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1. होठों के ऊपर करें एक्यूप्रेशर
ऊपर के होंठ और नाक के बीच के हिस्से पर धीरे से दबाव डालें। ध्यान रहे कि आपको बिल्कुल बीच वाले हिस्से में सही तरीके से दबाना है। इस प्रेशर प्वॉइंट को शुइगौ स्पॉट कहा जाता है। अपने मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के लिए आप इस प्वॉइंट पर दो से तीन मिनट तक मालिश कर सकते हैं। इस प्वॉइंट पर एक्यूप्रेशर (Acupressure) से आपका वजन जल्दी ही कम होगा।
2. कोहनी का अंदरूनी हिस्से में करें एक्यूप्रेशर
अपनी बाजू को थोड़ा सा मोड़ लें। यह प्रेशर प्वॉइंट आपकी कोहनी के जोड़ की क्रीज से एक इंच नीचे और आपकी आंतरिक कोहनी की ओर स्थित है। इस प्वॉइंट को रोजाना दो से तीन मिनट तक अपने अंगूठे से दबाएं। इससे आंतें सही से काम करने के लिए प्रेरित होती हैं। जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है।
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3. कान के लिए एक्यूप्रेशर
कान के इस प्वॉइंट को ढूंढने के लिए अपनी उंगली को उस स्थान पर रखें जहां से आपका जबड़ा शुरू होता है। अपने जबड़े को ऊपर और नीचे ले जाएं और अपनी उंगली को सबसे अधिक हिलने वाले प्रेशर प्वॉइंट पर रखें। इस प्वॉइंट को हर रोज 1-2 मिनट के लिए अपनी उंगली के आगे वाले भाग से दबाएं।
4. अंगूठे का हिस्से
यह प्रेशर प्वॉइंट अंगूठे के निचले भाग में होता है। इसे ढूंढे और इस पर दबाव बनाएं। इससे थायरॉइड ग्रंथि उत्तेजित होगी और आपका मेटाबोलिज्म सुधरेगा। रोजाना लगभग दो मिनट के लिए इस प्वॉइंट पर दबाव डालें।

5. ऑयब्रोव्स के बीच में एक्यूप्रेशर
हम में से कई लोग आंखों के बीच वाले हिस्से को तब दबाते हैं जब हम थके होते हैं और यह भी एक्यूप्रेशर (Acupressure) का ही एक हिस्सा है। अपनी ऑयब्रोव्स के बीच के हिस्से को एक मिनट तक धीरे से दबाएं। रोजाना ऐसा करने से आपको वजन कम करने में आसानी होगी।
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6. पेट के लिए एक्यूप्रेशर
हमारे पेट में ऐसे कई पॉइंट्स होते हैं जहां से ऊर्जा निकलती है, जिससे वजन कम करना आसान हो जाता है। लेकिन, इसके लिए आपको किसी निश्चित प्वाइंट को ढूंढना होगा। अपनी नाभि से दो उंगली नीचे के प्वाइंट पर एक मिनट तक मॉलिश करें और रोजाना इसे दोहराये।
7. हाथ
अपने हाथ पर मालिश करने से भी आपको वजन कम करने में फायदा होगा। हाथ के अंगूठे के पास एक प्वॉइंट होता है, जिससे रोजाना एक मिनट तक दबाने से लाभ होता है।
8. पैर
पैर सिर्फ चलने या दौड़ने ही नहीं, बल्कि मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और पूरे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। पैर के इन विभिन्न हिस्सों पर मालिश करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
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9. छाती
छाती के बीच की हड्डी के नीचे की तरफ हमारे ब्रेस्टबोन होती है। जहां एक्यूप्रेशर प्वॉइंट होता है, जो ऊर्जा को रिस्टोर करने और वजन कम करने में लाभदायक है। इस प्वॉइंट को भी रोजाना एक मिनट तक दबाने से लाभ होता है।
10. अच्छी नींद के लिए एक्यूप्रेशर
अगर आपको नींद आने में परेशानी महसूस होती है, तो एक्यूप्रेशर की मदद से आपकी यह परेशानी भी दूर हो सकती है। एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर प्रेशर डालने से बॉडी से टॉक्सिन्स को भी दूर करने में सहायता मिलती है और स्ट्रेस भी दूर होता है, जिससे आप रिलैक्स महसूस करते हैं और आपको अच्छी नींद भी आएगी।
11. ब्लड शुगर लेवल रहता है नियंत्रित
पैरों के नस पैनक्रियाज से जुड़े होते हैं और जब पैरों के प्रेशर पॉइंट्स पर प्रेशर पड़ता है, तो पैनक्रियाज में इंसुलिन को बूस्ट करने का काम भी करते हैं। इस दौरान ऑयल से मसाज करना लाभकारी माना जाता है।
12. एसिडिटी की परेशानी होती है दूर
एक्यूप्रेशर के फायदे एसिडिटी के पेशेंट्स को भी मिलना तय माना जाता है। एसिडिटी या गैस की तकलीफ दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर रोलर की मदद से दोनों पैरों के तलवों पर मसाज करें। ऐसा करने से एसिडिटी की परेशानी दूर होती है और डायजेशन भी बेहतर होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अगर एक्यूप्रेशर रोलर से तलवों को नियमित मसाज किया जाए, तो एब्डॉमिनल इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है।
13. मांसपेशियां में दर्द की परेशानी होती है दूर
अगर आपको मांसपेशियों में दर्द की समस्या बनी रहती है, तो एक्यूप्रेशर आपकी इस परेशानी को दूर करने में आपका साथ निभाता है। एक्यूप्रेशर रोलर की मदद से मसल्स पर मसाज करें। इससे मांसपेशियों में होने वाले ऐठन से राहत मिलती है। यही नहीं इस थेरिपी से बॉडी में ब्लड सर्क्युलेशन भी बेहतर होता है।
शरीर में ऐसे कई प्रेशर पॉइंट्स हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं। इन पॉइंट्स पर तब तक दबाब डालें जब तक आप आरामदायक महसूस न कर लें। लेकिन, इसके लिए सही पॉइंट्स ढूंढना जरूरी है। एक्यूप्रेशर (Acupressure) का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है लेकिन, अगर कोई समस्या हो तो इसे करना बंद कर दें। याद रखें, वजन कम करने के लिए एक्यूप्रेशर कोई थेरेपी नहीं है और आप इसे व्यायाम या डायटिंग आदि के विकल्प के रूप में प्रयोग नहीं कर सकते।
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एक्यूप्रेशर थेरिपी के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
किसी भी चीज के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल या सेवन से उसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय माना जाता है। ठीक वैसे ही एक्यूप्रेशर के भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन इससे आसानी से बचा जा सकता है। इसलिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- गलत एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर प्रेशर डालने से अन्य परेशानी शुरू हो सकती है।
- जरूरत से ज्यादा प्रेशर डालने से फ्रैक्चर की संभावना बनी रहती है।
- हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी पीरियड्स में एक्यूप्रेशर नहीं करवाना चाहिए।
- अगर बीमारी बहुत पुरानी हो चुकी है, तो एक्यूप्रेशर थेरिपी लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- शरीर में सूजन होने पर, चोट लगने या जख्म होने पर एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए।
- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार भोजन, एल्कोहॉल या नशीले पदार्थों के सेवन के बाद भी एक्यूप्रेशर थेरिपी लेने से बॉडी पर इसका नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है।
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फिट रहने के लिए हेल्दी डायट प्लान फॉलो करना है जरूरी
- डायट में सभी प्रकार के फल, सब्जियां और अनाज आदि को शामिल करें।
- उठने के आधे घंटे के अंदर नाश्ता कर लें।
- लंच में दाल, सब्जी, रोटी व दही का मेल हो तो अच्छा है।
- रात के खाने को हल्का ही रखें।
- सोने के कम से कम दो घंटे पहले रात का खाना खा लें।
- वेट लॉस के लिए भूखा न रहें।
- सब्जियां : हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, बैंगन, सरसों का साग, प्याज, फूलगोभी, पत्तागोभी, मशरूम, करेला आदि सब्जियां खाने से वेट लॉस होता है।
- जड़ें : कुछ सब्जियों की जड़े खाने से भी वेट लॉस होता है। इसलिए अपने वेट लॉस डायट चार्ट में इन्हें जरूर शामिल करें। आलू, गाजर, स्वीट पोटैटो या शकरकंद, शलजम, चुकंदर, सूरन या जिमीकंद
- नट्स और बीज : काजू, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, कद्दू का बीज, सीसम बीज, तरबूजे का बीज को अपने वेट लॉस डायट चार्ट का हिस्सा बनाएं।
इन ऊपर बताये खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित एवं संतुलित मात्रा में करें।
अगर आप एक्यूप्रेशर पॉइंट्स से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। कहते हैं ओल्ड इस गोल्ड, तो ठीक इसी तरह एक्यूप्रेशर भी है क्योंकि यह एक पुरानी चिकित्सा पद्धती है। इस चिकित्सा पद्धती से ऑपरेशन, एक्सरसाइज और दवाइयों के अलावा भी शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को दूर किया जा सकता है। लेकिन यह हमेशा ध्यान रखें कि प्रशिक्षित डॉक्टर से ही एक्यूप्रेशर उपचार लें।