हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers in Heart Failure) दवाओं का उपयोग प्रभावी माना जाता है। हार्ट फेलियर को कई बार जन्मजात हार्ट फेलियर (Congenital Heart Failure) के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या तब होती है जब हार्ट मसल उस तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाते हैं जैसे उन्हें करना चाहिए। कुछ खास स्थितियों जैसे हार्ट में आर्टरीज का तंग होना या हाय ब्लड प्रेशर के कारण भी हार्ट कमजोर और सख्त हो सकता है। हालांकि वो सभी स्थितियां जो हार्ट फेलियर का कारण बनती हैं उन्हें रिवर्स नहीं किया जा सकता है। लेकिन, उपचार से हार्ट फेलियर के लक्षणों को सुधारा जा सकता है। इसके उपचार में कुछ दवाइयां भी शामिल हैं। इन्हीं से एक है बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers)। आइए जानते हैं के बारे में। लेकिन, सबसे पहले जान लेते हैं बीटा ब्लॉकर्स क्या है?
बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) किसे कहा जाता है?
बीटा ब्लॉकर्स वो दवाईयां हैं, जिनका प्रयोग ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को लो करने, हार्ट की सुरक्षा करने और हार्ट फेलियर से पीड़ित लोगों को सर्वाइव करने में मदद के लिए किया जाता है। यही नहीं, इस दवा का प्रयोग एंजाइना (Angina) हार्ट फेलियर (Heart Failure), हार्ट रिदम डिसऑर्डर्स (Heart Rhythm Disorders) और हार्ट अटैक के बाद की स्थितियों के उपचार में भी प्रयोग किया जाता है। कई बार इस मेडिसिन की सलाह ग्लूकोमा (Glaucoma), एंग्जायटी और माइग्रेन आदि में भी दी जा सकती है। हार्ट फेलियर की स्थिति में बीटा ब्लॉकर्स को इन चीजों के लिए लाभदायक माना जाता है:
- हार्ट की रिलैक्स करने की क्षमता को सुधारना
- हार्ट रेट (Heart rate) को स्लो करना
- समय के साथ हार्ट की पंपिंग एबिलिटी को सुधारना
अगर किसी को हार्ट फेलियर की समस्या है, तो डॉक्टर उसे बीटा ब्लॉकर लेने की सलाह दे सकते हैं।अब जानिए बीटा ब्लॉकर्स कैसे काम करती है?
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बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers) कैसे काम करती है?
बीटा ब्लॉकर्स को बीटा एड्रीनर्जिक ब्लॉकिंग एजेंट्स beta adrenergic blocking agents के रूप में भी जाना जाता है। यह दवा शरीर के खास हिस्सों में स्ट्रेस हॉर्मोन्स एड्रेनलिन (Adrenaline) और नॉरएड्रेनालाईन (Noradrenaline) के रिलीज को ब्लॉक करती है। इसके परिणामस्वरूप हार्ट रेट धीमी हो जाती है और शरीर के चारों ओर ब्लड पंप करने की फोर्स कम हो जाती है। इसके साथ ही बीटा ब्लॉकर्स किडनी को एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) नामक हार्मोन का उत्पादन करने से भी रोक सकती हैं। जिसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। ब्लड प्रेशर के लो होने से हार्ट संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकती है। अब जानिए हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers in Heart Failure) के बारे में।
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हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स का प्रयोग (Beta Blockers in Heart Failure)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार बीटा-ब्लॉकर्स का प्रयोग कई स्थितियों में फर्स्ट-लायन ट्रीटमेंट के रूप में किया जाता है। इस दवा को खासतौर पर कार्डियोवैस्कुलर के लक्षणों को सुधारने में लाभदायक माना जाता है। बीटा ब्लॉकर्स ओरल, इंट्रावेनस (Intravenous), या ओफ्थाल्मिक फॉर्म्स रूप में आसानी से उपलब्ध हैं। अब जानिए हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) के बारे में विस्तार से :
हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers in Heart Failure):
बिसोप्रोलोल (Bisoprolol)
बिसोप्रोलोल को इसके ब्रांड नाम ज़बेटा (Zebeta) के नाम से भी जाना जाता है। इस दवाई का प्रयोग अन्य दवाइयों के साथ हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए किया जा सकता है। अगर ब्लड प्रेशर सही रहेगा तो कई हार्ट संबंधी समस्याएं को बचा जा सकता है जिनमें से एक है हार्ट फेलियर। यानी हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) में इस दवा को शामिल किया जा सकता है। यह दवा शरीर में कुछ नेचुरल केमिकल के एक्शन को ब्लॉक करके काम करती है। इस दवाई को आप तभी लें जब डॉक्टर ने इसे लेने के लिए कहा हो क्योंकि इसे लेने से आप कई साइड-इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे थकावट, हार्टबीट का स्लो होना, डायरिया आदि। अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो इस दवाई का प्रयोग करने से पहले स्मोकिंग करना छोड़ दें।
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कार्वेडलोल (Carvedilol)
कार्वेडलोल एक बीटा ब्लॉकर है इसका ब्रांड नाम है कोरेग (Coreg)। यह दवा हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) में से एक है। कार्वेडलोल का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और हार्ट फेलियर (Heart Failure) के उपचार के लिए किया जा सकता है। इस दवा को हार्ट अटैक के बाद भी रोगी को दिया जा सकता है ताकि उनके सर्वाइव करने के चान्सेस बढ़ें। इस मेडिसिन की कितनी डोज लेनी चाहिए यह रोगी की मेडिकल स्थिति और ट्रीटमेंट के रिस्पॉन्स पर निर्भर करता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस दवा को लेना चाहिए। इसके साइड इफेक्ट्स में एलर्जिक रिएक्शंस, डायरिया, सांस लेने में समस्या, छाती में दर्द, असामान्य हार्ट बीट आदि शामिल हैं।
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मेटोप्रोलोल (Metoprolol)
हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) में अगली दवा है मेटोप्रोलोल (Metoprolol)। इस दवा का प्रयोग हार्ट फेलियर के साथ ही अन्य स्थितियों जैसे छाती में दर्द या हाय ब्लड प्रेशर के उपचार में भी किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर के कम होने से किडनी प्रॉब्लम, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि की संभावना भी कम हो जाती है। मेटोप्रोलोल को कई ब्रांड नेम्स से जाना जाता है जैसे केपस्पार्गो स्प्रिंकल (Kapspargo Sprinkle),लोप्रेसोर (Lopressor), टॉप्रोल-एक्सएल (Toprol-XL) आदि। यह दवा भी शरीर में खास केमिकल को ब्लॉक करके काम करती है। इस दवा को तभी लें जब डॉक्टर इसकी सलाह दें। यही नहीं, इस दवा को लेते हुए भी डॉक्टर की इंस्ट्रक्शन को फॉलो करना बहुत जरूरी है। इस दवा को लेने के बाद हाथ और पैरों का ठंडा होना, चक्कर आना, सांस लेने में समस्या, तनाव आदि शामिल है।
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हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers in Heart Failure): एटेनोलोल Atenolol
एटेनोलोल को इसके ब्रांड नाम टेनोर्मिन (Tenormin) से भी जाना जाता है। यह एक बीटा ब्लॉकर है जो हार्ट और सर्कुलेशन को प्रभावित करती है। हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) में इनका प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा अन्य कई स्थितियों में भी इसे लाभदायक माना जाता है जैसे एंजाइना (Angina) और हायपरटेंशन (Hypertension)। छाती में अधिक दर्द (Chest Pain), हार्टबीट का स्लो होना (Slow Heartbeat), चक्कर आना (Dizziness), सांस लेने में समस्या (Breathing Problems) आदि इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
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हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers in Heart Failure): एस्मोलोल (Esmolol)
एस्मोलोल का प्रयोग हार्ट फेलियर के अलावा दिल को सामान्य रूप से धड़कने में उन लोगों को मदद करने के लिए किया जा सकता है जिन्हें कुछ खास हार्ट रिदम डिसऑर्डर्स होते हैं। एस्मोलोल का ब्रांड नाम ब्रेविब्लोक (Brevibloc) है। इस दवा का प्रयोग उन लोगों के लिए भी किया जा सकता है जिन्हें एट्रियल फायब्रिलेशन (Atrial fibrillation) की समस्या हो। इस दवा को लेने के बाद लोग सिरदर्द, हार्टबीट का स्लो होना, हाथों और पैरों में सूजन, व्हीजिंग, जी मचलना जैसी समस्याएं महसूस कर सकते हैं।
यह तो थी हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) के बारे में पूरी जानकारी। लेकिन, इन दवाइयों को बिना डॉक्टर की सलाह के न लेने की सलाह दी जाता है। क्योंकि ऐसे में यह आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है या इनके कई साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) के सामान्य साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं।
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बीटा ब्लॉकर्स के साइड इफेक्ट्स (Side-effects of Beta Blockers)
बीटा ब्लॉकर्स का प्रयोग उन लोगों को नहीं करना चाहिए जिन्हें लो ब्लड प्रेशर या स्लो पल्स की समस्या हो। क्योंकि, इन बीमारियों में बीटा ब्लॉकर्स का प्रयोग करने से आपको चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा बीटा ब्लॉकर्स को लेने से निम्नलिखित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं:
चक्कर आना (Lightheadedness)
हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) का प्रयोग करने से मरीज को चक्कर आने की समस्या हो सकती है। यह समस्या बहुत अधिक बढ़ सकती है जब आप सो कर या कुर्सी से एकदम उठते हैं। अगर यह लक्षण ठीक नहीं होते या गंभीर हो जाते हैं तो डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी है।
थकावट (Exhaustion)
हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) को लेने से आप थकावट, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द, सोने में समस्या, हार्टबर्न, कब्ज, डायरिया आदि परेशानियों को महसूस कर सकते हैं ।इन स्थितियों में भी आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
अचानक वजन का बढ़ना (Sudden weight gain)
जब इस दवा की डोज को बढ़ाया जाता है, तो ऐसे में वजन का बढ़ना सामान्य है। लेकिन यह वजन अधिक बढ़ता है तो यह परेशानी का विषय हो सकता है। इस स्थिति में भी तुरंत डॉक्टर से मिलें।
सांस लेने में समस्या (Breathing Problems)
अगर आपको व्हीजिंग (Wheezing), सांस लेने में परेशानी (Breathing Problem), स्किन रैशेज (Skin Rashes), असामान्य हार्ट बीट (Abnormal Heartbeat), छाती में दर्द (Chest Pain) आदि होती है, तो यह भी परेशानी भरी हो सकती है। इसमें भी मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।
गंभीर उल्टी या डायरिया (Severe Vomiting or Diarrhea)
अगर आप उनमे से हैं जिन्हें यह दवा लेने के बाद डायरिया या उल्टी की समस्या होती है, तो अपने मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है क्योंकि इनके कारण आपको डिहायड्रेशन हो सकती है और ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है।
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उम्मीद है कि आप हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) के बारे में जान गए होंगे। जो भी लोग बीटा ब्लॉकर्स का सेवन करते हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह का खास ध्यान रखना चाहिए और इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि डॉक्टर को आपकी हेल्थ कंडिशन (Health Condition) और उन अन्य दवाइयों के बारे में पता हो जिन्हें आप ले रहे हैं। यह नहीं, इस दवा का प्रयोग करते हुए रोगी को अपनी हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को भी मॉनिटर करना चाहिए। अगर आपको इसका कोई भी दुष्प्रभाव नजर आता है तो डॉक्टर या तो डोज कम कर सकते हैं या सिलेक्टिव बीटा ब्लॉकर्स (Selective Beta Blockers) आपको दे सकते हैं। यही नहीं, इस दवा के बाजार में अल्टरनेटिव ड्रग्स (Alternative drugs) भी मौजूद हैं। हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers in Heart Failure) के बारे में अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें।
हार्ट फेलियर की स्थिति में दवाइयों के साथ ही मरीज को अपने लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने चाहिए। जैसे हार्ट हेल्दी आहार का सेवन, नियमित व्यायाम करना, पर्याप्त नींद लेना, तनाव से बचाव, डॉक्टर की सलाह का नियमित रूप से पालन करना आदि। इससे आपको एक हेल्दी और क्वालिटी लाइफ जीने में मदद मिलेगी।
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