असंतुलित नींद (Sleep imbalance) के कारण होने वाली अन्य बीमारियां
बता दें कि नींद सिर्फ दिल की बीमारियों (Heart disease) के लिए ही खतरा नहीं इसकी कमी से कुछ बीमारियां भी हो सकती हैं।
वायरल इंफेक्शन (Viral Infection)
यह सुनने में अजीब लग सकता है कि नींद की कमी से वायरल इंफेक्शन (Viral infection) हो सकता है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने इसको प्रूफ कर दिया है। वैज्ञानिकों ने 153 महिलाओं और पुरुषों की स्लीप हैबिट्स को दो हफ्ते तक ट्रैक किया इसके बाद उन्हें पांच दिन के क्वारंटीन करके कोल्ड वायरस से एक्सपोज करवाया। ऐसे लोग जो रात में सात घंटे से कम सोए थे वे 8 घंटे की नींद लेने वाले लोगों की तुलना में तीन गुना ज्यादा बीमार हुए। इससे आप समझ सकते हैं कि नींद और कोलेस्ट्रॉल (Sleep and Cholesterol) ही नहीं नींद और वायरल इंफेक्शन का भी संबंध है।
वजन का बढ़ना (Weight Gain)
नींद कम होने की वजह से वजन भी बढ़ सकता है। कई स्टडीज में यह बात सामने आई है। बच्चों के साथ ऐसा होनी संभावना काफी ज्यादा होती है। नींद की कमी हॉर्मोन्स (Hormones) को डिस्ट्रब कर देती है जो भूख को कंट्रोल करते हैं। जिससे दिन में थकान का एहसास होता है और दिन में एक्सरसाइज करने का मन नहीं करता। इस प्रकार नींद की कमी से वजन बढ़ता है।
डायबिटीज (Diabetes)
डायबिटीज केयर जर्नल के अुनसार इंसोम्निया (insomnia) से पीड़ित लोगों में डायबिटीज टाइप 2 होने का रिस्क होता है। जिन लोगों को एक साल या इससे ज्यादा समय से इंसोम्निया (insomnia) होता है और जो दिन में 5 घंटे से कम सोते हैं उनमें उन व्यक्तियों की तुलना में जो 6 घंटे से ज्यादा सोते हैं टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) होने का रिस्क तीन गुना ज्यादा होता है।
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नींद के अलावा कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने वाले अन्य फैक्टर्स (Apart from sleep, other factors that increase cholesterol)
नींद और कोलेस्ट्रॉल (Sleep and Cholesterol) को लेकर हुईं अनेक स्टडीज में इस बात का पता चला है कि लाइफ स्टाइल चोइस भी हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) का कारण बनती है। खराब स्लीप हैबिट्स के साथ ही लोग ऐसी दूसरे फैक्टर्स से घिरे रहते हैं जो उनके कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करते हैं। जिसमें स्मोकिंग, एक्सरसाइज ना करना, डायट का ख्याल ना रखना, डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवाओं को समय पर ना लेना आदि। ये सभी कारक कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करते हैं।