साइनस एरिथमिया का अर्थ है अनियमित दिल की धड़कन। ऐसी स्थिति में हृदय गति सामान्य से ज्यादा तेज या कम हो सकती है। साइनस एरिथमिया के एक प्रकार का नाम रिस्पेरेटरी साइनस एरिथमिया (Respiratory sinus arrhythmia) है। दरअसल जब सांस (Inhale) लेने के दौरान और सांस छोड़ने (Exhale) के दौरान हार्ट बीट की गति (Heartbeat) में बदलाव को मेडिकल टर्म में रिस्पेरेटरी साइनस एरिथमिया कहते हैं। अब अगर इसे दूसरे शब्दों में समझें तो सांस लेने के दौरान हार्ट बीट तेज हो जाना और सांस छोड़ने के दौरान हार्ट बीट कम हो जाना। हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि आप किसी सीरियस हार्ट कंडिशन की समस्या शुरू हो गई है, लेकिन अगर साइनस एरिथमिया (Sinus Arrhythmia) की परेशानी ज्यादा दिनों से हो रही है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए। वहीं साइनस एरिथमिया (Sinus Arrhythmia) की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है इसलिए साइनस एरिथमिया के कारण को जरूर जानना चाहिए।
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साइनस एरिथमिया के कारण क्या हैं? (Cause of Sinus Arrhythmia)
साइनस एरिथमिया के मुख्य कारणों पर रिसर्च जारी है और इसे हार्ट (Heart), लंग्स (Lungs) और वैस्कुलर सिस्टम (Vascular system) से जोड़कर देखा जाता है। इसके अलावा इसके निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं। जैसे:
- तनाव (Stress) में रहना।
- बुखार (Fever) आना।
- जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज (Exercise) करना।
ऐसी स्थिति साइनस एरिथमिया के कारण बन सकते हैं। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि साइनस एरिथमिया के लक्षण को कैसे समझें, तो चलिए इस बारे में भी समझते हैं।
साइनस एरिथमिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Sinus Arrhythmia)
साइनस एरिथमिया के लक्षण को समझना थोड़ा कठिन है, लेकिन अगर हृदय गति तेज या कम महसूस होने पर सतर्क रहना चाहिए। वहीं प्लस रेट से भी साइनस एरिथमिया (Sinus Arrhythmia) की संभावना व्यक्त हो सकती है और आप घबराहट भी महसूस कर सकते हैं।