इन ऊपर बताये गये टिप्स के साथ-साथ अपने खाने-पीने का चयन सोच समझकर करें।
और पढ़ें : Coconut Water: नारियल पानी क्या है और नारियल पानी के फायदे क्या हैं?
कैफीन और निकोटिन की मात्रा सिमित करें: कैफीन युक्त पदार्थों के सेवन से नींद आने में समस्या हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार शाम 4 या 5 बजे के बाद चाय या कॉफी जैसे पे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनके सेवन से रात की वक्त आपको नींद आने में परेशानी हो सकती है। ठीक ऐसे ही स्मोकिंग भी न करें। दरअसल हेल्दी रहने के लिए सिगरेट से दूरी बनाये रखें। इसलिए पॉलिफेसिक स्लीप से बचने के लिए इनके सेवन पर कंट्रोल करें।
डिनर ज्यादा न करें: कोशिश करें रात का खाना सात से आठ बजे तक कर लें। रात के खाने के वक्त यह ध्यान रखें की खाना मिर्च या मसालेदार न हो। इससे आपको सीने में जलन और पेट से जुड़ी समस्या हो सकती है, जिस वजह से आप ठीक तरह से सो भी नहीं पाएंगे। कोशिश करें की पॉलिफेसिक स्लीप से बचने के लिए खाने में तेल, मसाले जैसे फ्लेवर देने वाले प्रोडक्ट का स्तेमाल कम करें।
एल्कोहॉल के सेवन से बचें: आपने शायद कई लोगों से सुना होगा या देखा भी होगा की कुछ लोग रात को सोने के दौरान एल्कोहॉल का सेवन करते हैं लेकिन, यह तरीका गलत है। सोने के पहले एल्कोहॉल का सेवन नहीं करना चाहिए। बेड टाइम के दौरान एल्कोहॉल के सेवन से स्लीप टाइम और स्लीप आवर दोनों में समस्या हो सकती है।
मीठे का सेवन कम करें: पॉलिफेसिक स्लीप से बचने के लिए अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थ या रिफाइंड कार्ब्स जैसे- वाइट ब्रेड, वाइट राइस और पास्ता का सेवन न करें। इनके सेवन से नींद से जुड़ी परेशानी हो सकती है। इनकी जगह आप ब्राउन राइस और ब्राउन ब्रेड का सेवन कर सकते हैं।
नींद शरीर की सबसे जरूरी प्रक्रियाओं में से एक है इसलिए इन सभी सुझावों को अपनाकर आप एक बढ़िया नींद आ सकेगी।अगर आप पॉलिफेसिक स्लीप से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल या नींद से जुड़े किसी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।