अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी ( American College of Cardiology)और 10वीं अमीरात कार्डियक सोसायटी कांग्रेस ने मिलकर हाल में एक सम्मेलन किया था। उस दौरान अध्ययन में पता चला कि जो रोगी हाई फाइबर फूड ले रहे थे, उनके बीपी (Blood Pressure) के साथ ही ग्लूकोज के लेवल में भी सुधार देखने को मिला। हाई फाइबर फूड शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है, तो आप इस आर्टिकल के माध्यम से हाई फाइबर फूड के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हाई फाइबर फूड (High Fiber Food) कैसे स्वास्थ्य को बनाता है बेहतर?
भारत के अमृतसर में केयर वेल हार्ट एंड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं की टीम ने छह महीनों तक 200 डायबिटिक लोगों के खानपान पर नजर रखी। इस दौरान भोजन समूह और खाने के भाग को अलग किया गया था ताकि पता चल सके कि किस फूड को खाने से शरीर में क्या अंतर दिखेगा। करीब तीन से छह महीने बाद जब तक भोजन दिया गया। हाई फाइबर फूड लगभग 20 से 24 ग्राम प्रति दिन के हिसाब से दिया गया था। छह महीने बाद जब चेकअप किया गया तो सीरम कोलेस्ट्रॉल में 9 प्रतिशत की कमी, ट्राइग्लिसराइड्स में 23 प्रतिशत की कमी, और सिस्टोलिक रक्तचाप और फास्टिंग ग्लूकोज में 15 और 28 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। हाई फाइबर फूड हृदय रोग और ब्लड शुगर के लिए फायदेमंद साबित होता है।
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फाइबर क्या है? (What is Fiber)
फाइबर खाने में पाए जाने वाला वो पदार्थ हैं जो डायजेस्ट नहीं होता है। ये पौधों से कार्बोहाइड्रेट के रूप में निकाला जाता है। ये दो प्रकार का होता है। पहला घुलने वाला फाइबर और दूसरा न घुलने वाला। दोनों का मतलब आपको उनके नाम से ही समझ आ गया होगा। घुलने वाला फाइबर हमारे शरीर में जाकर पानी में मिल जाता है। ये पेट में जाने के बाद एक गाढ़ा तरल पदार्थ बन जाता है, जो शरीर को अनावश्यक खाने को अवशोषित करने से रोकता है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं बन पाता। न घुलने वाला फाइबर पेट को साफ करने के लिए अच्छा माना जाता है। इसे डायट में शामिल करने से कब्ज की परेशानी नहीं होती है। हमें डायट में दोनों तरह के फाइबर को शामिल करना चाहिए।
आहार में कैसे लें हाई फाइबर फूड?
एम. डी. डॉक्टर रोहित कपूर कहते हैं कि उच्च फाइबर आहार मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आपको समस्या है तो चिकित्सा के साथ ही हाई फाइबर फूड भी लें। ये ब्लड लिपिड लेवल के साथ ही भविष्य में बड़े जोखिम से बचाने में सहायता कर सकता है। अगर हम अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव कर लें तो हमे बड़ी बीमारियों से राहत मिल सकती है। आम, चिया सीड्स, ओट्स, छोले, केले जैसे खाद्य पदार्थ में हाई फाइबर होता है। इन्हें लेना भी आसान होता है। बेरी, चिया पुडिंग, ककड़ी और एवोकैडो को सलाद किया जा सकता है। शरीर को बीमारी से बचाने के लिए हाई फाइबर फूड लें।
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सेहत से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करता है हाई फाइबर फूड
डायजेस्टिव हेल्थ को दुरुस्त रखता है (Digestive health)
कब्ज की समस्या में आमतौर पर पेट नहीं साफ हो पाता है। कब्ज की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना मल त्याग करने में परेशानी होती है। अगर ये कहा जाए कि व्यक्ति का डायजेस्टिव सिस्टम खाने को सही तरह से डायजेस्ट नहीं कर पाता है और उसे कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो जाती है। जिन लोगों का पाचन सही होता है वो लोग रोजाना मल त्याग (faecal discharge) करते हैं। अगर किसी व्यक्ति को तीन से चार दिन तक मल नहीं होता है तो उसे कब्ज की समस्या हो सकती है। कब्ज की समस्या होने पर व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। अगर व्यक्ति फाइबर युक्त फूड लेता है तो उसे कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है।
डायटरी फाइबर स्टूल को पास करने में मदद करता है। ये कब्ज और डायरिया से राहत दिलाता है। फाइबर को अच्छी मात्रा में लेने से इंटेस्टाइन में सूजन, गॉल स्टोन, किडनी स्टोन, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, बवासीर होने का खतरा कम होता है। कुछ शोध के अनुसार, हाई फाइबर डायट गैस्ट्रिक एसिड को कम कर गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसऑर्डर और अल्सर के होने की संभावना को कम करता है।
डायबिटीज (Diabetes)
जर्नल साइंस में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, इनसोल्यूबल फाइबर को लेने से डायबिटीज-2 के होने का खतरा कम होता है। यदि आपको पहले से डायबिटीज है, तो सोल्यूबल फाइबर लें। हाई फाइबर फूड (High Fiber Food) शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
हाई फाइबर फूड से कम होता है कैंसर का खतरा
कुछ शोध बताते हैं कि हाई फाइबर डायट को लेने से कोलोरेक्टल कैंसर से बचा जा सकता है। इसके साथ ही हाई फाइबर फूड को लेने से डायजेस्टिव सिस्टम के कैंसर होने का खतरा भी कम होता है। कैंसर का खतरा अच्छी लाइफस्टाइल अपनाने से कम होता है। अच्छी लाइफस्टाइल से मतलब हेल्दी डायट, एक्सरसाइज, पर्याप्त मात्रा में नींद और स्ट्रेस फ्री रहना है।
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स्किन के लिए फायदेमंद (Good for skin)
जब यीस्ट और फंगस त्वचा के माध्यम से उत्सर्जित होते हैं, तो इससे मुंहासे हो सकते हैं। हाई फाइबर फूड को डायट में शामिल करने से आपके शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। इससे आपकी त्वचा में सुधार होता है।
वेट कंट्रोल के लिए हाई फाइबर फूड
अगर किसी व्यक्ति का वेट तेजी से बढ़ रहा है तो उसे अपने खाने में फाइबर युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए। फाइबर युक्त भोजन में लोअर एनर्जी डेंसिटी होती है। यानी फाइबर युक्त भोजन करने से कम कैलोरी मिलती है। फाइबर युक्त फूड खाने से पेट भर जाने का एहसास जल्दी होता है, जिसके कारण व्यक्ति को बहुत ज्यादा खाने की जरूरत नहीं पड़ती है। फाइबर युक्त भोजन (सॉल्युबल फाइबर) एक जेल का निर्माण करता है, जो पेट को देर से खाली करता है और भोजन को देर से पाचन के लिए भेजता है। यानी इस क्रिया के माध्यम से व्यक्ति को जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती है। ये लोअर ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करने का काम करता है और साथ ही रक्त इंसुलिन के स्तर में तेजी से वृद्धि को रोकने में मदद करता है। इस क्रिया के कारण ही मोटापा नियंत्रण में रहता है। जो लोग दिन में बहुत ज्यादा भूख का एहसास करते हैं उन्हें अपनी डायट में फाइबर युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए। कुछ ही समय बाद उन्हें फर्क महसूस होने लगेगा।
दिल को रखें स्वस्थ
फाइबर खासतौर पर सोल्यूबल फाइबर दिल को स्वस्थ रखने के लिए बेहद उपयोगी है। डायट में हाई फाइबर फूड लेने से कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार होता है। इसके साथ ही दिल संबंधित परेशानियों के होने का खतरा भी बहुत कम होता है। फाइबर ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ, सूजन को दूर करने में भी मदद करता है।सॉल्युबल फाइबर ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करती है। अगर ब्लड कोलेस्ट्रॉल हाई होता है तो धमनियों की दीवारों में फैटी स्ट्रीक्स बन जाती हैं। इस कारण से कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा अधिक बढ़ जाता है। सॉल्युबल फाइबर लेने से कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का स्तर कम हो जाता है और ये हार्ट डिजीज के खतरे को भी कम कर देता है।
फाइबर फूड के साथ ही पानी को भी करें शामिल
अगर आपको लग रहा है कि केवल फाइबर युक्त आहार लेने से ही आपको कई समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा तो ये सही नहीं है। आपको फाइबर युक्त भोजन करने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीना चाहिए। अगर आप पानी कम मात्रा में पीते हैं, तो आपको कब्ज की समस्या भी हो सकती है। जी हां! हाई फाइबर फूड (High Fiber Food) पर सर्व में 10 ग्राम फाइबर होता है। अगर पर्याप्त मात्रा में कोई व्यक्ति पानी नहीं पीता है। लेकिन फाइबर युक्त भोजन करता है, तो उसे एब्डॉमिनल डिस्कम्फर्ट भी हो सकता है। आपको दिन में आठ से दस ग्लास पानी जरूर पीना चाहिए। आप पानी के साथ ही फलों का जूस या फिर सब्जियों का सूप भी ले सकते हैं।
इन टिप्स के साथ फाइबर को डायट में करें शामिल
फाइबर को किस मात्रा में लेना चाहिए ये आपकी उम्र और जेंडर पर निर्भर करता है। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स की मानें तो हर किसी को कम से कम 21 से 38 ग्राम फाइबर दिनभर में जरूर लेना चाहिए। रिसर्च के अनुसार ज्यादातर लोग इसकी आधी मात्रा में भी डायट में फाइबर नहीं लेते हैं। निम्नलिखित टिप्स के साथ फाइबर को डायट में करें शामिल…
हाई फाइबर फूड – साबुत अनाज को करें डायट में शामिल
रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड में फाइबर की मात्रा कम होती है। इसलिए जितना हो सके अपनी डायट में साबुत अनाज को शामिल करें। इसके लिए आप दिन की शुरुआत कॉर्न फ्लैक्स से कर सकते हैं। अपनी डायट से चावल, ब्रेड और पास्ता को निकालकर ब्राउन राइस और साबुत अनाज को शामिल करें। आप जौ और होल व्हीट पास्ता का सेवन कर सकते हैं। फ्लैक्स सीड का सेवन करें। ये फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त होते हैं जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हैं।
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फल और सब्जियों का सेवन करें
ज्यादातर सब्जियों और फलों में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। यही कारण है कि इन्हें डायट में जरूर शामिल करना चाहिए। हाई फाइबर फूड को डायट में एड करने के लिए आप ब्रेकफास्ट में ब्लूबेरी, रसबेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी का सेवन कर सकते हैं। फलों और सब्जियों को धोकर काटकर फ्रिज में रखें। जब भी भूख लगें इनका सेवन करें। मीठे की क्रेविंग होने पर स्वीट की जगह फलों को खाएं। आप केला, सेब और अनास में योगर्ट मिलाकर जायकेदार हेल्दी स्वीट डिश तैयार कर सकते हैं। सेब और अनास को छिलका समेत खाएं। छिलकों में फाइबर होता है। सब्जियों से सूप बनाकर पिएं।
फाइबर युक्त फास्ट फूड
फास्ट फूड में कुछ हेल्दी और फाइबर युक्त ऑप्शन ढूंढना बहुत मुश्किल होता है। ज्यादातर फास्ट फूड कैलोरी, सोडियम और अनहेल्दी फैट से भरे होते हैं। इनमें डायटरी फाइबर नहीं होता। इसके लिए आप हेल्दी सैलेड ऑर्डर कर सकती हैं। इसमें बहुत सारी सब्जियां होती है जिसमें फाइबर होता है। यदि आप बाहर खाना खाने जा रहे हैं, तो कोशिश करें सैंडविच, बर्गर ऑर्डर करते समय उनकी ब्रेड होल व्हीट लें। फ्राइस और पोटेटो चिप्स की जगह नट्स या सैलेड लें।
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लो फाइबर डायट से हाई फाइबर डायट
अगर अभी तक आप लो फाइबर डायट ले रहे थे और फिर अब आप हाई फाइबर डायट में स्विच करने वाले हैं तो आपको कुछ परेशानियों जैसे कि पेट दर्द का एहसास, पेट फूलने का एहसास आदि हो सकता है। अगर आप अधिक फाइबर वाला आहार (रोजाना 40 ग्राम से अधिक) ले रहे हैं तो कुछ मिनिरल्स जैसे कि आयरन, जिंक, कैल्शियम का अवशोषण कम हो सकता है। फाइबर इन मिनिरल्स के साथ मिलते हैं तो इनसॉल्युबल सॉल्ट बनाते हैं। एक दिन में 25 से 30 ग्राम फाइबर लेना चाहिए। अगर आपको अपनी डायट में फाइबर की मात्रा बढ़ानी हैं तो एक साथ न बढ़ाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं। बेहतर होगा कि आप फाइबर सप्लिमेंट की बजाय फाइबर युक्त डायट लें। अगर फाइबर स्प्लीमेंट लेने के साथ ही पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं ली जाती है, तो कब्ज की समस्या भी हो सकती है।
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ऐसे खाने में शामिल करें फाइबर
अगर आपके मन में ये प्रश्न आ रहा है कि एक दिन में फाइबर युक्त भोजन कितनी मात्रा में शामिल करनी चाहिए तो आपको एक दिन के हिसाब से (20 g प्रति दिन) निम्नलिखित डायट को अपनाना चाहिए। ऐसा करने से आपको ये फाइबर की सही मात्रा की जानकारी मिलेगी।
फाइबर युक्त फूड के लिए आप निम्नलिखित फूड को अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं।
- एक कप पफ्ड राइस सीरियल – 0.4 ग्राम फाइबर
- 4 वाइट ब्रेड स्लाइस -3.0 ग्राम फाइबर
- 1 बड़ा चम्मच पीनट बटर – 2.7 ग्राम फाइबर
- 1 सेब – 1.7 ग्राम फाइबर – 1.7 ग्राम फाइबर
- 1/2 कप केन्ड फ्रूट्स – 1.4 ग्राम फाइबर
- 1/2 कप फ्रोजन मिक्स्ड सब्जियां – 4.3 ग्राम फाइबर
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- मैस्ड पटैटो – 120 g -1.7 ग्राम फाइबर
- 1 कप सफेद पका हुआ चावल- 1.0 ग्राम फाइबर
- 2 सादे बिस्कुट – 0.4 ग्राम फाइबर
- 1 पीस सादा केक (60 ग्राम) – 0.6 ग्राम फाइबर
- 1 कप जूस – 0.6 ग्राम फाइबर
हाई फाइबर फूड (High Fiber Food) से जुड़ी आपकी कंफ्यूजन इस लेख के जरिए दूर हो गई होगी। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि आप हाई फाइबर फूड से जुड़ी अधिक जानकारी चाहते हैं तो डॉक्टर से आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।