हार्ट पैल्पिटेशन (heart palpitations) के निदान के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री पूछता है। यदि आपको दिल की धड़कन बढ़ने की समस्या पहले भी रही है, कोई हृदय से जुड़ी समस्या या परिवार में किसी को कोई हार्ट प्रॉब्लम हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। समस्या के निदान के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट की भी सलाह दे सकता है जिसमें शामिल है-
- ईकेजी (EKG), जो दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी (electrical activity) को मापता है।
- होल्टर मॉनिटर (Holter monitor) पहनाता है जो 24 से 48 घंटे हार्ट रिदम की निगरानी करता है।
- किसी अंतर्निहित समस्या का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट जैसे इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस (electrolyte imbalances) या इंपेयर्ड थायरॉइड फंक्शन टेस्ट (impaired thyroid function)।
- इन टेस्ट के नतीजों के आधार पर डॉक्टर आपको और विशिष्ट टेस्ट के लिए कह सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्ट पैल्पिटेशन का उपचार (Treatment for heart palpitations during pregnancy)
यदि गर्भावस्था में दिल की धड़कन बढ़ने से आपको कोई खास समस्या नहीं हो रही है और टेस्ट में भी किसी गंभीर समस्या का पता नहीं चलता है, तो डॉक्टर किसी तरह के उपचार की सलाह नहीं देता है। आमतौर पर डिलीवरी के बाद यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ मामलों में हार्ट रिदम को ठीक रखने के लिए दवा दी जा सकती है। हालांकि दवा देने से पहले डॉक्टर इसके जोखिम का आंकलन करता है और आमतौर पर पहली तिमाही (third trimester) में दवा नहीं दी जाती है क्योंकि इसका बच्चे के विकास (child growth) पर असर पड़ सकता है।
यदि महिला को दिल की धड़कन बढ़ने का कारण अरेथमिया (arrhythmia) है- एक ऐसी स्थिति जो हार्ट रिदम की समस्या से जुड़ी है, तो डॉक्टर कार्डियोवर्जन (cardioversion) नामक प्रक्रिया की सलाह दे सकता है।
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क्या कुछ खाने या पीने की वजह से हार्ट पैल्पिटेशन (heart palpitations) हो सकता है?
आमतौर पर कैफीन (caffeine) हार्ट पैल्पिटेशन के लिए जिम्मेदार हो सकता है और कुछ लोग इसके प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। ऐसे में आपको कैफीन युक्त किसी भी तरह के पेय से परहेज करने की जरूरत है। इसके अलावा कुछ लोगों को ज्यादा चॉकलेट खाने या एल्कोहल के सेवन से भी पैल्पिटेशन की शिकायत हो सकती है। कई बार सर्दी या एलर्जी के लिए दी जाने वाली दवा, थकान, तनाव (stress) व नींद न पूरी होने के कारण भी दिल की धड़कन बढ़ सकती है, इसलिए इसके लिए किसी एक कारण को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्ट पैल्पिटेशन: हार्ट पैल्पिटेशन का मूल्यांकन (evaluation) डॉक्टर कैसे करते हैं?
किसी भी अन्य समस्या की तरह ही इसमें भी मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के साथ ही अन्य चीजों के बारे में पूछा जाता है जैसे किस तरह का भोजन, पेय या दवाओं का सेवन किया है। इसके अलावा कंप्लीट फिजिकल एग्जामिनेशन किया जाता है जिसमें हार्ट और लंग्स का परीक्षण किया जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्ट पैल्पिटेशन की समस्या से बचने के लिए महिलाओं को संतुलित भोजन लेना चाहिए, कैफीन, तली-भुनी चीजों से दूरी बनाने के साथ ही तनाव कम करने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही नियमित रूप से योग, मेडिटेशन और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज से कुछ हद तक इस समस्या से बचा जा सकता है।