सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस दो ऐसी बीमारियां हैं, जिन्हें लेकर अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं। ज्यादातार लोग जानकारी के अभाव में दोनों बीमारियां को गर्दन में होने वाले सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से जोड़कर देखते हैं, जो कि पूरी तरह गलत है। दाेनों बीमारियों का पहला शब्द सर्वाइकल है, जो भ्रम पैदा करता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि सर्वाइकल कैंसर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में क्या अंतर है।
सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Cervical Spondylitis) में अंतर
पहले समझें सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सबसे पहले आपको बता दें कि सर्वाइकल कैंसर का संबंध गर्दन या रीढ़ की हड्डी से बिल्कुल नहीं है। ये कैंसर महिलाओं के प्रजनन अंग में होता है। सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) की लाइनिंग में शुरू होकर उसे प्रभावित करता है, जो कि यूट्रस का निचला हिस्सा होता है। सर्विक्स प्रमुख तौर पर यूट्रस के ऊपरी हिस्से को वजायना यानी बर्थ कैनाल से जोड़ता है। सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत तब होती है जब सेल्स का निर्माण अनियंत्रित तरीके से होने लगता है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। साथ ही, उनके सेक्स लाइफ को भी बिगाड़ सकता है।
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अब सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस क्या है?
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जिसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलॉसिस या सर्वाइकल ऑस्टियोअर्थराइटिस (Cervical spondylosis, Cervical Osteoarthritis) भी कहा जाता है, गर्दन में होने वाली एक समस्या है। इस बीमारी में गर्दन में मौजूद रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है। खासतौर पर बढ़ती उम्र में ये समस्या ज्यादा होती है। उम्र के साथ-साथ यहां मौजूद रीढ़ की हड्डी में घिसाव होने लगता है, जो गर्दन की स्पाइनल डिस्क को प्रभावित करता है। इससे प्रभावित व्यक्ति को गर्दन के मूवमेंट में बहुत तकलीफ और दर्द होने लगता है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति का दैनिक जीवन काफी हद तक प्रभावित हो सकता है। इसके कारण उन्हें कुर्सी पर बैठने, बिस्तर पर लेटने या करवट लेने और चलने-फिरने और झुकने में भी समस्या हो सकती है।
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तो क्या आप समझे सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस ( में अंतर?
ऊपर सर्वाइकल कैंसर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की परिभाषा से आप समझ ही गए होंगे कि ये दोनों बीमारियां अलग हैं। सर्वाइकल कैंसर जहां महिलाओं को सर्विक्स में होता है, वहीं सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस किसी व्यक्ति की गर्दन और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। उम्मीद है कि आगे आप इन दोनों बीमारियों को लेकर भ्रमित नहीं होंगे और लोगों का भी ये भ्रम दूर करेंगे। अब जानें इन दोनों बीमारियाें के बारे में विस्तृत जानकारी।
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सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और सर्वाइकल कैंसर में से क्या है खतरनाक?
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और सर्वाइकल कैंसर के बीच अंतर जानने के बाद आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि इन दोनों बीमारियों में से कौन सी बीमारी खतरनाक है, तो आपको बता दें कि दोनों ही बीमारियां तकलीफदेह होती हैं लेकिन सर्वाइकल कैंसर जानलेवा भी हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर का अगर समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है।
तो दोनों बीमारियों में सर्वाइकल (cervical) शब्द का प्रयोग क्यों?
आपके मन में ये भी सवाल आया होगा कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जब दोनों अलग बीमारी हैं, तो फिर दोनों के आगे सर्वाइकल शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया? तो आपको बता दें कि हमने भी इस विषय पर रिसर्च की और पाया कि सर्वाइकल शब्द का इस्तेमाल सिर्फ शरीर में कई अन्य बीमारियों के लिए किया जाता है। वैरी वल हेल्थ की रिपोर्ट से पता चला कि सर्वाइकल शब्द के हमारे शरीर में कई अर्थ हो सकते हैं। दरअसल, ये शब्द सर्विक्स से जुड़ा है। यह एक लेटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है नेक या गलेनुमा रास्ता। यही वजह है कि शरीर में इस तरह की बनावट वाले अंग के लिए सर्विक्स या सर्वाइकल शब्द को प्रयोग किया जाता है।
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तो सर्विक्स और सर्वाइकल शब्द का प्रयोग और कहां होता है?
सर्वाइकल शब्द का प्रयोग गर्दन (Neck) से जुड़ी चीजें या रोग के लिए जैसे सर्वाइकल स्पाइन, सर्वाइकल डिस्क, सर्वाइकल नर्व्स, सर्वाइकल रिब, सर्वाइकल लिम्फ नोड्स, सर्वाइकल कॉलर के लिए किया जाता है।
वहीं सर्विक्स के मामले में ये महिलाओं के प्रजनन अंग से जुड़ी चीजों या रोग के लिए इस्तेमाल होता है जैसे – सर्वाइकल कैंसर, सर्वाइकल डिस्प्लेसिया, सर्वाइकल म्यूकस, सर्वाइकल कैप आदि।
इसके अलावा भी शरीर के कुछ हिस्सों और समस्याओं के लिए भी सर्वाइकल शब्द उपसर्ग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जैसे –
- सर्वाइकलजिया (Cervicalgia) – गर्दन का दर्द
- सर्वाइकोब्रेकियल (Cervicobrachial) – गर्दन से हाथ की ओर जाने वाला दर्द
- सर्वाइकोएक्सिलरी (Cervicoaxillary)- बांह के नीचे का हिस्सा जहां से बांह और कंधे का जुड़ाव हो
- सर्वाइसेज (Cervicies) – गर्दन की तरह हिस्सा जिससे सिर शरीर से जुड़ा हो, (जरूरी नहीं कि ये शब्द सिर्फ इंसानों के लिए इस्तेमाल किया जाए)।
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सर्वाइकल कैंसर का कारण
सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण एचपीवी वायरस (Human papilloma virus) को माना जाता है। इसके अलावा कई लोगों के साथ यौन संबंध रखना, धूम्रपान करना, लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना और बहुत कम उम्र में यौन संबंध बनाना भी कारण हो सकता है।
एचपीवी वायरस को जानें
सर्वाइकल कैंसर के पीछे कारण माने जाने वाले एचपीवी इंफेक्शन की वजह से सर्वाइकल डिस्प्लेसिया, सर्वाइकल सेल्स का असामान्य और अनियंत्रत विकास होता है, जो बाद में चलकर कैंसरकारक हो सकता है।
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ऐसे करें बचाव
डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सबसे जरूरी है अपनी सेक्शुअल हाइजीन का ख्याल रखना, ज्यादा सेक्स पार्टनर्स नहीं रखना, धूम्रपान और ज्यादा बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन से बचना। इसके अलावा डॉक्टर्स महिलाओं को समय-समय पर पेल्विक परीक्षण, पैप टेस्ट, स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। इसकी मदद से सर्विक्स में हुए असामान्य बदलाव और प्री-कैंसर स्टेज को पहचाना जा सकता है।
अगर आपके मन में कोई और सवाल है तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें। आप सर्वाइकल कैंसर से जुड़े अन्य आर्टिकल्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं।