‘ओ मेरे दिल के चैन’ …ये गाना मशहूर गानों में से एक है। वैसे मैं इस गाने की पीछे की कहानी तो आपसे शेयर नहीं करूंगी, लेकिन आज एक ऐसे टॉपिक या यूं कहें कि आज एक ऐसे हेल्थ कंडिशन के बारे में मैं चर्चा करूंगी, जिससे ज्यादातर लोग शिकार हो रहें हैं। वो कहते हैं ना दिल का मामला है! अब हम आपके दिल के मामले को उलझाने नहीं, बल्कि सुलझाने की कोशिश करेंगे। इसलिए आज इस आर्टिकल में एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythms) और एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के लक्षण (Symptoms of Abnormal Heart Rhythms) के साथ-साथ इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करेंगे, जिससे आप अपना या अपने चाहने वालों के दिल का ख्याल रख पाएंगे।
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम क्या है?
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम कितने तरह का होता है?
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के लक्षण क्या हैं?
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के कारण क्या हैं?
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का निदान कैसे किया जाता है?
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का इलाज कैसे किया जाता है?
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम से बचाव कैसे संभव है?
दिल से जुड़ी बीमारी एब्नॉर्मल हार्ट रिदम और इन ऊपर बताये गए सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythms) क्या है?
अब दिल की धड़कन सामान्य से ज्यादा तेज, धीरे या अनियमित हो जाए, तो ऐसी स्थिति को मेडिकल टर्म में एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythms) कहते हैं। दरअसल हार्ट यानी हृदय की बनावट काफी जटिल होती है, क्योंकि हार्ट में वॉल्व (Valves), नॉड्स (Nodes) और अलग-अलग चेंबर (Chambers) होते हैं। इन सभी की सहायता से ब्लड हार्ट में से पंप हो पाता है। अगर किसी भी कारण से वॉल्व, नॉड्स या हार्ट के चेंबर में रुकावट आती है या ये डैमेज होते हैं, तो दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। हेल्थ से जुड़े जानकार मानते हैं कि एब्नॉर्मल हार्ट रिदम कभी-कभी लाइफ थ्रेटनिंग भी हो सकता है। इसलिए एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का इलाज जल्द से जल्द करवाना चाहिए। एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का इलाज शरीर में महसूस किये जाने वाले बदलावों से समझा जा सकता है, लेकिन सबसे पहले एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के अलग-अलग प्रकारों को समझना जरूरी है।
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एब्नॉर्मल हार्ट रिदम कितने तरह का होता है? (Types of Abnormal Heart Rhythms)
एब्नॉर्मल हार्ट रिदम निम्नलिखित तरह के हो सकते हैं। जैसे:
- टैकीकार्डिया (Tachycardia)- टैकीकार्डिया एक ऐसी हेल्थ कंडिशन है, जिसमें व्यक्ति का हार्ट रेट प्रति मिनट 100 बार से ज्यादा धड़कता है।
- एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation)- हार्ट के ऊपरी चेंबर से जुड़ी समस्या है एट्रियल फिब्रिलेशन और ऐसी स्थिति में व्यक्ति के दिल की धड़कन प्रति मिनट 100 से 200 बार हो सकती है।
- एट्रियल फ्लटर (Atrial flutter)- हार्ट के ऊपरी राइट चेंबर से जुड़ी समस्या है एट्रियल फ्लटर और एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के इस प्रकार में भी दिल की धड़कन सामान्य से ज्यादा तेज हो सकती है।
- ब्रेडाकार्डिया (Bradycardia)- जब दिल की धड़कन प्रति मिनट 60 से कम हो जाए, तो ऐसी स्थिति को ब्रेडाकार्डिया कहते हैं।
- वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (Ventricular fibrillation)- यह काफी सीरियस स्थिति होती है, क्योंकि वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन होने पर दिल की धड़कन रूक जाती है।
- प्रीमैच्युओर कॉन्ट्रैक्शन (Premature contractions)- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythms) के प्रकार प्रीमैच्युओर कॉन्ट्रैक्शन को समझना थोड़ा कठिन हो सकता है, क्योंकि इस दौरान दिल की धड़कन रूक-रूक कर होती है, जिसे मॉनिटर करना आसान नहीं होता है।
एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के इन अलग-अलग टाइप को समझने के साथ अब आगे एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के लक्षणों को समझेंगे, जिससे एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का इलाज जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।
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एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Abnormal Heart Rhythms)
अनियमित दिल के धड़कन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- बेहोश (Faint) होना।
- चक्कर (Dizzy) आना।
- हल्का सिरदर्द (Headed) होना।
- दिल की धड़कन अनियमित (Heart palpitations) होना।
- पल्स इरेग्यूलर (Irregular pulse) होना।
- सीने में दर्द (Chest pain) होना।
- चेहरे का रंग हल्का (Pale skin) पड़ना।
- अत्यधिक पसीना (Sweating) आना।
- 65 साल से ज्यादा उम्र होना।
अगर आप ऊपर बताये गए लक्षणों को महसूस कर रहें हैं या कोई अन्य व्यक्ति आपसे इन लक्षणों की चर्चा करते हैं, तो इसे इसे इग्नोर ना करें और डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें। एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के इलाज के साथ-साथ इसके कारणों को भी समझना जरूरी है।
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एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के कारण क्या हैं? (Cause of Abnormal Heart Rhythms)
एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure) की समस्या।
- डायबिटीज की समस्या होना।
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या होना।
- हायपरथायरॉइडिस्म (Hyperthyroidism) की समस्या होना।
- किसी खास दवाओं का सेवन करना।
- हार्ट प्रॉबल्म होने की वजह से बार-बार स्क्रीनिंग करवाना।
इन मेडिकल कारणों के अलावा अन्य कारणों से भी एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythms) की समस्या शुरू हो सकती है। जैसे:
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना।
- स्मोकिंग (Smoking) करना।
- अत्यधिक कॉफी (Coffee) का सेवन करना।
- तनाव (Stress) में रहना।
- हृदय की बनावट से जुड़ी समस्या होना।
इन 5 कारणों की वजह से भी एब्नॉर्मल हार्ट रिदम की समस्या हो सकती है। अगर आप एब्नॉर्मल हार्ट रिदम की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करें और एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के निदान एवं इलाज की प्रक्रिया शुरू करें।
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एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Abnormal Heart Rhythms)
एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट की लक्षणों को समझने की कोशिश करते हैं और साथ ही मेडिकल हिस्ट्री पूछते हैं। इसके अलावा डॉक्टर निम्नलिखत टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)- इकोकार्डियोग्राम को कार्डियो इको के नाम से भी जाना जाता है। इस टेस्ट में साउंड वेव की मदद से हार्ट की जानकारी मिलती है।
- हॉल्टर मॉनिटर (Holter monitor)- हॉल्टर मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसे व्यक्ति के चेस्ट (Chest) पर अलग-अलग जगह स्टिक की जाती है। हॉल्टर मॉनिटर को 24 घंटे के लिए लगाया जाता है। इस डिवाइस से हार्ट बीट मॉनिटर की जाती है।
- स्ट्रेस टेस्ट (Stress test)- ट्रेडमिल पर व्यक्ति को जॉगिंग या दौड़ने के लिए कहा जाता है। जॉगिंग (Jogging) या दौड़ने (Running) की वजह से हार्ट पर क्या प्रभाव पड़ता है इसकी जानकारी ली जाती है।
इन तीन अलग-अलग टेस्ट के अलावा पेशेंट अगर किसी अन्य शारीरिक परेशानियों या मानसिक परेशानी से गुजर रहें हैं, तो ऐसी स्थिति में अन्य बॉडी चेकअप की भी सलाह दी जा सकती है। बॉडी चेकअप रिपोर्ट्स को ध्यान में रखकर एब्नॉर्मल हार्ट रिदम के इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
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एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Abnormal Heart Rhythms)
अनियमित दिल की धड़कन को नियमित करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित तरह से इलाज करते हैं-
- कैथेटर एब्लेशन (Catheter ablation) की सहायता से वैसे टिशू को नष्ट किया जाता है, जो एब्नॉर्मल हार्ट रिदम की समस्या में सहायक होते हैं।
- इलेक्ट्रिकल शॉक (Electrical shock) एवं मेडिकेशन प्रिस्क्राइब की जाती है।
- पेसमेकर (Pacemaker) का इम्प्लांटेशन किया जा सकता है।
- एब्नॉर्मलिटी को दूर करने के लिए सर्जरी (Surgery) भी की जा सकती है।
एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का इलाज इन ऊपर बताये तरीकों से किया जाता है। हालांकि इस दौरान पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को भी मेडिकल एक्सपर्ट ध्यान में रखते हैं और पेशेंट ही हेल्थ पर नजर बनाये रखने के लिए समय-समय पर चेकअप की सलाह देते हैं।
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एब्नॉर्मल हार्ट रिदम से बचाव कैसे संभव है? (Prevention from Abnormal Heart Rhythms)
एब्नॉर्मल हार्ट रिदम की समस्या हो या दिल से जुड़ी कोई भी बीमारी या आप किसी भी हेल्थ कंडिशन से गुजर रहें हैं, तो ऐसी स्थिति में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें और स्मोकिंग वाली जगहों से दूरी बनाये रखें।
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन ना करें।
- किसी भी मेडिसिन का सेवन तबतक ही करें जबतक डॉक्टर से आपको दवाओं के सेवन की सलाह दी हो।
- हेल्दी डायट (Healthy diet) फॉलो करें।
- वॉक, एक्सरसाइज या योग को अपने डेली रूटीन में शामिल करें।
ये 5 टिप्स आपको स्वस्थ रहने में मदद करेंगी।
योग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।
अगर आप एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythms) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythms) की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का इलाज जल्द से जल्द शुरू करते हैं।
आप दिल के बारे में कितनी जानकारी सही रखते हैं? जानने के लिए नीचे दिए इस क्विज को खेलिए।
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