ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग के दौर में साल 2019 में भी नेटफ्लिक्स ने अपना दबदबा कायम रखा। नेटफ्लिक्स पर ऐसे कई शो हैं, जिन्हें बिंज वॉच (Binge Watch) करना लोगों को काफी पसंद आता है। लेकिन, यह पसंद अब पसंद से ज्यादा एडिक्शन बनता जा रहा है। हाल के कुछ वर्षों में लोगों को नेटफ्लिक्स एडिक्शन हो गया है, जो कि मिलेनियल्स (22 से 37 वर्ष उम्र के लोग) और पोस्ट मिलेनियल्स (0 से 21 वर्ष उम्र के लोग) में ज्यादा देखने को मिल रहा है।
नेटफ्लिक्स एडिक्शन और बिंच वॉचिंग का क्या संबंध है?
टेलीविजन या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किसी सीरीज के कई एपिसोड्स लगातार बैठ के देखना बिंच वॉचिंग कहलाता है। भारत में हाल ही में आई सेक्रेड गेम्स (Sacred Games) हो, फैमिली मैन (The Family Man) हो या फिर देल्ही क्राइम (Delhi Crime), भारतीय लोगों ने 2019 में कई वेब सीरीज को बिंच वॉच किया है। इस लिस्ट में कई इंटरनेशनल वेबसीरीज भी शामिल हैं। जब यह बिंच वॉचिंग करना लोगों की आदत बन जाता है, तो एडिक्शन कहलाता है। अब इसी नेटफ्लिक्स एडिक्शन पर साल 2019 में एक रिपोर्ट सामने आई है।
नेटफ्लिक्स एडिक्शन रिपोर्ट क्या है और यह कैसे की गई?
2019 सितंबर के आसपास एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें मिलेनियल्स के द्वारा नेटफ्लिक्स देखने के समय के नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस रिपोर्ट में 750 लोगों के स्ट्रीमिंग बिहेवियर का अध्ययन किया। इन 750 लोगों में 295 (23-37 वर्ष की उम्र के लोग) मिलेनियल्स थे। इन मिलेनियल्स की माध्यिका उम्र (Median Age) 32 वर्ष है, जिसकी U.S. Social Security Administration Actuarial Life Tables के मुताबिक, संभावित अतिरिक्त उम्र 48 साल निकली है। इस अध्ययन में पाया गया है कि मिलेनियल्स अपने दिन के औसतन 6.6 घंटे ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग पर बिताते हैं, जो कि हफ्ते के 46.2 घंटे होते हैं और यह आंकड़ा मिलेनियल्स की संभावित जिंदगी के 13 साल के करीब पहुंच जाता है।
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नेटफ्लिक्स एडिक्शन और इंटरनेट एडिक्शन
इंटरनेट एकतरफ जिंदगी को सुविधाजनक बनाने का माध्यम है, वहीं दूसरी तरफ इसका एडिक्शन किशोरो में बढ़ता जा रहा है। इंटरनेट एडिक्शन में सबसे बड़ा हाथ नेटफ्लिक्स एडिक्शन या अमेजॉन, हॉटस्टार जैसे अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेफॉर्म का एडिक्शन का है। 2019 में सामने आई एक रिसर्च के मुताबिक, एम्स (AIIMS) में कार्यरत एक एक्सपर्ट ने कहा है कि, पिछले दो सालों में इंटरनेट एडिक्शन के मामले आने दोगुने हो गए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा किशोर हैं, जिनमें इंटरनेट एडिक्शन की वजह से गंभीर मानसिक और व्यवहारत्मक समसाएं देखी गई हैं।
इस रिपोर्ट में प्रयागराज के आठ स्कूलों के 16 से 18 वर्ष की उम्र के 200 बच्चों पर अध्ययन किया गया, जिसमें से 111 लड़के और 89 लड़की के दो समूह बनाए गए। दोनों समूहों पर किए गए अध्ययन में पचा चला कि करीब 95.5 प्रतिशत बच्चे इंटरनेट एडिक्शन से ग्रसित हैं, बाकी के 4.5 प्रतिशत को इंटरनेट का सामान्य इस्तेमाल करते पाया गया। हालांकि, अभी इस बात की प्रामाणिक जानकारी नहीं है कि इंटरनेट एडिक्शन को खुद एक डिसऑर्डर माना जाए या फिर अन्य मानसिक डिसऑर्डर के कारणों में गिना जाए।
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नेटफ्लिक्स एडिक्शन का भारत में पहला मामला क्या था?
भारत के बेंगलुरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस में पिछले साल नेटफ्लिक्स एडिक्शन का पहला मामला दर्ज किया गया। इसमें एक 26 साल के युवक को नौकरी जाने के बाद नेटफ्लिक्स पर वीडियो देखने की आदत पड़ गई। यह आदत धीरे-धीरे इतनी गंभीर हो गई कि वो दिन में 10-12 घंटे तक नेटफ्लिक्स पर वीडियो देखने लगा। उसके मां-बाप के टोकने पर वह आक्रामक, चिड़ने और गुस्सा होने लगता। उसमें नेटफ्लिक्स एडिक्शन की वजह से बॉडी क्लॉक में बदलाव, एंटी-सोशल होना आदि समस्याएं देखी गईं।
नेटफ्लिक्स एडिक्शन या अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग एडिक्शन के लक्षण
नेटफ्लिक्स एडिक्शन या अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग एडिक्शन के ज्यादातर लक्षण मानसिक या व्यवहारिक बदलाव हो सकते हैं, जैसे-
- मूड में अचानक बदलाव आना
- नई वेबसीरीज या मूवीज के बारे में अति उत्साहित
- वीडियो स्ट्रीमिंग के समय पर नियंत्रण नहीं होना
- सिर्फ वीडियो स्ट्रीमिंग के बाद ही बेहतर फील होना
- वीडियो देखना बंद न कर पाना
- समय का ख्याल न रहना
- दूसरे जरूरी कामों की चिंता न करना
- एंटी-सोशल हो जाना
- नेटफ्लिक्स या अन्य ओटीटी प्लेटफार्म न देख पाने पर गुस्सा आना
- अपने परिवार को बिल्कुल समय न देना
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नेटफ्लिक्स एडिक्शन या अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म एडिक्शन का कारण
हर किसी को नेटफ्लिक्स एडिक्शन या अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म एडिक्शन के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन यहां कुछ मुख्य कारणों को बताया जा सकता है। जैसे-
- चिंता या अवसाद जैसी किसी मानसिक समस्या से ग्रसित होने पर
- जेनेटिक
- आसपास के माहौल को देखकर
नेटफ्लिक्स एडिक्शन से होने वाली समस्याएं
नेटफ्लिक्स एडिक्शन से होने वाली समस्याओं में मानसिक परेशानियां ज्यादा हैं, लेकिन इससे शरीर पर भी नुकसान हो सकता है। जैसे, काफी लंबे समय तक नेटफ्लिक्स या अन्य अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को देखने से आपका बॉडी पॉस्चर बिगड़ सकता है। चूंकि, आप नेटफ्लिक्स देखते हुए बैठे या लेटे रहते हैं, इसलिए इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन पर बुरा असर पड़ सकता है और आपकी मसल्स की कार्यक्षमता कम हो सकती है। इसके साथ ही आपको मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। इसकी वजह से इंसोम्निया, सिरदर्द, गर्दन का दर्द, कमर दर्द आदि भी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा, नेटफ्लिक्स एडिक्शन आपके दिमाग पर सीधा प्रभाव डालता है। इससे चिंता, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, इससे आपकी सोचने-समझने की शक्ति, क्रिएटिविटी पर भी बुरा असर पड़ सकता है। एडिक्शन होने के बाद लोगों के रोजाना की गतिविधि भी प्रभावित होती हैं। नेटफ्लिक्स एडिक्शन आपके मूड में अचानक बदलाव का जिम्मेदार होता है। आप रियल दुनिया से ज्यादा रील दुनिया के करीब हो जाते हैं और एक समय के बाद आपको अकेला महसूस होने लगता है। आप वेबसीरीज, फिल्म की कल्पना को भी हकीकत मानने लगते हो और जिसकी वजह से आप खुद को भी किसी फिल्म का एक किरदार मान सकते हो।
नेटफ्लिक्स एडिक्शन और बिंच वॉचिंग का हृदय संबंधित समस्याओं से संबंध
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक स्टडी के मुताबिक, नेटफ्लिक्स या टीवी पर बिंच वॉच करने से कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस स्टडी में 3,592 अक्रीकी अमेरिकन पर शोध किया गया, जिसमें पाया गया कि जो लोग चार घंटे से अधिक बिंच वॉच करते हैं, उनमें 2 घंटे से कम नेटफ्लिक्स या टीवी पर स्क्रीन देखने वालों से 50 प्रतिशत अधिक कार्डियोवस्कुलर बीमारियों और प्री-मैच्योर डेथ का खतरा होता है। उनका मानना है कि, ऐसा बिंच वॉचिंग की वजह से शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण हो सकता है।
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नेटफ्लिक्स एडिक्शन से होने वाली कार्डियोवस्कुलर बीमारी से कैसे बचें?
नेटफ्लिक्स एडिक्शन या बिंच वॉचिंग के कारण हम अपना अधिकतर समय सोफे या बेड पर बैठकर या लेटकर बिताते हैं, जिससे हमारी शारीरिक गतिविधियों में कमी आ जाती है और इसके साथ-साथ अस्वस्थ खानपान की संभावना भी बढ़ जाती है। इस कारण हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आप निम्नलिखत उपाय अपना सकते हैं :
- एक्सरसाइज के लिए समय निकालना
- लगातार बैठे या लेटे रहने से बचना
- बीच-बीच में स्ट्रेचिंग या टहलना
- बिंच वॉचिंक के दौरान स्वस्थ खानपान
- डॉक्टर की मदद लेना
नेटफ्लिक्स एडिक्शन को कैसे दूर करें?
नेटफ्लिक्स एडिक्शन को दूर करना किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जिसके लिए वो निम्नलिखित उपाय अपना सकता है…
फोन या कंप्यूटर पर टाइमर लगाना- नेटफ्लिक्स एडिक्शन की वजह से वेबसीरीज या फिल्म देखते हुए आपको अपने फोन या कंप्यूटर पर टाइमर लगाना चाहिए। जिससे आपको पता चल जाए कि कब आपको स्क्रीन देखना बंद करना है। इसके साथ आप बीच-बीच में टहलने या पानी पीने के लिए भी टाइमर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सोशल बनने की कोशिश करें- अपने घरवाले, दोस्तों या पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं या उनके साथ कहीं बाहर जाएं। जिससे आपको नेटफ्लिक्स एडिक्शन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
मेडिटेशन– मेडिटेशन की मदद से आप दिमागी रूप से मजबूत हो सकते हैं और डिप्रेशन व चिंता में राहत पा सकते हैं। इससे आपको नेटफ्लिक्स या अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल करने की इच्छा कम होगी।
गैजेट्स डिटॉक्सिफिकेशन- आप कुछ समय के लिए टीवी, मोबाइल या कंप्यूटर से दूरी बना लें। शुरुआत में यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आपको इससे फायदा जरूर मिलेगा और नेटफ्लिक्स एडिक्शन से राहत मिलेगी।
डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक की मदद- अगर आपकी स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर चली गई है और गंभीर हो गई है तो आप डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक चिकित्सक की मदद जरूर लें। वो आपका सही मार्गदर्शन कर सकेगा और जरूरी ट्रीटमेंट कर सकेगा।
हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सक सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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