ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) हार्ट से संबंधित एक कंडिशन है। हार्ट की संरचना बहुत जटिल होती है। हार्ट चार सेक्शन में डिवाइड होता है। इस चार सेक्शन को चैंबर कहते हैं। अपर चैम्बर को लेफ्ट एट्रियम और राइट एट्रियम (Left atrium and right atrium) के नाम से जाना जाता है। वहीं लोअर चैम्बर को लेफ्ट वेंट्रिकल और राइट वेंट्रिकल (Left ventricle and right ventricle) के नाम से जाना जाता है। हार्ट का लेफ्ट साइड और राइट साइट मसल्स से डिवाइड होता है, जिसे सेप्टम (septum) के नाम से जाना जाता है। अपर और लोअर चैम्बर एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। ओपनिंग को वॉल्व के नाम से जाना जाता है, जो बल्ड फ्लो को रेगुलेट करती है। ट्राइकस्पिड वॉल्व राइट एट्रियम और राइट वेंट्रिकल को अलग करने के काम करती है।
ट्राइकस्पिड वॉल्व (tricuspid valve) में खराबी के कारण ही ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) की कंडिशन पैदा होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) या ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी (Tricuspid Valve Insufficiency) के बारे में अधिक जानकारी देंगे। पढ़िए ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) होने पर क्या लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
और पढ़ें: क्या एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के बारे में यह सब जानते हैं आप?
ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन के लक्षण (Tricuspid Regurgitation symptoms)
जब दो राइट हार्ट चैम्बर (Right ventricle and right atrium) सही से बंद नहीं हो पाते हैं, तो ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) की कंडिशन पैदा हो जाती है। खराब वाल्व ब्लड को आपके हार्ट के अपर चैंबर (Right atrium) में वापस जाने देता है। ट्राइकस्पिड वॉल्व रिगर्गिटेशन जन्मजात ह्रदय रोग (congenital heart disease) के कारण भी हो सकता है। वॉल्व में किसी प्रकार की खराबी या अन्य स्थितियों के कारण भी असामान्यता पैदा हो सकती है। जानिए ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन की समस्या होने पर क्या लक्षण दिख सकते हैं।
- पेट में सूजन (Abdominal swelling)
- यूरिन कम होना (Decreased urine output)
- पैर और टखनों में सूजन (Foot and ankle swelling)
- कमजोरी (Weakness)
- इरेगुलर हार्ट रिदम (An irregular heart rhythm)
- शरीर में सूजन (Swelling in the body)
- थकान का एहसास (Fatigue)
अगर आपको दिए गए लक्षणों में किसी का भी एहसास हो रहा है, बिना देरी किए डॉक्टर से जांच जरूर कराएं। समय पर जांच और ट्रीटमेंट कराने से आप बड़ी समस्या से बच सकते है। आप चाहे तो इस विषय में अधिक जानकारी डॉक्टर से प्राप्त कर सकते हैं।
और पढ़ें:एओरटिक वाल्व रिप्लेसमेंट के बाद भी फायदेमंद हो सकता है बीटा ब्लॉकर्स का उपयोग!
ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन क्यों होता है? (What causes tricuspid regurgitation)
ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन की समस्या किसी एक वजह से नहीं होती है। इसके लिए कुछ कारण जिम्मेदार होते हैं। राइट वेंट्रिकल डायलेशन (Right ventricle dilation) के कारण भी ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन होता है। राइट वेंट्रिकल ब्लड को हार्ट से लंग में पंप करने का काम करता है। जब राइट वेंट्रिकल (Right ventricle) पर अधिक भार पड़ता है या फिर उसे अधिक काम करना पड़ता है, तो ये काम करने के लिए साइज में बढ़ जाता है। इस कारण से ट्राइकस्पिड वॉल्व के टिशू में भी बुरा असर पड़ता है और वो भी लार्ज हो जाते हैं। इस कारण से व्यक्ति को एक नहीं बल्कि कई कॉम्प्लीकेशन होने की संभावना बढ़ जाती है। एम्फिसिमा (Emphysema), पल्मोनरी हायपरटेंशन (Pulmonary hypertension), लेफ्ट साइड हार्ट डिसऑर्डर (Left-side heart disorders), पल्मोनिक स्टेनोसिस (Pulmonic stenosis) आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इंफेक्शन के कारण भी ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) का सामना करना पड़ सकता है। इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस (Infective endocarditis) के कारण ट्राइकस्पिड वॉल्व पर बुरा असर पड़ता है और ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी की समस्या पैदा हो जाती है।
कुछ दवाएं जैसे कि फेंटिरमाइन और फेनफ्लुरामाइन (Phentermine and Fenfluramine) का सेवन भी ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) से जुड़ा हुआ है। दवा का सेवन फिलहाल करने की सलाह नहीं दी जा रही है लेकिन ये दवाएं हार्ट के लिए समस्या पैदा करती हैं। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से उसके साइड इफेक्ट के बारे में जानकारी लें।
ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी के कारणों में कुछ इंज्युरी के साथ ही कार्सिनॉइड ट्यूमर (Carcinoid tumors), सिस्टेमिक लूपस (Systemic lupus), मार्फन सिंड्रोम, रूमेटिक फीवर (Rheumatic fever), रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) आदि भी शामिल हो सकता है। आपको इस बीमारी के कारणों के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है।
और पढ़ें: Heart Valve Stenosis: हार्ट वॉल्व स्टेनोसिस के कारण किन समस्याओं का करना पड़ता है सामना?
ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन का डायग्नोसिस (Diagnosis of tricuspid regurgitation)
यदि आपको हार्ट संबंधी बीमारी के लक्षणों का अनुभव हो रहा हैं, तो आपको डॉक्टर को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। डॉक्टर शारीरिक जांच के साथ ही डायग्नोस्टिक टेस्ट भी कर सकते हैं। टेस्ट के माध्यम से इस बात के बारे में जानकारी मिल जाती है, कि आखिर हार्ट के किस हिस्से में समस्या है। ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन के डायग्नोसिस
में इन परीक्षणों को शामिल किया जा सकता है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)
- छाती का एक्स – रे (Chest X-ray)
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
- ट्रांससेसोफेजल इकोकार्डियोग्राम (Transesophageal echocardiogram)
- कार्डियक कैथेटराइजेशन (Cardiac catheterization)
- रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन (Radionuclide scan)
- एमआरआई (MRI)
डॉक्टर जरूरत के हिसाब से दिए गए परिक्षणों का चुनाव करते हैं। दिए गए सभी परिक्षण हार्ट की बीमारी के बारे में बताते हैं। आप डॉक्टर से परिक्षण के संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
और पढ़ें: वैलव्युलर हार्ट डिजीज: दिल से जुड़ी इस बीमारी की पूरी जानकारी जानें यहां!
ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी का कैसे किया जाता है ट्रीटमेंट?
ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी को आमतौर पर ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर आपके हार्ट वॉल्व में समस्या हो रही है, तो डॉक्टर ट्रीटमेंट के बजाय कुछ समय तक हार्ट कंडिशन को चेक करते हैं और देखते हैं कि बीमारी कहीं बढ़ तो नहीं रही है। डॉक्टर जरूरत के अनुसार कुछ दवाओं को लेने की सलाह भी देते हैं। दवाओं का सेवन करने से हार्टबीट रेगुलर होने के साथ ही हार्ट को स्ट्रेंथ मिलती है।
अगर पेशेंट को सूजन की समस्या (Inflammation problem) है, तो डॉक्टर डाययूरेटिक्स दवाओं (Diuretics) को खाने की सलाह भी दे सकते हैं। ये दवाएं फ्लूड के लॉस को बैलेंस करने का काम करती हैं। पेशेंट के ब्लड प्रेशर को भी चेक किया जाता है। आपको बताते चले कि अगर लंबे समय तक हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) का ट्रीटमेंट नहीं कराया जाता है, तो हार्ट हेल्थ को खतरा पहुंच सकता है। अगर दवाओं के माध्यम से भी ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं। डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से ट्राइकस्पिड वॉल्व को रिप्लेस करते हैं और बीमारी को ठीक करते हैं।
और पढ़ें:दिल के साथ-साथ हार्ट वॉल्व्स का इस तरह से रखें ख्याल!
दातों की हेल्थ को रखें दुरस्त
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि हार्ट हेल्थ को दुरस्त रखने के लिए दांतों की हेल्थ क्यों महत्वपूर्ण है। अगर आपको जानकारी नहीं हो, तो हम आपको बता दें कि अगर आपके दांतों की हेल्थ ठीक नहीं रहती है, तो आपके हार्ट की हेल्थ को भी खतरा बढ़ जाता है। एंडोकार्डाइटिस (Endocarditis) एक प्रकार का हार्ट इंफ्लामेशन है, जो कि हार्ट लाइनिंग में होता है। ये बैक्टीरिया के कारण होता है। शरीर में बैक्टीरिया का प्रवेश कई प्रकार से हो सकता है। बैक्टीरिया शरीर के अंदर या फिर बाहर की सर्फेस में रहते हैं। अगर आपके दांतों में बैक्टीरिया की समस्या रहती है, तो ये हार्ट में भी संक्रमण फैला सकते हैं। आपको रोजाना अपने दांतों हार्ट डिजीजकी सफाई करनी चाहिए। पूअर ओरल हाइजीन या गम डिजीज के कारण हार्ट को खतरा पैदा हो सकता है। अगर आपको हार्ट वॉल्व संबंधि समस्या है और साथ ही दांतों में भी समस्या है, तो इस बारे में अपने डेंटिस्ट को जरूर बताएं। बेहतर होगा कि दांतों के स्वास्थ्य को नजरअंदाज बिल्कुल न करें। आप इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है।
और पढ़ें: कार्डियोमायोपैथी : इन तरीकों से बचाव संभव है इस हार्ट डिजीज से!
बुरी आदतों को कहें ‘ना’
हार्ट संबंधित समस्ओं से आपको दूर रहना है, तो अपनी लाइफस्टाइल में सुधार जरूर करें। एल्कोहॉल और स्मोकिंग की बुरी लत को जितना जल्दी हो सके,छोड़ दें। अगर आपको स्मोकिंग छोड़ने में दिक्कत हो रही है, तो डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको हार्ट संबंधी कोई बीमारी है, तो मेडिकेशन के जरिए ट्रीटमेंट किया जा सकता है। अगर कंडिशन खराब हो चुकी है, तो सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है। अगर आपको दवाएं दी जाएं, तो रोजाना समय पर उनका सेवन करें और साथ ही किसी भी तरह का कंफ्यूजन होने पर डॉक्टर से जरूर पूछ लें। हार्ट हेल्थ को दुरस्त रखने के लिए आपको अधिक सावधानी की जरूरत है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
हार्ट के बारे में रखते हैं अधिक जानकारी, तो खेलें क्विज
[embed-health-tool-heart-rate]