क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) को COPD भी कहा जाता है। यह बीमारियों का एक समूह है जिसके कारण रोगी की एयरवेज ब्लॉक हो सकती है और उसे सांस लेने में समस्या होती है। यह एक सामान्य फेफड़ों की समस्या है, जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो सकता है। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से एक अन्य समस्या जुड़ी हुई है और वो है किन्हीं कारणों से वजन का कम होना। इसके कारण होने वाली वजन में कमी से मसल्स लॉस और जीवन की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। आइए जानते हैं क्या है COPD व पाइए जानकारी वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) के बीच के सम्बंध के बारे में। इसके साथ ही जानिए कि वो कौन से कारण हैं, जिनसे COPD के रोगी का वजन कम हो सकता है।
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के कारण कौन से हैं? (Causes of Chronic Obstructive Pulmonary Disease)
COPD दो प्रकार होते हैं। एक क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic bronchitis) जिसमें खांसी के साथ बलगम की समस्या होती है और दूसरा है एम्फसीमा (Emphysema) जिसमें समय के साथ फेफड़े खराब हो सकते हैं। वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) के बीच में सम्बंध के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि इसके कारण और लक्षण क्या हैं। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) या खासतौर पर एम्फसीमा (Emphysema) से पीड़ित लोग कम वजन वाले और कुपोषित हो सकते हैं। इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:
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- स्मोकिंग COPD का मुख्य कारण है। जो व्यक्ति जितना अधिक धूम्रपान करता है, उसे यह समस्या होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है। हालांकि ऐसा होना जरूरी नहीं है क्योंकि ऐसा भी पाया गया है कि कुछ लोग जो लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं और उन्हें कभी यह समस्या नहीं होती है।
- दुर्लभ मामलों में नॉनस्मोकर्स जिनमें एक प्रोटीन जिसे अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन (alpha-1 antitrypsin) कहा जाता है, उन्हें भी एम्फसीमा (Emphysema) होने की संभावना अधिक होती है।
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से जुड़े रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं (Risk factors of Chronic Obstructive Pulmonary Disease):
- किसी खास गैस या धुएं के संपर्क में रहना (Exposure to certain Gases or Fumes in the Workplace)
- सेकेंडहैंड स्मोक या प्रदूषण के संपर्क में रहना (Exposure to Heavy Amounts of Secondhand Smoke and Pollution)
COPD के लक्षण (Symptoms of COPD)
यह सच है कि COPD के कारण वजन कम होता है। लेकिन वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) के बारे में जानने से पहले हम इसके लक्षणों के बारे में जान लेते हैं। इस समस्या के लक्षण इस प्रकार हैं:
- बलगम के साथ या बिना, खांसी होना (Cough, with or without Mucus)
- थकावट (Fatigue)
- रेस्पायरेटरी इंफेक्शंस(Respiratory Infections)
- सांस लेने में समस्या (dyspnea) जो थोड़ी सी एक्टिविटी के साथ बदतर हो सकती है (Shortness of Breath)
- व्हीज़िंग (Wheezing )
क्योंकि यह लक्षण बहुत धीरे-धीरे विकसित होते हैं। इसलिए, कई लोगों को पता भी नहीं चलता कि उन्हें यह समस्या है।
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वेट लॉस और COPD में क्या संबंध है? (Weight Loss and COPD)
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) के बीच में संबंध यह है कि वजन का कम होना गंभीर COPD का संकेत हो सकता है। क्योंकि अगर COPD के रोगी का वजन कम हो रहा है तो इसका अर्थ है कि उस के फेफड़ों को गंभीर नुकसान हो चुका है। इससे उसके फेफड़ों का साइज बढ़ जाता है। जिससे रोगी के डायाफ्राम सपाट हो जाते हैं और फेफड़ों और पेट के बीच की जगह कम हो जाती है। जब ऐसा होता है तब रोगी के फेफड़े और पेट एक दूसरे को पुश कर सकते हैं, जिससे उसे खाते हुए परेशानी होती है। सपाट डायाफ्राम के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो सकता है। बहुत जल्दी खाना या कुछ खास चीजें अपच और सूजन को बढ़ावा दे सकती हैं जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है यह सामान्य आहार इस प्रकार हैं :
- नमकीन आहार (Salty Food)
- मिर्च मसालेवाले आहार (Spicy Food)
- तले हुए (Fried Food)
- हाय फायबर युक्त आहार (High-Fiber Food)
- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (Carbonated Drinks)
- कैफीन (Caffeine)
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के कारण वजन कम होने के क्या हैं कारण? (Reason of weight loss due to COPD)
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। कई बार क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज Chronic Obstructive Pulmonary Disease) के शिकार लोगों के लिए खाना बनाना भी मुश्किल हो सकता है। वो कुकिंग करते हुए थकावट या सांस में समस्या महसूस करते हैं। यही नहीं, COPD के कारण मेंटल हेल्थ इश्यूज भी हो सकते हैं। यहां तक कि इस समस्या में अगर आपको अच्छी भूख लगती है, तो भी क्षतिग्रस्त फेफड़ों से सांस लेते समय लोगों की अधिक कैलोरी जलती है जिससे वजन कम हो सकता है। जानते हैं इन समस्याओं के बारे में विस्तार से:
जब कोई व्यक्ति COPD के कारण वजन कम करता है, तो डॉक्टर इसे COPD वेस्टिंग कहते हैं। COPD वेस्टिंग (COPD Wasting) का अर्थ है कि रोगी मसल्स मास लूज कर सकता है, जिससे वजन कम हो सकता है और व्यक्ति को काम करने में समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं कि COPD के कारण वजन कम होने के क्या कारण हो सकते हैं:
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भूख न लगने से कुपोषण (Malnutrition Due to Lack of Appetite)
ऐसा माना जाता है कि भूख न लगना COPD.से पीड़ित लोगों में वजन कम होने का सबसे सामान्य कारण है। भूख न लगने के कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है। COPD से पीड़ित लोगों में भूख न लगने के कारण इस तरह से हो सकते हैं।
- COPD की दवाइयों के कारण भूख न लगना (COPD Medications lead to a Lack of Hunger)
- खाना बनाने में थकावट महसूस होना (Preparing Meals is too Tiring)
भूख न लगने के कारण एक अनहेल्दी साइकिल (Unhealthy Cycle) शुरू हो सकता है। जैसे शरीर मसल्स को ब्रेक डाउन करके ईंधन का काम लेता है। क्योंकि, शरीर को पर्याप्त न्यूट्रिएंट नहीं मिल रहे होते हैं। मसल्स जिसमें ब्रीदिंग मसल्स भी शामिल हैं, वो कमजोर हो जाते हैं। इससे व्यक्ति को सांस लेने में समस्या होती है। जिस व्यक्ति की भूख कम हो जाती है वो पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स भी प्राप्त नहीं कर पाता और उसका वजन कम होता जाता है।
हाय मेटाबॉलिक रेट (High Metabolic Rate)
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। COPD से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है। यह कम्बाइंड इफेक्ट अनचाहे वजन के कम होने का कारण बन सकता है।
मेंटल हेल्थ डिफीकल्टीज (Mental Health Difficulties)
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) से पीड़ित व्यक्ति उन लोगों के मुकाबले अधिक डिप्रेशन और एंग्जायटी का शिकार होते हैं, जिन्हें यह समस्या नहीं है। यानी जो व्यक्ति COPD और डिप्रेशन से पीड़ित है। वो इस वजह से भी अनचाहा वजन कम होने की समस्या को नोटिस कर सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इस स्थिति में जरूरी है अपने शरीर वजन को सही और हेल्दी बनाए रखना पाएं। सही वजन को मेंटेन रखने के टिप्स :
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कैसे बनाएं रखें सही और हेल्दी वेट? (How to Maintain Healthy Weight)
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। रोगी में COPD की गंभीरता उसके वजन को प्रभावित करती है। लेकिन, गंभीर स्थिति में ही रोगी कुपोषण या अंडरवेट जैसी समस्या से पीड़ित हो सकता है। इस समस्या आपको अपने शरीर का सही वजन मेंटेन करना होगा। अमेरिकन लंग एसोसिएशन (American Lung Association) के मुताबिक शरीर में भोजन को ईंधन में बदलने की प्रक्रिया को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है। इसमें कार्बनडायऑक्साइड वो वेस्ट मटेरियल है, जिसे हम अपने शरीर से बाहर निकालते हैं। ऐसे में, डायट में सही न्यूट्रिएंट के होने से सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलती है। यही नहीं, COPD से पीड़ित कुछ लोगों को कम कार्बोहायड्रेटस और अधिक फैट युक्त आहार का सेवन करने से सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलती है।
वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) दोनों में ही शरीर के वजन को बढ़ाने के लिए आपके लिए सही न्यूट्रिएंट्स को ग्रहण करना जरूरी है। जिसके कुछ टिप्स इस प्रकार हैं:
- पूरे दिन में कम मात्रा में लेकिन थोड़ी-थोड़ी देर बाद हेल्दी खाएं।
- हाय कैलोरी युक्त आहार खाएं। जैसे लौ फैट मिल्क प्रोडक्ट्स की जगह फुल फैट मिल्क प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें।
- खाते खाने के दौरान तरल पदार्थों का सेवन सीमित कर दें। क्योंकि, अधिक तरल पदार्थ पीने से आप पेट को भरा हुआ महसूस करेंगे।
- ऐसे आहार या ड्रिंक्स का सेवन बंद कर दें जिनसे ब्लोटिंग की समस्या होती हो।
- खाना खाने से पहले आराम करें।
- किन्हीं मामलों में डॉक्टर या डायटिशन आपके आहार में न्यूट्रिशंस को भी शामिल करने की सलाह दे सकते हैं।
- स्नैक्स और भोजन को आसानी से बनाने के तरीके ढूंढें। जिससे आपकी न्यूट्रिशनल जरूरतें पूरी हो सके।
- आप अपनी कुकिंग की मेहनत को पहले से ही कटे हुए या पैक्ड क्वालिटी उत्पाद खरीद कर कम कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखे हेल्दी चीजों को ही खरीदें और उनका सेवन करें।
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सोडियम को कम मात्रा में लें
अगर आप पहले से ही पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स को लेने की सोच रहे हैं तो ध्यान रखें कि उनमें सोडियम की मात्रा कम हो। अधिक सोडियम का सेवन करने से शरीर में लंग्स में अधिक प्रेशर पड़ता है। जिससे सांस संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। जंक फूड, तला हुआ, मिर्च-मसालेदार आहार का सेवन करना छोड़ दें।
अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें (Mental Health)
अगर आप यह महसूस करते हैं कि वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) के साथ ही आपको अन्य दिमागी समस्याएं जैसे डिप्रेशन (Depression), स्ट्रेस (Stress) या चिंता (Anxiety) आदि प्रभावित कर रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। डॉक्टर आपको मेंटल हेल्थ को सुधारने के सही तरीके बता सकते हैं। इसके लिए आप योगा या मेडिटेशन का सहारा भी ले सकते हैं।
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यह तो थी वेट लॉस और COPD (Weight Loss and COPD) के बारे में विस्तृत जानकारी। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) का कोई उपचार नहीं है लेकिन कुछ आसान तरीकों से आप इसके लक्षणों को दूर करके एक हेल्दी जीवन जी सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए व्यायाम करना और शारीरिक रूप से एक्टिव रहना भी बेहद जरूरी है। COPD में शरीर ही हेल्दी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको न्यूट्रिएंट्स से भरपूर आहार लेना चाहिए और उन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए को लक्षणों को बढ़ाते या बदतर बनाते हैं। इसके बारे में आपके डॉक्टर और डायटिशन आपका सही मार्गदर्शन कर सकते हैं।