सीवियर कंडिशन में डॉक्टर सर्जरी का ऑप्शन चुनते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
कोरोनरी स्टेंटिंग (Coronary stenting)
कोरोनरी स्टेंटिंग (Coronary Stenting) एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जो एक कैथेटर (एक पतली, लचीली ट्यूब) का उपयोग करती है जिसे अवरुद्ध धमनी में निर्देशित किया जाता है और प्लाक को खोलने और रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए एक छोटा गुब्बारा फुलाया जाता है। धमनी को चौड़ा रखने के लिए एक स्टेंट (छोटा ट्यूब) डाला जाता है।
बायपास सर्जरी (Bypass surgery)
बायपास सर्जरी (Bypass surgery) एक सामान्य अप्रोच है जिसका उपयोग सर्जन नए मार्ग बनाने के लिए करते हैं जिसके माध्यम से अवरुद्ध या संकुचित धमनियों के आसपास रक्त प्रवाहित हो सकता है। ये “बायपास” छाती, हाथ या पैर से हेल्दी वेसल्स का उपयोग करके बनाए जाते हैं।
यदि आप अक्सर कैल्शियम कार्बोनेट के सप्लिमेंट्स लेते हैं, तो आप अपने कैल्शियम को उच्च स्तर तक बढ़ाने का जोखिम उठाते हैं। किडनी या पैराथायरॉइड की समस्याएं भी आपके रक्त में कैल्शियम के स्तर को बढ़ा सकती हैं। आपको प्रति दिन कैल्शियम की कितनी मात्रा की आवश्यकता है यह आपकी उम्र पर आधारित है। आपकी उम्र, लिंग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर आपके लिए कैल्शियम की कौन सी खुराक सही है, इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। एथेरोस्क्लोरोटिक कैल्सीफिकेशन (Atherosclerotic calcifications) जानलेवा स्थिति नहीं है। इस कंडिशन को समय पर ध्यान देकर मैनेज किया जा सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको एथेरोस्क्लोरोटिक कैल्सीफिकेशन (Atherosclerotic calcifications) संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।