आपने कई बार महसूस किया होगा कि चलते हुए अचानक से पैर में दर्द महसूस होने लगता है। हाथ को आगे या पीछे करते समय कंधे के पास खिचांव महसूस होने लगना आदि समस्याएं मसल्स में दर्द के कारण हो सकती हैं। मसल्स में दर्द होने पर हमें हाथ या पैर में दर्द महसूस होता है। मांसपेशियों में दर्द यानी कि मस्क्युलोस्केलेटल पेन की समस्या मसल्स में इंजरी के कारण हो सकती है। मांसपेशियों में फाइबर्स टिशू पाए जाते हैं जो मसल्स को हड्डी से जोड़ने का काम करते हैं। मामूली चोट के कारण भी इस दर्द की समस्या हो सकती है जबकि अधिक चोट लगने में कम्प्लीट टियर यानी मसल्स टियरिंग की समस्या हो सकती है। कई बार मसल्स स्ट्रेच हो जाने के कारण भी मस्क्युलोस्केलेटल पेन की समस्या हो जाती है। ऐसा पीठ के निचले हिस्से और जांघ में भी महसूस हो सकता है।
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मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Musculoskeletal pain) से पहले समझें मोच और स्ट्रेन को
स्ट्रेन और मोच के बीच का अंतर यह है कि स्ट्रेन में एक मांसपेशी के बैंड पर चोट लगती है। फाइबर्स टिशू जो एक मांसपेशी को हड्डी से जोड़ती है उस पर चोट लगने से स्ट्रेन की समस्या हो जाती है। जबकि मोच में टिशू के बैंड इंजर्ड हो जाते हैं जो कि दो हड्डियों को एक साथ जोड़ते हैं।
इन कारणों से हो सकता है मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Cause of Musculoskeletal pain)
मांसपेशियों में दर्द कई कारणों से हो सकता है। अधिक शारीरिक गतिविधियों के कारण भी इस दर्द की समस्या हो सकती है।
- ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से मांसपेशियों में पेन होना
- गलत तरीके से एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप
- खराब फ्लेक्सिबिलिटी
- जंप के कारण
- कुछ तेजी से फेंकने के कारण
- गलत पुजिशन में खड़े होकर कुछ उठाना
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क्रोनिक मसल्स पेन
क्रोनिक मसल्स पेन (Chronic muscles pain) रिपिटीटिव मूवमेंट के कारण हो सकता है। कुछ मूवमेंट जैसे कि
- रोइंग, टेनिस, गोल्फ या बेसबॉल खेलने के दौरान
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने के कारण
- बैक पुजिशन में लंब समय तक बैठे रहने से
- डेस्क में लगातार बैठ कर काम करने से
मस्क्युलोस्केलेटल पेन के लक्षण (Symptoms of Musculoskeletal pain)
- मसल्स में हाथ रखने या फिर मसल्स वाले भाग में हाथ रखने से दर्द की समस्या होना।
- प्रभावित स्थान में स्किन के कलर में अंतर आ जाना
- सूजन की समस्या
- मसल्स क्रैम्प
- मसल्स में वीकनेस महसूस होना
- प्रभावित स्थान में दर्द महसूस होना
- मूवमेंट के दौरान दर्द का एहसास
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मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Musculoskeletal pain) को कैसे डायग्नोज किया जाएगा ?
अगर आपको मांसपेशियों में दर्द या खिंचाव महसूस हो रहा है तो पहले डॉक्टर शारीरिक जांच करेगा और मसल्स में दर्द का कारण भी पूछ सकता है। कुछ सवाल जैसे कि क्या गलत एक्सरसाइज की थी या फिर कोई चोट लग गई है आदि। डॉक्टर जांच के लिए इमेजिंग टेक्नीक का यूज भी कर सकते हैं। एक्स-रे की हेल्प से जानकारी मिल जाएगी कि हड्डी टूटी है या फिर नहीं। डॉक्टर जांच के बाद मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या को ग्रेड 1,2 या 3 में बांट देगा। ग्रेड ए में स्ट्रेन हल्का रहता है और जल्दी ठीक भी हो जाता है। जबकि ग्रेड 2 में थोड़ा समय लग सकता है। ग्रेड 3 में सीरियस मसल्स टीयर की समस्या हो चुकी है। ऐसे में समस्या के निदान में ज्यादा समय लगता है।
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मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Musculoskeletal pain) की समस्या का निदान
मस्क्युलोस्केलेटल पेन अगर किसी आम कारण से हो रहा है तो घरेलू उपाय की मदद से भी समस्या का निदान किया जा सकता है। रिकवरी में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन मांसपेशियों में पेन की समस्या कुछ ही समय बाद ठीक हो जाएगी। अगर परेशानी ज्यादा हो, तो मांसपेशियों में दर्द की परेशानी दूर करने के लिए दवा प्रिस्क्राइब की जाती है।
मांसपेशियों में दर्द (Muscles pain) से राहत के लिए RICE टेक्नीक
रेस्ट (Rest): आराम करने से बॉडी मसल्स को रिकवरी के लिए समय मिल जाएगा। अगर थोड़ा आराम कर लेगें तो आपको महसूस होगा कि मांसपेशियों का दर्द गायब हो गया है।
बर्फ (Ice): कपड़े में बर्फ को लपेटने के बाद दर्द वाली जगह में आइस पैक को लगाएं। ऐसा 10 से 15 मिनट तक करें। ऐसा करने से स्वेलिंग और सूजन की समस्या में राहत मिल जाएगी।
कम्प्रेशन (Compression): अगर संभव हो तो कंम्प्रेशन बैंडेज का यूज किया जा सकता है। कुछ लोग क्लोथ का यूज भी करते हैं। अगर आपके पास कंप्रेशन बैंडेज नहीं है तो ड्रग स्टोर से इलास्टिक बैंडेज खरीदकर हाथ या पैर, जहां भी समस्या महसूस हो रही हो, बांध सकते हैं। एंकल, लेग, कलाई और आर्म में इसे आसानी से यूज किया जा सकता है।
एलिवेशन (Elevation): ऐलिवेशन टेक्नीक यानी शरीर के जिस भी स्थान (हाथ, पैर) में दर्द हो रहा है, उसे थोड़ा ऊपर की ओर उठा दें। ऐसा करने से राहत मिलती है। हो सकता है कि आपका मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Musculoskeletal pain) अचानक से खत्म हो जाए।
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अधिक दर्द (Pain) से राहत के लिए मेडिसिन
अगर आपको मांसपेशियों में अधिक दर्द की समस्या है तो आप दवाई भी ले सकते हैं ताकि दर्द से तुरंत राहत मिल जाए। ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) जैसे कि डाइक्लोफिनेक (Diclofenac) , इबूप्रोफेन (Ibuprofen) और नेप्रोक्सन को लेने से मस्क्युलोस्केलेटल पेन और सूजन दोनों में राहत मिल सकती है। एसिटामिनोफेन दर्द से राहत दे सकता है। अगर आपको मांसपेशियों में पेन लंबे समय से हो रहा है तो बेहतर रहेगा कि एक बार डॉक्टर से परामर्श करें और फिर मेडिसिन लें।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए ?
लोगों को अक्सर मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Musculoskeletal pain) की समस्या हो सकती है। अगर आपको मांसपेशियों में हल्का दर्द हो रहा है तो बेहतर होगा कि घरेलू उपाय की सहायता लें। अगर मांसपेशियों में अधिक दर्द (Muscles pain) हो रहा है और इसकी वजह इंजरी है तो बेहतर होगा कि एक तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें।
इन बातों का रखें ध्यान
सेल्फ केयर से मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Musculoskeletal pain) से राहत मिल सकती है। इसके लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा।
- ओवर-द-काउंटर (OTC) दवा का यूज करें।
- दर्द (Pain) की समस्या सही होने पर उस स्थान में हीट एप्लाई करें। ऐसा करने से उस एरिया में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) तेज हो जाएगा और मांसपेशियों को भी रिलेक्स फील होगा।
- मसल्स को लंबे समय तक एक ही स्थिति में न रहने दें।
- एक्सरसाइज के पहले जब वार्मअप करें, तो ट्रेनर की देखरेख में करें।
- चलते, बैठने और सोते समय सही पुजिशन का ध्यान रखें।
मांशपेशियों में दर्द का इलाज दवा से भी किया जा सकता है।
अगर आपको मस्क्युलोस्केलेटल पेन (Musculoskeletal pain) की शिकायत है तो घरेलू उपाय की सहायता ले सकते हैं। समस्या अधिक है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी तरह के मूवमेंट को करते समय विशेष सावधानी रखें।
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