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टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : डायबिटीज की इस दवा के बारे में जानते हैं आप?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : डायबिटीज की इस दवा के बारे में जानते हैं आप?

    नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (NIDDK) के मुताबिक ‘डायबिटीज उस बीमारी का नाम है, जिसमें ब्लड ग्लूकोज या कहें ब्लड शुगर की मात्रा ज्यादा हो जाती है। ब्लड ग्लूकोज हमारे शरीर को एनर्जी देने के लिए जरूरी मानी जाती है। पेंक्रियाज से निकलने वाला हॉर्मोन, जिसे इंसुलिन का नाम दिया गया है, यह खाने से ग्लूकोज (Glucose) लेकर उसे शरीर के सेल्स तक पहुंचाता है, जिससे आपके शरीर को एनर्जी मिलती है। लेकिन जब पेंक्रियाज सही मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता, तो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। इस स्थिति को डायबिटीज (Diabetes) की समस्या कहा जाता है।

    डायबिटीज दो तरह के होते हैं, जिसमें टाइप वन डायबिटीज और टाइप टू डायबिटीज प्रमुख माने जाते हैं। टाइप टू डायबिटीज की समस्या में कई तरह के ट्रीटमेंट मौजूद हैं, जिसमें से एक ट्रीटमेंट है टाइप टू डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल। टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes) एक ऐसा ड्रग माना जाता है, जो टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) के ट्रीटमेंट प्लान में जरूरी होता है। सल्फोनिल्युरिएस के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें।

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    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : क्या है ये दवा? (Sulfonylureas in type 2 Diabetes)

    सल्फोनिल्युरिएस मेडिसिन (Sulfonylureas) का एक ऐसा ग्रुप है, जो टाइप 2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट (Type 2 diabetes) में काम आता है। जैसा कि सभी जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज के समस्या में शरीर इंसुलिन हॉर्मोन को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता, जिसकी वजह से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ती है। इसी स्थिति को ठीक करने के लिए टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes) का इस्तेमाल किया जाता है। ये ड्रग पेंक्रियाज से इंसुलिन स्टिम्युलेट करता है। हालांकि टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस, ट्रीटमेंट का एक भाग माना जाता है, इसके साथ-साथ सही खानपान और एक्सरसाइज के साथ अब ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल कर सकते हैं।

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas ) के इस्तेमाल के साथ एक हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करके आप इससे जुड़े रिस्क को कम कर सकते हैं, जिसमें कई तरह के कॉम्प्लिकेशंस का समावेश होता हैं। इसमें स्ट्रोक, नर्व डैमेज, किडनी प्रॉब्लम और आंखों की समस्या का समावेश होता है।

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है, लेकिन इसके इस्तेमाल के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes) के इस्तेमाल के साथ बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में।

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    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : किन सावधानियों का रखें ख्याल? (Sulfonylureas in type 2 Diabetes Precautions)

    आपको जानकर हैरानी होगी कि सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas) का इस्तेमाल टाइप वन डायबिटीज में नहीं किया जाता। इसके अलावा जिन लोगों को किडनी से जुड़ी समस्या होती है, उन लोगों को सल्फोनिल्युरिएस प्रिसक्राइब नहीं की जाती। इसलिए यदि आप किडनी डिजीज से ग्रसित है और टाइप 2 डायबिटीज के लिए सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

    कुछ तरह के सल्फोनिल्युरिएस ड्रग ऐसे होते हैं, जिनसे आपको त्वचा से जुड़ी तकलीफ हो सकती है, इसलिए आपको सूरज की रोशनी में ज्यादा देर ना रहने की हिदायत दी जाती है। टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes)  के इस्तेमाल के बाद आपके ब्लड शुगर लेवल में फर्क देखा जा सकता है, इसलिए आपको हाय ब्लड शुगर और लो ब्लड शुगर के लक्षणों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। इससे आप गंभीर स्थिति को टाल सकते हैं।

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत पड़ती है, क्योंकि डॉक्टर आपकी कंडिशन को देखते हुए आपकी जरूरत के अनुसार सल्फोनिल्युरिएस प्रिसक्राइब कर सकते हैं। यदि आप गर्भवती हैं, तो आपको टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes)  का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह दवा प्रेगनेंसी के दौरान सेफ नहीं मानी जाती, इसलिए प्रेगनेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : क्या हैं साइड इफेक्ट? (Sulfonylureas Side Effect)

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes)

    इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल करने से आपको कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जिसमें इन लक्षणों का समावेश होता है –

    यदि आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes) के सेवन के बाद यह सिम्टम्स दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह तो थी टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस के इस्तेमाल की बात। आइए अब जानते हैं सल्फोनिल्युरिएस से जुड़ी उन दवाओं के बारे में, जिनका इस्तेमाल आप डॉक्टर की सलाह के बाद कर सकते हैं।

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    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : इन दवाओं का कर सकते हैं इस्तेमाल (Sulfonylureas in type 2 Diabetes)

    टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes)  में सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल अलग-अलग ड्रग्स की मदद से कर सकते हैं। यह जेनेरिक ड्रग आपको डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेनी चाहिए।

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : ग्लूकोट्रॉल (Glucotrol) 

    ग्लूकोट्रॉल (Glucotrol) का जेनेरिक नाम ग्लिपीजाइड (glipizide) है। ये डायबिटीज मेडिसिन के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। ये आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है और पैंक्रियाज से इंसुलिन को स्टिम्युलेट करती है। ग्लूकोट्रॉल का इस्तेमाल आपको आपकी जरूरत के अनुसार डेली एक्सरसाइज और सही खानपान के साथ करना चाहिए। ग्लूकोट्रॉल में आप ग्लूकोट्रॉल (Glucotrol), ग्लूकोट्रॉल एक्सएल  (Glucotrol XL), ग्लिपीजाइड एक्सएल (Glipizide XL) आदि ब्रैंड्स के जरिये  कर सकते हैं। ग्लूकोट्रॉल के इस्तेमाल से पहले ब्लड शुगर लेवल की जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : ग्लिपीजाइड एक्सएल  (Glipizide XL)

    ग्लिपीजाइड एक्सेल (Glipizide XL) डायबिटीज में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)  में सल्फोनिल्युरिएस के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। ये टेबलेट के फॉर्म में आपको मिलती है। ग्लिपीजाइड एक्सेल को सुबह के नाश्ते के साथ खाना सही माना जाता है, क्योंकि इसे दिन की पहली मील के साथ लेने की हिदायत दी जाती है। इसकी डोजेस आपको डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेनी चाहिए, क्योंकि पेशेंट के ग्लाइसेमिक कंट्रोल के अनुसार इस दवा की डोज दी जाती है। इसलिए डॉक्टर आपको इसकी डोज के बारे में सही जानकारी दे सकते हैं।

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    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : टोल टैब  (Tol-Tab)

    टोल टैब (Tol-Tab) का जेनेरिक नाम टॉब्यूटामाइड (tolbutamide) है, इसमें टोल टैब नामक ब्रैंड का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। यह टेबलेट के रूप में मौजूद है। टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes)  के तौर पर आप टोल टैब का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपके हाय ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है और डायबिटीज की समस्या में आराम देती है। इस दवा का उपयोग क्रॉनिक हाय ब्लड शुगर में किया जाता है। टोल टैब का इस्तेमाल सही खान-पान और रोजाना एक्सरसाइज के साथ करने पर हाय ब्लड शुगर से में आराम पाया जा सकता है। इस दवा को मौखिक रूप से लिया जाता है। 

    टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल कर आप इस समस्या में आराम पा सकते हैं। लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas in type 2 Diabetes)  के इस्तेमाल से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेकर इससे जुड़ी जानकारी हासिल करना चाहिए। डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब करने के बाद ही टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस का इस्तेमाल करें।  

    डिस्क्लेमर

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