ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder) यानि भोजन विकार एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर खान-पान को लोगों की अपनी लाइफस्टाइल चॉइस से जोड़कर देखा जाता है लेकिन, असामान्य तरीके से लोगों के खाने का व्यवहार कई घातक बीमारियों को न्योता दे सकता है। दरअसल, ईटिंग डिसऑर्डर (आहार संबंधी विकार) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें बहुत अधिक खाना या बहुत ही कम खाना जैसी आदतें शामिल हैं। इस मानसिक बीमारी से ग्रस्त इंसान अपनी बॉडी शेप या वजन को लेकर अत्यधिक चिंतित रहता है। आइए, जानते हैं आखिर ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार कितने प्रकार का होता है?
कितनी तरह का होता है भोजन विकार या ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder) ?
भोजन विकार खाने की अनहेल्दी और असामान्य स्थिति है, जिसके तीन मुख्य प्रकार हैं:
1. एनोरेक्सिया नर्सोवा (Anorexia Nervosa)
एनोरेक्सिया नर्सोवा भोजन विकार या ईटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित लोग वजन बढ़ने के डर से खुद को लगातार भूखा रखते हैं। उनको लगता है कि वे ओवरवेट हैं जबकि हो सकता है उनका वजन बहुत कम हो। कई सामाजिक, भावनात्मक और अनुवांशिक कारणों के चलते व्यक्ति इस तरह की मानसिक बीमारी का शिकार हो जाता है।
एनोरेक्सिया (Anorexia) भोजन विकार के लक्षण
- वजन को लेकर अत्यधिक चिंतित रहना
- कैलोरी कम करने के लिए अधिक व्यायाम करना
- कम से कम खाना
- खाने के बाद उल्टी करना
- वजन कम करने के लिए दवाएं लेना
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2. बुलिमिया नर्वोसा ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार (Bulimia Nervosa)
बुलिमिया नर्वोसा एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिससे ग्रसित लोगों में ज्यादा से ज्यादा खाने की प्रवृत्ति होती है। इसके बाद वे उस खाने को उल्टी करके बाहर निकाल भी देते हैं। ऐसे लोग खाना देखकर अपना नियंत्रण खो देते हैं। अधिक खाने से बढ़ी हुई कैलोरीज को कम करने के लिए बहुत ज्यादा व्यायाम या अन्य अस्वास्थ्यकर तरीके अपनाते हैं। हालांकि अपनी खाने की इन आदतों से उन्हें शर्मिंदगी भी मह्सूस होती है जिसके चलते वे अकेले या फिर छुपकर खाने लगते हैं।
बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) भोजन विकार के लक्षण
- शरीर के वजन के प्रति सचेत होना
- रक्तचाप कम होना
- अत्यधिक भोजन एक साथ करना
- डिहाइड्रेशन
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (सोडियम, कैल्शियम, पोटेशियम और अन्य खनिजों का बहुत कम या बहुत अधिक स्तर) जो स्ट्रोक या दिल के दौरे का कारण बन सकता है
3. बिंज-ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार (Binge Eating Disorder)
बिंज-ईटिंग मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर है जिसका मतलब बहुत अधिक खाने के विकार से है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को अक्सर ज्यादा खाना खाने के दौरे पड़ते हैं। न ही वो खुद को ज्यादा खाने से रोक पाता है और न ही उससे होने वाले नुकसान को समझ पाता है यानी इसमें व्यक्ति अनियंत्रित रूप से खाना खाता है। इससे पीड़ित लोगों में मोटापा होने की संभावना ज्यादा होती है।
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बिंज-ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार (binge eating disorder) के लक्षण
- सामान्य से अधिक भोजन करना
- बिना भूख के भी भोजन की बड़ी मात्रा खाना
- बहुत तेजी से खाना
- शर्मिंदगी की वजह से अकेले खाना
- तब तक खाना जब तक असुविधाजनक न हो जाएं
- बार-बार डाइटिंग करना
4. अवॉइडेंट/ रेस्ट्रिक्टिव फूड इनटेक डिसऑर्डर या भोजन विकार (Avoidant/restrictive food intake disorder
)
इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति व्यक्ति डेली रूटीन के लिए जरूरी पोषक तत्वों को प्राप्त नहीं कर पाता क्योंकि उसका इंटरेस्ट खाने की तरफ नहीं रहता। इसमें डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति कुछ निश्चित कलर, टेक्चर, स्मेल और टेस्ट को अवॉइड करता है। इस डिसऑर्डर में में चोकिंग और वेट बढ़ने के डर से भी खाना अवॉइड किया जाता है। इस डिसऑर्डर के कारण वेट लॉस और बचपन में वजन न बढ़ पाना आदि परिणाम देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही शरीर में पोषक तत्वों की कमी सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का भी कारण बन जाती है।
5. पिका ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार (Pica Eating Disorder)
पिका एक दूसरा ईटिंग डिसऑर्डर है जिसमें मरीज को खाने की चीजों के अलावा दूसरी चीजें खाने का मन करता है। इसमें पीड़ित को आइस, धूल, मिट्टी, चॉक, साबुन, पेपर, हेयर, ऊन, लॉन्ड्री डिटर्जेंट आदि खाने का मन करता है। यह भोजन विकार बच्चों, युवाओं और टीनएजर को हो सकता है। यह डिसऑर्डर ज्यादातर बच्चों, चिल्ड्रन, प्रेग्नेंट महिलाओं और मेंटल डिसेब्लटीज से ग्रसित लोगों में देखने को मिलता है। पिका भोजन विकास पीड़ित लोगों में इंफेक्शन, गट इंजुरी और पोषक तत्वों की कमी जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं।
ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि महिलाओं में भोजन संबंधी मानसिक विकार पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखने को मिलता है। हमेशा याद रखें कि आहार संबंधी विकार से पीड़ित व्यक्ति यों को इलाज के दौरान बहुत सहयोग और सहायता की जरूरत होती है इसलिए आप रोगी के प्रति सहानुभूति रखें।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार क्या है?
अगर कोई बच्चा ठीक मात्रा में खाना नहीं खा रहा है तो वह बढ़ती उम्र के साथ बहुत सी परेशानियों से घिर सकता है। ठीक से न खाने से बच्चों को अपनी हाइट से समझौता करना पड़ सकता है। माता-पिता को बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर को डायग्नोसिस करने के लिए भी बहुत कोशिश करनी पड़ती है। माता पिता के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर है या वह खाने में नखरे दिखा रहा। अवॉइडेंट/रिस्ट्रिक्टिव फूड इनटेक डिसऑर्डर (Avoidant/Restrictive Food Intake Disorder ) भी बच्चों के ईटिंग डिसऑर्डर के रूप में है।
जबकि माता-पिता बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, वह अपने बच्चों को इससे उबरने में मदद करने के लिए एक पॉजिटिव फोर्स हो सकते हैं। बहुत छोटे बच्चों को उनके माता-पिता इस परेशानी से बाहर निकाल सकते हैं।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार के लक्षण
- खाने से इंकार
- खाने के पोर्शन में कमी
- अपने बॉडी इमेज की चिंता
- लोगों से दूरी बनाना
- शरीर पर होने वाले हल्के बाल
- खाना छुपाना या बाद के लिए रखना
- बढ़ते हुए बच्चे में वजन कम होना
- विकास की कमी
- हाइपरएक्टिविटी या अधिक मूवमेंट जैसे कि लेग जिगलिंग, इधर-उधर भागना या खड़े रहना और बैठने से मना करना
- सिर पर पतले बालों का होना
- लड़कियों में पीरियड्स ठीक से ना होना
- व्यक्तित्व में बदलाव, आमतौर पर चिड़चिड़ापन या अवसाद
- खाना देने पर गुस्सा आना
हम उम्मीद करते हैं कि भोजन विकार या ईटिंग डिसऑर्डर पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ गुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।