हार्ट पल्पिटेशन (Heart palpitation) एक अस्थाई सेंसेशन हो सकता है। जिसमें दिल अचानक तेज धड़क सकता है और नॉर्मल रिदम के लिए जरूरी किसी एक बीट को मिस कर सकता है। ऐसा एक्सरसाइज या स्ट्रेस के दौरान होता है तो इसे नॉर्मल माना जाता है, लेकिन अगर ऐसा बिना किसी स्पष्ट कारण के हो तो इसका मतलब है कि हार्ट परेशानी में है। अगर किसी व्यक्ति को हार्ट डिजीज (Heart disease) या हार्ट डिजीज का रिस्क है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। अगर आप सोच रहे हैं कि हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें? (When to Seek Treatment For Heart Palpitations?) तो इस सवाल का जवाब इस लेख में दिया जा रहा है। हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें?, इसका ट्रीटमेंट किस प्रकार का होना चाहिए जैसी सभी जानकारी यहां दी जा रही है। सबसे पहले जान लेते हैं कि हार्ट पल्पिटेशन क्या है?
हार्ट पल्पिटेशन (Heart palpitations) क्या है?
हार्ट पाल्पिटेशन दिल की धड़कन में होने वाला वह बदलाव है जिसे व्यक्ति नोटिस कर सकता है। पल्पिटेशन एक संकेत है जिसमें हार्ट रेट (Heart rate) में वृद्धि या किसी प्रकार का बदलाव होता है। हार्ट पल्पिटेशन हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम (Electrical system) में बदलाव के कारण भी हो सकता है। जिसमें बिना किसी स्पष्ट कारण के दिल तेजी से धड़कने लगता है, धीमी गति से धड़कता है या बीट को स्किप कर देता है। इस असामान्य रिदम को एरिथमिया (Arrhythmia) कहा जाता है जिसे अक्सर मेडिकल केयर की जरूरत पड़ती है। चलिए अब जान लेते हैं कि हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें?
और पढ़ें: Sinus Arrhythmia: साइनस एरिथमिया क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज।
हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें? (When to Seek Treatment For Heart Palpitations)
अगर पल्पिटेशन कभी-कभी होता है और कुछ सेकेंड में ठीक हो जाता है तो डॉक्टर की जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर व्यक्ति की हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है और पल्पिटेशन बार-बार होता है और बिगड़ता जाता है तो डॉक्टर से सलाह लें। हार्ट पल्पिटेशन किसी गंभीर समस्या का कारण तो नहीं है वे यह देखने के लिए कि हार्ट मॉनिटरिंग टेस्ट कराने की सलाह भी दे सकते हैं।
अगर हार्ट पल्पिटेशन के साथ ही सीने में दर्द और अहजता, बेहोशी, चक्कर आना, सांस लेने में कठिनाई जैसी परेशानियां आती हैं तो इमरजेंसी मेडिकल हेल्प की जरूरत हो सकती है। इसके अलावा भी कुछ स्वास्थ्य स्थितियां हैं जिनके लिए हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट लेना पड़ सकता है। कुछ हार्ट पल्पिटेशन का कारण साामान्य कारण होते हैं और ट्रिगर्स को हटाने के बाद स्थिति बेहतर हो जाती है। जैसे:
एक्सरसाइज (Exercise)
अगर व्यक्ति को लगता है कि हार्ट रेट दौड़ते, तैरते या कोई एरोबिक एक्टिविटी करते हुए बढ़ रही है, एक्सरसाइज के दौरान या इसके बाद हार्ट तेजी से धड़क रहा है तो एक्सरसाइज को बंद करके देखें। हार्ट पल्पिटेशन एक्सरसाइज के बंद करने के बाद कम होना शुरू हो जाएगा।
और पढ़ें: Heart Attack: क्या ECG से पिछले हार्ट अटैक की जानकारी मिल सकती है?
डायट (Diet)
डायट की वजह से भी हार्ट पल्पिटेशन हो सकता है। अगर आपको ब्लड शुगर लेवल लो है तो हाय कार्ब मील हार्ट पल्पिटेशन को ट्रिगर कर सकता है। इसी तरह कॉफी का एक अतिरिक्त कप या कैफीन बेस्ड एनर्जी ड्रिंक हार्ट रेसिंग का कारण बन सकता है। एल्कोहॉल का सेवन भी पल्पिटेशन का कारण बन सकता है।
स्ट्रेस (Stress)
पब्लिक प्रेजेंटेशन, रोड एक्सीडेंट होते-होते बचना ऐसे इवेंट है जिनकी वजह से स्ट्रेस की वजह से हार्ट पल्पिटेशन, पसीना आना, जी मिचलाना आदि हो सकता है। यह अस्थाई सेंसेशन होते हैं।
हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें? (When to Seek Treatment For Heart Palpitations?) मॉडरेट कंसर्न
निम्नलिखित स्थितियों में होने वाला हार्ट पल्पिटेशन चिंता का विषय होना चाहिए, लेकिन यह एक इमरजेंसी स्थिति नहीं हो सकती है। चूंकि वे एक अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति के संकेत हो सकते हैं, इसलिए आपको डॉक्टर के साथ चर्चा करने के लिए अपॉइंटमेंट लेना चाहिए।
और पढ़ें: हार्ट मसल है या है ऑर्गन (Heart Muscle Or an Organ)? जानिए दिल को स्वस्थ रखने के टिप्स
एंजायटी (Anxiety)
अत्यधिक चिंता बॉडी के ऑटोनोमिक नवर्स सिस्टम को एक्टिवेट कर सकता है। अगर चिंता के निम्न लक्षण लक्षण फंक्शनिंग को प्रभावित करते हैं तो डॉक्टर के साथ ही मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की मदद लें।
- हार्ट पल्पिटेशन
- तेज हार्ट बीट
- टेंस मसल्स
- जी मिचलाना
प्रेग्नेंसी (Pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में कई बदलाव होते हैं। उनमें हृदय गति में वृद्धि और पूरे शरीर में रक्त संचार की मात्रा में वृद्धि भी शामिल है। जिसका परिणाम हार्ट पल्पिटेशन हो सकता है जो अचानक या व्यायाम के साथ हो सकता है। प्रेग्नेंसी हॉर्मोन्स के चलते भी पल्पिटेशन हो सकता है। वे आम तौर पर संक्षिप्त एपिसोड होते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ अधिक गंभीर होने के संकेत हो सकते हैं। यदि ये बने रहते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं।
रात (At night)
रात में सोते समय आपके सांस लेने में बदलाव के कारण दिल की धड़कन बढ़ सकती है। यदि ऐसा बार-बार होता है, तो वे एरिथमिया या अन्य स्थिति का संकेत दे सकते हैं जिसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें? अन्य गंभीर चिंताएं
तीन मुख्य संकेत हैं कि आपके दिल की धड़कन स्वास्थ्य समस्या का प्रारंभिक संकेत हो सकती है:
- हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें?अगर हार्ट पल्पिटेशन लंबे समय तक होता है और सब्सडाइज नहीं होता है।
- अगर हार्ट पल्पिटेशन बार-बार बिना किसी कारण जैसे कि एक्सरसाइज, स्ट्रेस या कैफीन कंजप्शन के कारण ना हो। यह एरिथमिया का संकेत हो सकता है।
- जब हार्ट पल्पिटेशन हार्ट एरिथमिया या हार्ट अटैक के लक्षणों के साथ हो।
हार्ट पल्पिटेशन से निपटने के लिए टिप्स (Tips for dealing with heart palpitations)
हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें? (When to Seek Treatment For Heart Palpitations?) इसका जवाब तो आपको मिल गया होगा, लेकिन स्थिति गंभीर ना होने पर कुछ टिप्स को अपनाकर इस स्थिति को मैनेज किया जा सकता है। जिसमें निम्न शामिल हैं।
तनाव को मैनेज करें (Manage your stress)
रिलैक्सेशन स्ट्रेटीज जिसमें बीदिंग टेकनीक, मेडिटेशन, योग और ताई ची शामिल है का उपयोग तनाव को प्रबंधित करने के लिए किया जा सकता है। यह स्ट्रेस रिलेटेड पल्पिटेशन को कम करने में मदद करेगा।
रिहायड्रेशन (Rehydration)
एक गिलास पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स से युक्त स्पोर्ट ड्रिंक का सेवन डीहायड्रेशन के कारण होने वाले पल्पिटेशन को कम करने में मदद करता है। यह ब्रेक आपके अटेंशन को डायवर्ट करके स्ट्रेस को कम करने में भी मदद कर सकता है।
और पढ़ें: Heart healthy Foods: हार्ट को रखना है हेल्दी, तो इन फूड्स के बारे में जरूर जान लें!
वेजल मनेवर्स (Try vagal maneuvers)
वेगस तंत्रिका मस्तिष्क से हृदय तक जाती है और आपकी हृदय गति को नियंत्रित करने में भूमिका निभाती है। विभिन्न रणनीतियां वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करने और आपकी हृदय गति को उसके सामान्य स्तर पर वापस लाने में मदद कर सकती हैं। अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारने या ठंडे पानी से नहाने से मदद मिल सकती है।
- इसके साथ ही उत्तेजक पदार्थों से बचें। कैफीन, निकोटीन, कुछ ठंडी दवाएं और एनर्जी ड्रिंक आपके दिल की धड़कन को तेज या अनियमित बना सकते हैं।
- अवैध दवाओं से बचें। कुछ दवाएं, जैसे कोकीन और एम्फ़ैटेमिन, दिल की धड़कन बढ़ा सकती हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें? (When to Seek Treatment For Heart Palpitations?) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में हार्ट पल्पिटेशन के लिए ट्रीटमेंट की तलाश कब करें? से संबंधित अन्य सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-heart-rate]