तो क्या आप समझे सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस ( में अंतर?
ऊपर सर्वाइकल कैंसर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की परिभाषा से आप समझ ही गए होंगे कि ये दोनों बीमारियां अलग हैं। सर्वाइकल कैंसर जहां महिलाओं को सर्विक्स में होता है, वहीं सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस किसी व्यक्ति की गर्दन और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। उम्मीद है कि आगे आप इन दोनों बीमारियों को लेकर भ्रमित नहीं होंगे और लोगों का भी ये भ्रम दूर करेंगे। अब जानें इन दोनों बीमारियाें के बारे में विस्तृत जानकारी।
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सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और सर्वाइकल कैंसर में से क्या है खतरनाक?
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और सर्वाइकल कैंसर के बीच अंतर जानने के बाद आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि इन दोनों बीमारियों में से कौन सी बीमारी खतरनाक है, तो आपको बता दें कि दोनों ही बीमारियां तकलीफदेह होती हैं लेकिन सर्वाइकल कैंसर जानलेवा भी हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर का अगर समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है।
तो दोनों बीमारियों में सर्वाइकल (cervical) शब्द का प्रयोग क्यों?
आपके मन में ये भी सवाल आया होगा कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जब दोनों अलग बीमारी हैं, तो फिर दोनों के आगे सर्वाइकल शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया? तो आपको बता दें कि हमने भी इस विषय पर रिसर्च की और पाया कि सर्वाइकल शब्द का इस्तेमाल सिर्फ शरीर में कई अन्य बीमारियों के लिए किया जाता है। वैरी वल हेल्थ की रिपोर्ट से पता चला कि सर्वाइकल शब्द के हमारे शरीर में कई अर्थ हो सकते हैं। दरअसल, ये शब्द सर्विक्स से जुड़ा है। यह एक लेटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है नेक या गलेनुमा रास्ता। यही वजह है कि शरीर में इस तरह की बनावट वाले अंग के लिए सर्विक्स या सर्वाइकल शब्द को प्रयोग किया जाता है।
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