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क्यों होती है प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2021

    क्यों होती है प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या?

    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरे देश में प्रत्येक वर्ष 200 मिलियन महिलाएं गर्भधारण करती हैं। इन महिलाओं में 15 प्रतिशत महिलाओं को विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। कुछ शारीरिक परेशानियां गर्भावस्था के किसी भी स्टेज में शुरू हो जाती है, तो कुछ पूरे नौ महीने तक चलती हैं। इन्हीं कुछ परेशानियों में शामिल है प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या (Swelling during Pregnancy)। प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला शरीर में कई सारे बदलाओं को अनुभव करती हैं। इस दौरान प्रेग्नेंट लेडी चिड़चिड़ापन, पेट दर्द, वजन बढ़ना, चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी होना या मूड स्विंग की समस्या से परेशान रहती हैं। प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या (Swelling during Pregnancy) क्यों होती है और इससे बचने के क्या हैं उपाय समझने की कोशिश करेंगे।

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    प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या (Swelling during Pregnancy) क्यों होती है?

    शरीर के कुछ हिस्सों पर गर्भावस्था में सूजन होना सामान्य है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में सामान्य से ज्यादा फ्लूइड (तरल पदार्थ) बनने लगते हैं। ये फ्लूइड फीटस के विकास के लिए बेहद जरूरी होता है।

    प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या (Swelling during Pregnancy) कौन-कौन से शारीरिक अंगों में हो सकती है?

    गर्भावस्था में सूजन की समस्या निम्नलिखित शारीरिक अंगों में देखा जाता है। जैसे:-

    पैरों में सूजन (Feet swelling):-

    प्रेग्नेंसी के दौरान तकरीबन 90 प्रतिशत महिलाओं को पैरों में सूजन की समस्या होती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार दोनों पैरों को गुनगुने पानी में नमक डाल कर कुछ देर तक रखने से परेशानी कम हो सकती है।

    होठ पर सूजन (Lips swelling):-

    गर्भावस्था के दौरान अगर गर्भवती महिला के होठ में सूजन आती है, तो इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसा हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होता है।

    ब्रेस्ट में सूजन (Breast swelling):-

    गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट में सूजन आता है। ऐसा मिल्क प्रोडक्शन शुरू होने के कारण होता है।

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    नाक में सूजन (Nose swelling):-

    प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हॉर्मोनल बदलाव की वजह से नाक में सूजन शुरू हो जाती है।

    शरीर के ऊपरी हिस्से में सूजन (Upper body swelling):-

    गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का वजन भी धीरे-धीरे बढ़ता है, जिसका असर शरीर के ऊपरी हिस्से पर पड़ता है। शरीर का पूरा भार पैर पर पड़ता है इसलिए पैर भी सूज जाते हैं।

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    चेहरे पर सूजन (Face swelling):-

    प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला का चेहरा भी सूज जाता है। इसके पीछे भी हॉर्मोन लेवल में हुए बदलाव की वजह से होता है।

    मसूड़ों में सूजन (Gums swelling):-

    प्रेग्नेंसी के दौरान ओरल हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर ओरल केयर ठीक तरह से नहीं किया गया तो मसूड़ों में सूजन की समस्या शुरू हो सकती है। मसूड़ों में होने वाली परेशानी गर्भवती महिला को खानेपीने में परेशानी पैदा कर सकती है।

    प्राइवेट पार्ट्स में सूजन (Swelling in private organ):-

    प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के प्राइवेट पार्ट्स में सूजन आ जाती है। इसलिए कुछ गर्भवती महिलाओं को यूरिन डिस्चार्ज में भी परेशानी होती है।

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    प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या के कारण क्या हैं? (Cause of Pregnancy Swelling)

    गर्भावस्था में सूजन की समस्या निम्नलिखित कारणों से होती है। इन कारणों में शामिल है:-

    हॉर्मोनल बदलाव (Hormonal Change)-

    प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के लेवल बढ़ जाने की वजह से प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या (Swelling during Pregnancy) शुरू हो जाती है। हालांकि इसका नुकसान नहीं होता है बल्कि यह इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग करने में मदद करता है। जिससे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास ठीक तरह से होता है। एस्ट्रोजेन यूट्रस को बढ़ाने में सहायक होता है। एस्ट्रोजन अन्य प्रेग्नेंसी हॉर्मोन के लिए आवश्यक होता है। ये गर्भ में पल रहे शिशु के अंगों के विकास में अहम भागीदारी निभाता है। वहीं hCG (ह्यूमन कॉरयोनिक गोनाडोट्रोपिन) के कारण प्रोजेस्ट्रोन की शुरुआत होती है और बाद में प्लासेंटा के कारण। यह ब्रेस्ट टिशू की ग्रोथ में मददगार होते हैं और लेबर पेन (Labor pain) सहने में मदद करते हैं।

    गर्भ के आकार का बढ़ना-

    प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ का आकार बढ़ता जाता है। ऐसी स्थिति में पेल्विक वेन पर प्रेशर बढ़ जाता है, जिस वजह से ब्लड सर्क्युलेशन सामान्य से धीमा हो जाता है। इसलिए पैर के साथ-साथ अन्य शारीरिक अंग में सूजन आने लगता है।

    किडनी संबंधित परेशानी-

    ऐसी महिलाएं जिन्हें किडनी (Kidney) से जुड़ी परेशानी होती है, तो पूरा शरीर फूलने लगता है।

    देर तक खड़े रहना-

    गर्भवती महिला अगर लगातार कुछ देर तक एक ही जगह पर खड़ी रहती हैं, तो पैर सूजने लगता है। प्रेग्नेंसी के दौरान बेहतर होगा कि आप एक ही अवस्था में न तो खड़ी रहे और न ही बैठे। अपनी पुजिशन में कुछ समय बाद तक बदलाव जरूर करें।

    प्री-एक्लेम्पसिया (Preeclampsia)-

    प्री-एक्लेम्पसिया की वजह से गर्भवती महिला के हाथों और चेहरे में सूजन आ सकती है। प्री-एक्लेम्पसिया गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर (Blood pressure) अचानक बढ़ जाने की स्थिति में होता है और प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते के बाद यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है। प्री-एक्लेम्पसिया महिलाओं में क्रॉनिक हाइपरटेंशन की वजह से होता है।

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    प्रेग्नेंसी में सूजन या प्रेग्नेंसी में एडिमा की समस्या दूर करने के लिए क्या करें? (Tips for Swelling during Pregnancy)

    गर्भावस्था में सूजन की समस्या दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं। इन उपायों में शामिल है:

    • प्रेग्नेंसी के दौरान पौष्टिक आहार (Healthy food) का सेवन करना चाहिए। पौष्टिक आहार हेल्दी रखने के साथ ही सूजन की समस्या भी कम हो सकती है। इसलिए आप डॉक्टर के सलाह अनुसार एंटीइंफ्लेमेटरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसके साथ ही पालक, केला, बादाम, मौसमी फल, साबुत अनाज, नट्स जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
    • प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या (Swelling during Pregnancy) शरीर में बढ़े हुए सोडियम लेवल के कारण होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान अत्यधिक सोडियम का सेवन न करें।
    • गर्भावस्था में सूजन की समस्या अगर आपको परेशान करने लगे तो थेरिपी का सहारा ले सकती हैं। इसके साथ ही गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान की जाने वाली एक्सरसाइज या योग कर सकती हैं। गर्भवती महिला को वॉक भी करना चाहिए। शरीर को एक्टिव रखना बेहतर होगा। जबतक डॉक्टर गर्भवती महिला को कंप्लीट बेडरेस्ट की सलाह न दें तब तक प्रेग्नेंट लेडी को ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहना चाहिए।
    • मैटरनिटी आउटफिट क्यों है जरूरी? जानिए इसके फायदे। क्योंकि टाइट कपड़ों की वजह से भी शरीर में सूजन हो सकता है।

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    कुछ लोग प्रेग्नेंसी में एडिमा की समस्या को जन्म लेने वाले बच्चे से जोड़कर देखते हैं। गर्भवती महिला के पैरों के सूजन से यह अंदाजा नहीं लगया जा सकता है की जन्म लेने वाला शिशु लड़का होगा या लड़की। इस विषय पर न तो कोई रिसर्च की गई है और न ही इस प्रकार का कोई भी जिक्र किया गया है। प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में ज्यादा बढ़ जाती है।  इसका असर बेबी डिलिवरी के बाद भी कुछ वक्त तक रहता है, जो कुछ सप्ताह में ठीक होने लगता है। अगर परेशानी कम न हो तो गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि सूजन की परेशानी को दूर करने के लिए दवा लेने की सलाह दे सकते हैं।

    अगर आप प्रेग्नेंसी में सूजन की समस्या (Swelling during Pregnancy) से परेशान हैं और इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। बिना डॉक्टर से जांच कराएं किसी भी तरह की दवा का सेवन न करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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