जब शरीर कमजोर पड़ता है, तो हमें ग्लूकोस की जरूरत पड़ती है। डायबिटीज की बीमारी (Diabetes) के दौरान शरीर में प्रोसेस होने वाला ग्लूकोज प्रभावित होता है। शुगर ग्लूकोज का ही एक प्रकार हैं। डायबिटीज की समस्या होने पर पैंक्रियाज से निकलने वाला इंसुलिन हॉर्मोन असंतुलित हो जाता है, जिस कारण से ब्लड में शुगर की मात्रा कंट्रोल में नहीं रह पाती है। यही कारण है कि डायबिटीज की समस्या हो जाती है। अगर खानपान के साथ ही एक्सरसाइज पर भी ध्यान दिया जाए, तो ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल में रखा जा सकता है। डायबिटीज दो प्रकार से प्रभावित कर सकता है। पहला टाइप 1 डायबिटीज और दूसरा टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) होता है। डायबिटीज महिला, पुरुष या बच्चों को प्रभावित कर सकता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women) के बारे में जानकारी देंगे आइए जानते हैं डायबिटीज के प्रकार के बारे में।
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डायबिटीज के प्रकार (Types of diabetes?) क्या है?
डायबिटीज या मधुमेह के कुल मरीजों में करीब 5% लोगों को टाइप 1 डायबिटीज की समस्या होती है। टाइप वन डायबिटीज की समस्या होने पर शरीर इंसुलिन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है।प्रॉपर ट्रीटमेंट और अच्छी लाइफस्टाइल (Lifestyle) अपनाकर हेल्दी लाइफ जी जा सकती है। टाइप 1 डायबिटीज 40 साल से कम उम्र के लोगों में होता है। टाइप 1 डायबिटीज से बच्चे और कम उम्र के लोग अधिक प्रभावित होते हैं। वहीं टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) बहुत ही कॉमन डायबिटीज है। यह टाइप 1 डायबिटीज की अपेक्षाकृत अधिक लोगों को होती है। अधिक उम्र में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) का खतरा बढ़ जाता है।
अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की समस्या है, तो शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। समय के साथ ही शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन भी नहीं बना पाता है। जिस कारण से ब्लड में ग्लूकोस का लेवल मेंटेन नहीं रह पाता है। कई फैक्टर्स है, जो टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) से जुड़े हुए हैं ज्यादा वजन (Overweight), हाय ब्लड प्रेशर की समस्या (high blood pressure problem) आदि डायबिटीज की संभावना को बढ़ाने का काम करते हैं। डायबिटीज महिला और पुरुषों, दोनों को भी प्रभावित करता है। जेनेटिक समस्या, डिप्रेशन आदि की समस्या से भी डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है। जानिए औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women) क्या हो सकते हैं।
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औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women)
डायबिटीज की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। अगर हम टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की बात करें, तो उसके लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। जबकि टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) के लक्षण दिखने लगते हैं। औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women) में थकान की समस्या (Fatigue), अचानक से प्यास लगना, बार-बार यूरिन आना, देखने में समस्या होना, अचानक से वजन का कम हो जाना, हाथ-पैरों में झुनझुनी का एहसास, मसूड़ों में सूजन, घाव होने पर जल्द ठीक ना होना आदि लक्षण नजर आते हैं। औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women) हो सकता हैं पहले नजर न आएं। आपको या तो यह सभी लक्षण नजर आएंगे या फिर हो सकता है कि आपको कोई भी लक्षण नजर ना आए। कई बार यह डायबिटीज के लक्षण न होकर अन्य बीमारी से संबंधित भी हो सकते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप 40 की उम्र के बाद रूटीन ब्लड ग्लूकोस स्क्रीनिंग (Routine blood glucose screening) करा सकते हैं
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औरतों में डायबिटीज के लक्षण क्यों पैदा होते हैं?
अब आपके मन में यह सवाल उठा रहा होगा कि औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women) आखिर क्यों दिखाई देते हैं? डायबिटीज की समस्या में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता है। इंसुलिन हॉर्मोन है, जो ग्लूकोस को एनर्जी में कन्वर्ट करता है और अधिक ग्लूकोस को लिवर में स्टोर करता है। लेकिन जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है, तो ग्लूकोज अधिक मात्रा में ब्लड में ही बनने लगता है। धीरे-धीरे ब्लड में ग्लूकोस लेवल बढ़ता जाता है और गंभीर समस्या पैदा करता है। महिलाओं में डायबिटीज की समस्या कई रिस्क फैक्टर्स से जुड़ी हुई है। जिन महिलाओं की उम्र 40 से अधिक है या फिर जिन महिलाओं का वजन अधिक है, खानपान की आदतें सही नहीं है या फिर जो एक्सरसाइज नहीं करती हैं, हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या है। उनमें डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री होने पर या फिर महिलाओं को वायरल इंफेक्शन होने पर भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
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दिखें डायबिटीज के लक्षण, तो तुरंत कराएं इलाज!
डायबिटीज के लक्षण नजर आए, तो तुरंत डायग्नोसिस कराना चाहिए। डॉक्टर प्लाज्मा ग्लूकोस टेस्ट (Plasma glucose test) की हेल्प से डायबिटीज की जानकारी हासिल करते हैं। डॉक्टर टेस्ट के पहले करीब 8 घंटे तक ना खाने की सलाह देंगे। आप ऐसे में पानी पी सकते हैं। फास्ट के बाद आपको ब्लड का सैंपल देना होगा, जिससे कि ब्लड ग्लूकोस लेवल की जांच की जाएगी। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 126 मिलीग्राम पर डेसीलीटर या उससे अधिक है, तो डॉक्टर डायबिटीज की बीमारी डायग्नोज करेंगे।
औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women) दिखने के बाद डॉक्टर मेडिसिन लेने की सलाह देते हैं, ताकि ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित रखा जा सके। डॉक्टर पिल्स या इंसुलिन इंजेक्शन या फिर दोनों दे सकते हैं। आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के साथी कॉम्प्लिकेशन रिस्क को कम करना होगा। आपको रोजाना एक्सरसाइज करने के साथ ही बैलेंस्ड डाइट (Balanced diet) लेनी होगी। आप डाइट प्लान के दौरान डॉक्टर से भी मदद ले सकते हैं। कुछ ऐसी रेसिपीज होते हैं, जो ब्लड ग्लूकोस लेवल को बढ़ने नहीं देते हैं। डायबिटीज से बचाव किया जा सकता है लेकिन इन बातों का भी ध्यान रखें।
- रोजाना समय पर ब्रेकफास्ट (Breakfast) करें। इससे ब्लड में ग्लूकोज का लेवल नियंत्रण में रहेगा।
- खाने में कार्बोहायड्रेट की मात्रा को नियंत्रित करें। आप खाने में ब्रेड और स्टार्ची फूड्स या सफेद आलू की मात्रा को कम कर दें।
- खाने में रेनबो कलर के फ्रूट्स और वेजीटेबल्स को एड करें। आप खाने में बेरी, डार्क लीफ वेजीटेबल्स, ऑरेंज आदि शामिल कर सकते हैं।
- खाने में सोडा और फ्रूट ड्रिंक को अवाइड करें।
- खाने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी पिएं। एक दिन में आठ से नौ ग्लास पानी जरूर पिएं।
- खानपान के साथ ही पर्याप्त मात्रा में नींद भी लें, ताकि शरीर की विभिन्न क्रियाएं सुचारू रूप से चलें।
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इस आर्टिकल में हमने आपको औरतों में डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of diabetes in women) के बारे में बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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