वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार तंबाकू से हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। इसमें से 10 लाख ऐसे हैं, जो बिना तंबाकू के सेवन के बावजूद इसका शिकार बन जाते हैं। यानी रिपोर्ट्स के मुताबिक पैसिव स्मोकिंग भी लोगों की मौत का कारण बनता चला जा रहा है।
पैसिव स्मोकिंग क्या है? (What is passive smoking?)
पैसिव स्मोकिंग जिसे सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी कहते हैं। यानी किसी और की सिगरेट का धुआं भी आपको सिगरेट पीने बराबर नुकसान पहुंचता है। तंबाकू के धुएं में कम से कम 40 कैंसर पैदा करने वाले एजेंट सहित 4,000 से अधिक हानिकारक रसायन होते हैं। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड और जहरीली गैस भी होती है, जो रक्त द्वारा ऑक्सिजन ले जाने में बाधा उत्पन्न करती हैं। यह सारे जहरीले रसायन पैसिव स्मोक के जरिए सिगरेट नहीं पीने वाले शख्स के शरीर में जाता है। ज्यादातर बच्चे भी इसका शिकार बनते हैं।
और पढ़ें : स्मोकिंग (Smoking) छोड़ने के बाद शरीर में होते हैं 9 चमत्कारी बदलाव
[mc4wp_form id=’183492″]
पैसिव स्मोकिंग से होने वाली बीमारियां
- लंग कैंसर (Lung cancer)
- दिल की बीमारी (Heart disease)
- सांस संबंधी परेशानी (Breathing problem)
- ब्लड प्रेशर (Blood pressure)
- स्तन कैंसर (Breast cancer)
और पढ़ें : स्मोकिंग छोड़ने के लिए वेपिंग का सहारा लेने वाले हो जाएं सावधान!
बच्चों को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है पैसिव स्मोकिंग? (How can passive smoking harm children?)
बच्चों में बड़ों के मुकाबले पैसिव स्मोकिंग का असर ज्यादा होता है। क्योंकि बच्चे बड़ों की तुलना में सांस ज्यादा तेजी से लेते हैं।
निम्नलिखित स्थितियों को बच्चों में पैसिव स्मोकिंग (सेकेंड हैंड) स्मोक एक्सपोजर से जोड़ा गया है:
- सडन इनफेंट डेथ सिंड्रोम (SIDS)
- सांस संबंधी इंफेक्शन (जैसे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया)
- अस्थमा अटैक (Asthma attack) आना
- कान में इंफेक्शन होना
- कफ की समस्या बहुत होना या काफी दिनों से होना।
- गर्भावस्था के दौरान भी स्मोकिंग का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है।
पैसिव स्मोकिंग से कैसे बचें? (How to avoid passive smoking?)
- वैसे लोगों के आस-पास स्मोकिंग करने के दौरान न रहें जो स्मोकिंग करते हों।
- घर पर भी अगर कोई सदस्य स्मोकिंग करता है तो उसे समझाएं की ये उनके लिए और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए हानिकारक है।
- स्मोकिंग करने वाले लोगों को पब्लिक प्लेस या घर में स्मोकिंग नहीं करना चाहिए।
- घर में कभी भी स्मोकिंग न करें।
- बच्चों और बड़ों को धुएं से दूर रख कर लंग इंफेक्शन, गंभीर अस्थमा, कैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
- स्मोकिंग से होने वाले बुरे परिणाम के बारें में लोगों को जागरूक करें।
अगर आप भी स्मोकिंग करते हैं, तो जरा संभल जाएं। इससे सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि आपके चाहने वालों को भी इससे नुकसान हो सकता है। अगर स्मोकिंग की आदत नहीं छूट रही है तो हेल्थ एक्सपर्ट से जल्द से जल्द मिले
पैसिव स्मोकिंग से अपनों को बचाने के लिए धूम्रपान कैसे छोड़ें? (How to quit smoking)
पहले खुद हो तैयार
स्मोकिंग एक लत है जिसमें आपका दिमाग पहले से ही निकोटिन का आदि हो चुका होता है। इसलिए अपने आपको तैयार करना होगा। इसके लिए अपने डॉक्टर से हर उस तरीके के बारे में जानने की कोशिश करें जो आपकी मदद कर सकते हैं। जैसे कि दवाइयां, योग, एक्सरसाइज, निकोटिन पैच (यह निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी में यूज होता है) इत्यादि। तभी आप अगले स्टेप के लिए पूरी तरह तैयार हो पाएंगे। इससे आप लोगों को पैसिव स्मोकिंग से बचा सकेंगे।
अपनों के साथ बिताएं समय
परिवार, दोस्तों से अपनी स्मोकिंग की लत छोड़ने के बारे में बात करें। इसका फायदा यह होगा कि जब कभी आपकी इच्छाशक्ति कम पढ़ने लगेगी तो परिवार व दोस्त आपको प्रोत्साहित करेंगे। आजकल तो ऐसे कई ग्रुप भी हैं, जहां धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक अनेक लोग मिल जुलकर एक दूसरे की मदद करते हैं और अपना अमुभव साझा करते हैं। आप ऐसे किसी भी ग्रुप का हिस्सा बन सकते हैं। जिससे आप पैसिव स्मोकिंग से लोगों को बचा सकेंगे।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से बच्चा हो सकता है बहरा
शरीर और दिमाग को आराम दें
कई लोग स्ट्रेस को कम करने के लिए भी स्मोकिंग करते हैं। तो अगर आप स्मोकिंग छोड़ रहे हैं तो आपको अपने शरीर को आराम देना चाहिए, ताकि आप फिर से स्मोकिंग की तरफ न मुड़ें। इसके लिए बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं जैसे कि व्यायाम करना, संगीत सुनना, घूमना, मेडिटेशन करना इत्यादि। अपने आप को इन में व्यस्त रखने की कोशिश करें।
हेल्दी डायट पर दें ध्यान (Pay attention on healthy diet)
कई अध्ययनों के अनुसार नॉनवेज या कुछ और अन्य फूड प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिसके बाद आपको स्मोकिंग की तलब लग सकती है। वहीं पनीर, फल और सब्जियां सिगरेट के स्वाद को खराब करते हैं। जिससे आपका स्मोकिंग की तरफ आकर्षण खत्म होने लगता है। इसलिए कोशिश करें कि जब आप स्मोकिंग छोड़ने का प्रयत्न कर रहे हैं इस दौरान ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां और फल आपके आहार का हिस्सा हो। स्मोकिंग छोड़ने से आप लोगों को पैसिव स्मोकिंग से बचा सकते हैं।
और पढ़ें : पुरुषों की स्मोकिंग की वजह से शिशु में होने वाली परेशानियां
स्मोकिंग छोड़ से लिए न लें वेपिंग (Vaping) का सहारा (Do not take the support of vaping by quitting smoking)
सामान्यतः इस्तेमाल की जाने वाली सिगरेट में निकोटीन (तम्बाकू) का उपयोग होता है। इसका धुंआ नशीला होता है नए जमाने में इस सिगरेट की जगह ई-सिगरेट का इस्तेमाल प्रचलन में है और यह आम धारणा है कि ई-सिगरेट कम हानिकारक होता है और दुष्प्रभाव आम सिगरेट की तुलना में कम होते हैं।
परंपरागत रूप से उपयोग की जाने वाली सिगरेट में लगभग 7000 केमिकल होते हैं। ई-सिगरेट में अनुमान लगाया जाता है कि नॉर्मल सिगरेट की तुलना में केमिकल्स की मात्रा कम होती है। ई-सिगरेट में पानी में घुले हुए निकोटीन की भाप को लिया जाता है जिसकी वजह से वह हानिकारक कम होता है।
कई लोगों का ऐसा सोचना है कि अगर वे रेगुलर स्मोकिंग की जगह ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं तो वे स्मोकिंग की लत को छोड़ पाएंगे। लेकिन डॉक्टर्स की मानें तो ये केवल एक मिथक है। अगर आप ई-सिगरेट का इस्तेमाल ठीक उसी तरीके और दिन में नॉर्मल सिगरेट पीने की संख्या के बराबर कर रहे हैं, तो आपकी हालत में कोई सुधार नहीं होगा। कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां केवल इस मिथक की वजह से लोगों ने ई-सिगरेट का अधिक इस्तेमाल किया और उनकी समस्याएं और अधिक बढ़ गई।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पैसिव स्मोकिंग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmi]