Benefits of Acupressure)
- जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर या किसी भी कैंसर में एक्यूप्रेशर से थकान और दर्द से राहत प्राप्त की जा सकती है। वहीं कुछ लोगों का दावा है कि यह तकनीक मोटापा और गठिया के राहत से दिलाने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है। एक्यूप्रेशर एक प्रिवेंटिव मेजर के रूप में काम करता है। यह शरीर के अंगों और सिस्टम में संतुलन बनाकर रखता है जिससे अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
- अध्ययनों ने गर्भवती महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस, सिरदर्द, मोशन सिकनेस, पीठ दर्द, मतली और उल्टी सहित कई समस्याओं के इलाज के लिए एक्यूप्रेशर की क्षमता का आकलन किया है।
- एक्यूप्रेशर/एक्यूपंक्चर प्रणाली में, माना जाता है कि मतली कलाई के अंदर एक छोटे से क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होती है जिसे P6 एक्यूपॉइंट कहा जाता है। माना जाता है कि उस बिंदु को दबाने से मतली नियंत्रित होती है, और शोध इस विश्वास का समर्थन करता है।
- कुछ सबूत बताते हैं कि कलाई का एक्यूप्रेशर स्पोर्ट इंजरी के बाद दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है।
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लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर कैसे किया जाता है? (Acupressure Process in Liver Cancer)
लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर दिया जा रहा हो किसी दूसरी मेडिकल कंडिशन में एक्यूप्रेशर अक्सर एक एक्यूपंक्चर एक्सपर्ट द्वारा दिया जाता है, जिसमें एक्यूप्रेशर प्राप्त करने वाला व्यक्ति मालिश वाली मेज पर बैठा या लेटा होता है।
एक्यूप्रेशर को सेल्फ एडमिनिस्ट्रेटिव तरीके से भी किया जा सकता है। जबकि उचित निर्देश के लिए एक्यूपंक्चर एक्सपर्ट से परामर्श करना सबसे अच्छा होता है। लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर (Acupressure in liver cancer) कैसे लेना इसके बारे में डॉक्टर गाइड कर देते हैं। एक्यूप्रेशर में आमतौर पर अंगूठे, उंगली या जोड़ (knuckle ) का उपयोग करके एक बिंदु पर कोमल लेकिन इंटेंस प्रेशर डाला जाता है। कई बार लोग पैन की नोक का भी उपयोग कर सकते हैं।
दबाव अक्सर लगभग 30 सेकेंड के लिए बढ़ाया जाता है, 30 सेकेंड से 2 मिनट तक लगातार रखा जाता है, और फिर धीरे-धीरे 30 सेकेंड के लिए कम किया जाता है। इसे आमतौर पर तीन से पांच बार दोहराया जाता है।
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उम्मीद करते हैं कि आपको लिवर कैंसर में एक्यूप्रेशर (Acupressure in liver cancer) के उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।