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पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ लड़ रहे हैं जिंदगी से जंग, प्लेटलेट्स में हुई भारी कमी

पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ लड़ रहे हैं जिंदगी से जंग, प्लेटलेट्स में हुई भारी कमी

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पिछले कई दिनों से जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं। करीब डेढ़ सालों से पकिस्तान के एंटी-करप्शन के हिरासत में बंद शरीफ की तबियत अचानक बीते सोमवार को बिगड़ गई, जब उनका प्लेटलेट काउंट्स बहुत गिर गया। सोमवार को जब 69 वर्षीय शरीफ को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था तो प्लेटलेट काउंट मात्र 2000 था। रिपोर्ट के मुताबिक उनका प्लेटलेट काउंट एक दिन में ही 45,000 से 25,000 पर आ गया। यह बहुत चिंता का विषय है। इस्लामाबाद की एक न्यूज चैनल के मुताबिक लो प्लेटलेट काउंट, लो ब्लड प्रेशर और लो शुगर की वजह से उनकी किडनी भी प्रभावित हुई है। शनिवार को शरीफ को इलाज के दौरान ऐंजाइना अटैक भी हुआ। इसके अलावा उन्हें सीने में तेज दर्द की शिकायत थी, क्योंकि हार्ट में ब्लड सर्क्युलेशन कम हो गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से उनकी जिंदगी को खतरा है। नवाज के पर्सनल डॉ अदनान खान ने ट्विटर पर पोस्ट डालकर इसकी पुष्टि की।

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क्या है प्लेटलेट्स?

प्लेटलेट्स हमारे शरीर में मौजूद ऐसी सेल्स हैं जो ब्लड सर्क्युलेशन को प्रभावित करती हैं। प्लेटलेट्स ऐसी रंगहीन कोशिकाएं होती हैं जो आपस में चिपककर खून को गाढ़ा करने या जमाने में मदद करती हैं। शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। यदि कभी प्लेट्लेट्स की संख्या में अचानक कमी या वृद्धि होने लगता है तो कई तरह की बीमारियों का खतरा हो जाता है। खून में प्लेट्लेट्स की संख्या कम हो जाने की स्थिति को मेडिकल क्षेत्र में थ्रॉम्बोसायटोपीनिया कहा जाता है। थ्रॉम्बोसायटोपीनिया के कारण आपके शरीर को कोई खास परेशानी का अनुभव भले न हो लेकिन ये कई बार खतरनाक हो सकता है।

ऐसे समझें प्लेटलेट्स का कम होना

लो प्लेटलेट काउंट का होना एक हेल्थ डिसऑर्डर है। जिसमें ब्लड में प्लेटलेट्स की काउंट कम हो जाती है जिसे थ्रॉम्बोसायटोपीनिया कहा जाता है। यह ब्लड सेल्स में सबसे छोटी होती हैं और ये क्लॉट बनाने वाली सेल्स होती हैं। प्लेटलेट्स की सामान्य उम्र 5 से 9 दिन होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के प्रति ML ब्लड में 150,000 से लेकर 450,000 प्लेट्लेट्स होती हैं। जब इनकी संख्या 150,000 प्रति माइक्रोलिटर के नीचे होती है, तो इसे कम माना जाता है।

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थ्रॉम्बोसायटोपीनिया के क्या लक्षण हो सकते हैं? 

  • पेशाब के साथ ब्लीडिंग
  • सिर दर्द
  • पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा खून निकलना
  • खून के साथ बैगनी रसायन निकलना
  • त्वचा पर बैगनी या लाल स्पॉट्स

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थ्रॉम्बोसायटोपीनिया होने के क्या कारण हैं?

हर प्लेटलेट करीब दस दिनों तक ही जिंदा रहता है, इसलिए शरीर बोनमैरो में नये प्लेटलेट बनाता रहता है. जब बोनमैरो में पर्याप्त संख्या में नये प्लेटलेट नहीं बनते या तेजी से टूटते हैं, तो थ्रोम्बोसाइटोपेनिया रोग हो सकता है। प्लेटलेट्स के जमाव या असामान्य वितरण से तिल्ली से संबंधित रोग हो सकते हैं. यह वंशागत और कुछ दवाइयों या कई अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकता है। एक या विभिन्न कारणों से प्लेटलेट्स काउंट कम हो सकता है, जैसे :

प्लेट्लेट्स कम होने पर (थ्रॉम्बोसायटोपीनिया) मुझे राहत के लिए क्या करना चाहिए?

1. किसी व्यक्ति का प्लेट्लेट्स कम हो जाए तो उसे प्रोटीन, विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-के, फोलेट, जिंक, फोलिक एसिड, सेलीनियम जैसे पोषक तत्वों से परिपूर्ण आहार लेना चाहिए। ब्लड में प्लेट्लेट्स बढ़ाने में बहुत लाभदायक होता है।

2. अपने डेली डायट में आंवला, लहसुन, ग्रीन टी, दही, नारियल पानी का सेवन करें। थ्रॉम्बोसायटोपीनिया की शिकायत होने पर अनार, पपीता, सेब, चुकंदर जैसे फलों को अपने डायट में शामिल करें।

3. एलोवेरा का सेवन करना भी इस दौरान बहुत फायदेमंद होता है। डेली 20-25 ग्राम की मात्रा में एलोवेरा का गुदा वाला भाग खाएं या जूस पिएं। यह प्लेटलेट्स की घटी काउंट्स को प्रभावी रूप से मदद करता है।

4. व्हीटग्रास का उपयोग भी प्लेट्लेट्स की संख्या को बढ़ाने में काफी सहायक है। डेली सुबह खाली पेट व्हीटग्रास जूस पीने से आपकी प्लेट्लेट्स की संख्या धीरे-धीरे सामान्य होने लगेगा।

5. इसके अलावा तुलसी के पत्तों और गिलोय को साथ मिलाकर काढ़ा तैयार कर सेवन करने से भी प्लेट्लेट्स बढ़ाने में लाभदायक होगा।

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इस बीमारी का निदान कैसे किया जाता है?

इस बीमारी का निदान करने के लिए नीचे बताए गए टेस्ट कराए जा सकते हैं, जैसे :

इस बीमारी के निदान के लिए प्रयोग किए जाने वाले लैब टेस्ट में लिवर एंजाइम, विटामिन-बी 12 के स्तर, कंप्लीट ब्लड काउंट , किडनी फंक्शन, फोलिक एसिड का लेवल जैसी जांच की जा सकती है।

ध्यान रहे कि ये शारीरिक समस्या किसी को भी हो सकती है। इसलिए इसकी सही जानकारी होना जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। हम आशा करते हैं कि इस लेख में दी गई जरूरी बातें आपके काम आएंगी। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा, तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Nawaz Sharif fighting for life after drastic drop in platelet count: Doctor Accessed on 30/10/19

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/thrombocytopenia/symptoms-causes/syc-20378293

https://www.webmd.com/a-to-z-guides/thrombocytopenia-causes-treatment

https://www.nhlbi.nih.gov/health-topics/thrombocytopenia

https://medlineplus.gov/ency/article/000586.htm

Accessed 27 Jan, 2020

Current Version

23/09/2020

Nikhil Kumar द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar

Updated by: Nikhil deore


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Dr. Shruthi Shridhar


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2020

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