यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) बैक्टीरिया के द्वारा होने वाला एक संक्रमण है। जो पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करता है। जैसा की सभी जानते हैं कि किसी भी बैक्टीरियल इंफेक्शन को ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स देते हैं। लेकिन, अगर आपको पता चले कि यूटीआई में एंटीबायोटिक लेना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है तो आप क्या करेंगे? शायद एंटीबायोटिक्स लेना बंद कर देंगे। फिर मन में एक और सवाल आएगा कि अगर एंटीबायोटिक्स बंद कर दी तो यूटीआई ठीक कैसे होगा? तो फिक्र न करें, हैलो स्वास्थ्य आपको बताएगा कि बिना एंटीबायोटिक्स लिए आप यूटीआई को कैसे ठीक कर सकते हैं?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या है?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) महिलाओं में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 50 प्रतिशत महिलाओं को कभी ना कभी यूरिन इंफेक्शन की परेशानी हुई है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का मुख्य कारण सफाई (हाइजीन) नहीं रखना माना जाता है। वहीं, ज्यादातर महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन छह महीने पर दोबारा हो सकता है। जिसमें योनि व मूत्रमार्ग में जलन और दर्द भी हो सकता है। UTI किसी भी उम्र की महिला को कभी भी हो सकता है।
क्या यूटीआई में एंटीबायोटिक लिए बिना इलाज संभव है?
बेशक यूटीआई में एंटीबायोटिक लेने से तुरंत राहत मिलती है। लेकिन, कभी-कभी हमारा शरीर एंटीबायोटिक्स को स्वीकार नहीं कर पाता है। जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती है। अगर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन ज्यादा नहीं है तो वह चार से पांच दिन में खुद बखुद ही ठीक हो जाता है। वहीं, यूटीआई के घरेलू इलाज से भी इसका उपचार हो सकता है। अगर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन ज्यादा होता है तो उसके साथ अन्य तरह की समस्या हो सकती है।
यूटीआई के लिए मेडिसिन: यूटीआई में एंटीबायोटिक के फायदे
यूटीआई में एंटीबायोटिक के खतरे जानने से पहले आपको उसके फायदों के बारे में जान लेना चाहिए। यूटीआई में एंटीबायोटिक का सेवन या यूटीआई के लिए मेडिसिन का उपयोग करने से संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया इश्चीरिया कोलाई (Escherichia coli) मर जाता है। लेकिन, कुछ अन्य बैक्टीरिया इसके लिए यूरिनरी ट्रैक्ट से निकल कर शरीर के अन्य हिस्सों में चले जाते हैं, तो एंटीबायोटिक ही रामबाण साबित होती है। यूटीआई के लिए निम्न बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं :
- 90 प्रतिशत यूटीआई के मामलों में इश्चीरिया कोलाई (Escherichia coli) जिम्मेदार होता है
- स्टेफाइलोकॉकस एपिडर्मिस (Staphylococcus epidermidis) और स्टेफाइलोकॉकस ऑरियस (Staphylococcus aureus)
- क्लेबसिलिया निमोनी (Klebsiella pneumoniae)
यूटीआई में एंटीबायोटिक लेने के क्या जोखिम हैं?
जिस चीज के फायदे हैं, उसके नुकसान भी हैं। यूटीआई को जल्दी से ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दिया जाता है। लेकिन, यूटीआई में एंटीबायोटिक लेने के कई साइड इफेक्ट्स भी हैं :
और पढ़ें :पेशाब में संक्रमण क्यों होता है? जानें इसके कारण और इलाज
इन सबके अलावा यूटीआई में एंटीबायोटिक लेने पर कुछ गंभीर समस्याएं भी होती है:
बैक्टीरिया पहले से और स्ट्रॉन्ग हो जाते हैं
यूटीआई में ज्यादा से ज्यादा एंटीबायोटिक्स खाने से आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में रह रहे बैक्टीरिया को उन दवाओं की आदत हो जाएगी। आगे चल कर वह खुद को पहले से ज्यादा स्ट्रॉन्ग कर लेंगे और फिर उन पर एंटीबायोटिक का कोई असर नहीं होगा। ऐसे में बार-बार आप यूरिनरी इंफेक्शन के शिकार होते रहेंगे।
यूटीआई में एंटीबायोटिक लेने से अच्छे बैक्टीरिया डैमेज हो जाते हैं
एंटीबायोटिक का काम होता है बैक्टीरिया को खत्म करना। चाहे बैक्टीरिया अच्छे हो या खराब हो, वह सभी बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। वजायना में लैक्टोबेसिलस नामक अच्छा बैक्टीरिया रहता है। जो यूटीआई के बैक्टीरिया से लड़ता है। एंटीबायोटिक का सेवन करने से लैक्टोबेसिलस भी खत्म हो जाता है। ऐसे में आपको दोबारा यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है।
इन 7 तरीकों को अपना कर बिना एंटीबायोटिक के यूटीआई ठीक कर सकते हैं
यूटीआई को ठीक करने की कुछ पारंपरिक विधियां है, जो पिछले हजारों सालों से इस्तेमाल की जा रही है। आइए जानते हैं उन विधियों के बारे में :
1. हाइड्रेट रहें
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। आपको हर घंटे में एक गिलास पानी पीना चाहिए। पानी का जितना ज्यादा सेवन करेंगे उससे मूत्रमार्ग में यूटीआई के बैक्टीरिया पेशाब के साथ बाहर निकल जाएंगे। जिससे यूटीआई जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएगा। ज्यादा पानी पीने से आपको पेशाब भी बहुत लगेगी, तो आपको जब भी पेशाब आए तो आप कर लें। पेशाब को रोकने की कोशिश न करें। अगर आप पेशाब को रोकेंगे तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन बद से बदतर हो जाएगा।
और पढ़ें : यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचने के 8 घरेलू उपाय
2. यूरिन को न रोकें
ज्यादा पानी पिएंगे तो पेशाब बार-बार आएगी। तो पेशाब को रोके नहीं इससे भी यूटीआई इंफेक्शन होता है। इसलिए जब भी पेशाब आए तो पूरे प्रेशर के साथ पेशाब करें ताकि बैक्टीरिया भी फ्लश हो जाए। अगर पेशाब को रोक कर रखेंगे तो बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लैडर से चिपक जाएंगे और यूटीआई जल्दी ठीक नहीं होगा।
3. करौंदे का जूस पिएं
क्रैनबेरी यानी कि करौंदा यूटीआई में बहुत फायदेमंद औषधि है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में लोग करौंदे को घरेलू उपाय के तरह प्रयोग करते हैं। करौंदे का जूस बना कर पीने से संक्रमण ठीक होता है। आप एक दिन में 750 मिलीलीटर से 1 लीटर तक क्रैनबेरी जूस ले सकते हैं। इसे एक साथ न पी कर आप तीन से चार बार में पिएं। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के बैक्टीरिया फ्लश हो कर बाहर निकल जाएगा। लेकिन, अगर आपके परिवार में किसी को किडनी से संबंधित समस्या है तो आप भी करौंदे का जूस न पिएं।
जूस की जगह आप क्रैनबेरी का कैप्सूल भी ले सकते हैं। लेकिन अगर आप खून को पतला करने की दवाएं खा रहे हैं तो आप क्रैनबेरी कैप्सूल न लें। एक अध्ययन के अनुसार अगर एक महिला रोज एक क्रैनबेरी की टैबेलेट लेती है या दिन में तीन बार क्रैनबेरी जूस पीती है तो उसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन नहीं हो सकता है। क्योंकि महिलाओं के योनि में लैक्टोबैसिलस नामक बैक्टीरिया रहता है और वह यूटीआई के बैक्टीरिया को खत्म करता है। करौंदा लैक्टोबैसिलस को बढावा देने का काम करता है। वहीं, आप विटामिन-सी का सेवन भी कर सकते हैं।
और पढ़ें :किडनी की बीमारी कैसे होती है? जानें इसे स्वस्थ रखने का तरीका
4. प्रोबायोटिक्स खाएं
लाभदायक बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक्स कहते हैं। ये प्रोबायोटिक्स यूरिनरी ट्रैक्ट को नुकसानदायक बैक्टीरिया से बचाता है। प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से लैक्टोबेसिलस की मात्रा में इजाफा होता है। जो मूत्र में हाइड्रोजन परॉक्साइड बनाता है, जो खुद में एक एंटीबैक्टीरियल का काम करता है। इसके लिए आप चीज़, दही, खट्टी गोभी और केफिर खा सकते हैं। इसके अलावा प्रोबायोटिक्स के सप्लीमेंट्स खा सकते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
5. विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा लें
विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। क्रैनबेरी का जूस पीने से विटामिन सी की भरपूर मात्रा मिलती है।
एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी, प्रोबायोटिक्स और क्रैनबेरी को 20 दिनों तक रोज लेने और फिर 10 दिन तक इस कॉम्बिनेशन को बंद कर दें। इसे फिर 10 दिन बात शुरू करें। फिर इस प्रक्रिया को तीन महीनों तक करें। जिससे आपको यूटीआई नहीं होगा। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का कहना है कि 19 साल से ज्यादा उम्र की महिला को 75 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेनी चाहिए। वहीं, पुरुषों को लगभग 90 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेना चाहिए।
6. वजायना की सफाई का रखें ध्यान
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को रोकने के लिए हमेशा वजायना की साफ सफाई रखें। पेशाब करने के बाद आगे से पीछे की तरफ यूरेथरा को पोछें। अगर आप पीछे से आगे की तरफ पोछेंगे तो बैक्टीरिया बादर निकलने के बजाए अंदर जाएगा। इस तरह से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जल्दी ठीक नहीं हो पाएगा।
और पढ़ें: जानिए किडनी के रोगी का डाइट प्लान,क्या खाएं क्या नहीं
7. सेक्स के बाद यूरीन जरूर डिस्चार्ज करें
सेक्स करने के बाद योनि और पेनिस को साफ करना चाहिए। इससे अगर योनि में कोई बैक्टीरिया चला भी गया है तो यूरीन के साथ बाहर चला आए। इसके बाद गुप्तांग तो पोछ कर के सफाई कर लें। वहीं, सेक्स के दौरान ल्यूब्रिकेंट्स के रूप में तेल या बॉडी लोशन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये इंफेक्शन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा हमेशा सुरक्षित सेक्स करें। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।