स्टेरॉइड (Steroids) हॉर्मोनल कैमिकल मैंसेजर्स होते हैं जिन्हें बॉडी एड्रेनल ग्लैंड्स (Adrenal glands) और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स (Reproductive organs) के द्वारा नैचुरली प्रोड्यूस करती है। इन हॉर्मोन्स के सिंथेटिक वर्जन का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों और मेडिकल कंडिशन्स के इलाज में होता है, लेकिन कई बार ये स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज का कारण बन जाते हैं।
जो लोग स्टेरॉइड्स का उपयोग करते हैं उनमें डायबिटीज टाइप 2 (Type 2 Diabetes) होने का रिस्क सबसे ज्यादा होता है। वहीं जो लोग लंबे समय से स्टेरॉइड्स का सेवन कर रहे हैं, उनमें स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज (Steroid induced diabetes) डेवलप होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज और स्टेरॉइड का संबंध (Steroid induced diabetes And Steroids)
स्टेरॉइड्स का उपयोग ऑटो इम्यून कंडिशन्स (Autoimmune conditions) जहां बॉडी अपनी कोशिकाओं पर ही अटैक करने लगती है में भी किया जाता है। ये इंफ्लामेशन को कम करने में भी उपयोग किए जाते हैं। स्टेरॉइड्स का हाय डोज बॉडी को प्रभावित करता है। जिसमें वजन बढ़ना, हड्डियों का पतला होना शामिल है। इसके साथ ही यह बॉडी के इंसुलिन कंट्रोल को भी प्रभावित करता है।
इंसुलिन
इंसुलिन एक हॉर्मोन है, जो ब्लड में ग्लूकोज (शर्करा) के कॉन्सनट्रेशन (Concentration) को नियंत्रित करता है। अग्न्याशय (Pancreas) में बीटा-कोशिकाओं (Beta-cells) द्वारा इंसुलिन रिलीज किया जाता है। आम तौर पर, बीटा-कोशिकाएं ब्लड में ग्लूकोज की सांद्रता के जवाब में इंसुलिन छोड़ती हैं। ग्लूकोज शरीर का ऊर्जा स्रोत है और इंसुलिन ग्लूकोज को कोशिकाओं में पहुंचाता है जहां इसकी आवश्यकता होती है।
जब रक्त ग्लूकोज की उच्च सांद्रता होती है, तो बीटा-कोशिकाएं अधिक इंसुलिन छोड़ती हैं ताकि ग्लूकोज को रक्त से अवशोषित किया जा सके। यदि ग्लूकोज की कम सांद्रता है, तो बीटा कोशिकाएं बहुत कम मात्रा में इंसुलिन छोड़ती हैं या यहां तक कि इंसुलिन उत्पादन बंद कर देती हैं। यह शरीर के बाकी हिस्सों के सामान्य रूप से कार्य करने के लिए ब्लड ग्लूकोज के कॉन्सनट्रेशन को संतुलित और सही स्तर पर रखता है।
आम तौर पर, लिवर इंसुलिन (Insulin) के जवाब में जारी ग्लूकोज की मात्रा को कम कर देता है। स्टेरॉइड लिवर को इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील बनाते हैं इसलिए यह ग्लूकोज जारी करता रहता है, भले ही पैंक्रियाज इंसुलिन छोड़ रहा हो। स्टेरॉइड शरीर में मांसपेशियों और वसा द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित होने से भी रोकते हैं इसलिए यह ब्लड स्ट्रीम में सर्कुलेट होता रहता है। स्टेरॉइड इंसुलिन (Steroid insulin) के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को कम करते हैं और इसलिए ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने के लिए अधिक इंसुलिन की आवश्यकता होती है।
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स्टेरॉइड्स का उपयोग कब किया जाता है? (Steroid Uses)
स्टेरॉइड्स का उपयोग ट्रीटमेंट के तौर पर निम्न बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
- अस्थमा (Asthma)
- ल्यूपस (Lupus)
- रयूमेटॉइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis)
- क्रोहन डिजीज (Crohn’s disease)
- अल्टरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)
अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) कोर्टिसोल (Cortisol) हॉर्मोन के फंक्शन की नकल करते हैं, जो किडनी के द्वारा प्रोड्यूस किया जाता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) को बढ़ाते हैं जिससे ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है और उच्च रहता है। जिससे स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज (Steroid induced diabetes) का खतरा बढ़ जाता है।
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स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? (Diabetes induced diabetes Symptoms)
स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज (Steroid induced diabetes) के लक्षण डायबिटीज के दूसरे प्रकार की तरह ही होते हैं। इनमें निम्न शामिल हैं।
- मुंह सूखना
- प्यास लगना
- बार-बार पेशाब लगना
- थकान महसूस होना
- वजन कम होना
हालांकि, लक्षण तब तक दिखाई नहीं देते जब तक कि ब्लड ग्लूकोज का स्तर सामान्य से काफी अधिक न हो। वहीं कुछ लोगों में बिना किसी लक्षण के ब्लड ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो सकती है। यही कारण है कि ब्लड में ग्लूकोज की सांद्रता (Concentrations) को मापने के लिए नियमित ब्लड टेस्ट करना महत्वपूर्ण है।
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स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज का निदान कैसे किया जाता है? (Steroid induced diabetes Diagnosis)
स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज (Steroid induced diabetes) का निदान स्माल ब्लड सैम्प्ल के जरिए किया जाता है। जिसे फिंगर प्रिक टेस्ट कहते हैं। उस सैम्पल की जांच स्पेशलिस्ट के द्वारा की जाती है। अगर किसी बच्चे या व्यस्क व्यक्ति का ब्लड ग्लूकोज 7 mmol/L से ज्यादा और रेंडम ब्लड ग्लूकोज लेवल 11.1 mmol/L से ज्यादा है तो उसे डायबिटीज है।
स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज (Steroid induced diabetes) परमानेंट होती है?
स्टेटॉइड्स लेने से हुआ हाय ब्लड ग्लूकोज लेवल इनका सेवन बंद कर देने के बाद कम हो सकता है। हालांकि कुछ लोगों को टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है जिसे जीवन भर मैनेज करने की जरूरत होगी। स्टेरॉइड के लंबे समय तक उपयोग के बाद टाइप 2 डायबिटीज के विकसित होने की अधिक संभावना है, जैसे कि ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का 3 महीने से अधिक समय तक उपयोग करना।
स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज का इलाज कैसे किया जाता है? (Steroid induced diabetes Treatment)
स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज (Steroid induced diabetes) का ट्रीटमेंट इंसुलिन प्रतिरोध की सीमा और ब्लड ग्लूकोज के लेवल पर निर्भर हो सकता है। ज्यादातर स्टेरॉइड इंडयूस्ड डायबिटीज का इलाज इंसुलिन इंजेक्शन और एंटी डायबिटिक मेडिसिन के जरिए किया जाता है। बच्चों में ब्लड ग्लूकोज का नियमित चेकअप जरूरी है और अगर जरूरी हो जो इंसुलिन का डोज एडस्ट करना पड़ सकता है। डॉक्टर पेरेंट्स को बताते हैं कि बच्चों में स्टेरॉइड इंडयूस्ड डायबिटीज को कैसे मैनेज किया जाता है। इसके साथ ही डायबिटीज को मैनेज करने वाली डायट और फिजिकल एक्टिविटीज की जानकारी भी दी जाती है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए डायट के साथ-साथ एक्सरसाइज भी रिकमंड की जाती है। अगर आप किसी गंभीर बीमारी का ट्रीटमेंट भी साथ में ले रहे हैं तो एक बार में दस मिनट व्यायाम करने की कोशिश करें। ऐसा दिन में तीन बार करें। यह आपको थकाए बिना सक्रिय रख सकता है। उन गतिविधियों का चुनाव करें जिनको आप एंजॉय करते हैं। किसी भी प्रकार की नया एक्सरसाइज रूटीन शुरू करने से पहले यह डॉक्टर से यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं कोई रिट्रक्शन तो नहीं हैं। साथ ही किसी प्रकार की एंटी डायबिटिक दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।
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क्या मुझे स्टेरॉइड इंड्यूस्ड टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा है? (Am I at risk of developing steroid induced type 2 diabetes?)
जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क सबसे ज्यादा होता है उनमें निम्न शामिल हैं:
- जिनका वजन अधिक है।
- यदि आपके परिवार के एक या अधिक करीबी सदस्य टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं।
- यदि आपको गर्भावधि मधुमेह (Gestational diabetes) हुई है।
- यदि आपको पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome) है
- यदि आपकी आयु 25 वर्ष से अधिक है और आप दक्षिण एशियाई, अफ्रीकी-कैरेबियन या मध्य पूर्वी रीजन के हैं
उम्मीद करते हैं कि आपको स्टेरॉइड इंड्यूस्ड डायबिटीज (Steroid induced diabetes) संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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