हमसभी अच्छी सेहत के लिए या किसी बीमारी के इलाज के लिए होम्योपैथ, एलोपैथ या फिर आयुर्वेद के माध्यम से इलाज करवाया जाए इसपर कई बार विचार करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यूनानी पद्धति से इलाज के बारे में विचार किया है? आज इस आर्टिकल में प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन के लिए यूनानी पद्धति से कैसे इलाज किया जाता है, इस बारे में समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन सबसे पहले यूनानी पद्धति क्या है, इसे समझेंगे।
- क्या है यूनानी पद्धति? (Unani treatment)
- प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन क्या है? (What is Premature Ejaculation)
- प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन के कारण क्या हैं? (Cause of Premature Ejaculation)
- प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी इलाज क्या है? (Unani treatment for Premature Ejaculation)
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प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी इलाज समझेंगे, लेकिन सबसे पहले समझते हैं-
क्या है यूनानी पद्धति (Unani treatment)?
यूनानी पद्धति के अनुसार मनुष्य का शरीर आग, हवा, पानी और मिट्टी से बना है। इससे जुड़े विशेषज्ञों की और रिसर्च पर ध्यान दें, तो यह विश्व की सबसे पुरानी उपचार पद्धतियों में से एक मानी है, जिसकी शुरुआत ग्रीस (यूनान) से हुई। इसी वजह से इस पद्धति को यूनानी पद्धति कहा जाता है। यूनानी पद्धति मुख्यत ह्यूमरल थ्योरी- दम (ब्लड), बलगम, सफरा और सौदा पर बेस्ड है। अरब से आई यूनानी पद्धति अब भारत में बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए प्रसिद्ध है।
यूनानी पद्धति से जुड़े चिकित्सकों का मानना है कि गठिया, सफेद दाग, एग्जिमा, अस्थमा, माइग्रेन, मलेरिया एंव फाइलेरिया जैसी लाइलाज बीमारियों का इलाज भी यूनानी पद्धति से किया जाता है। वहीं अगर प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन जैसी बीमारियों के इलाज की बात की जाए, तो प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी इलाज किया जाता है। इस आर्टिकल में आगे समझेंगे प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन (Premature Ejaculation) की समस्या क्या है। और प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी इलाज कैसे किया जाता है।
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प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन (Premature ejaculation) क्या है?
प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन (शीघ्रपतन) एक ऐसी स्थिति है, जब सेक्स के पहले ही इजाकुलेशन होना। यह स्थिति कपल के लिए बेहद असंतोषजनक मानी जाती है। यह सिर्फ शारीरिक सुख ही नहीं बल्कि फैमली प्लानिंग के लिए भी चिंता का विषय माना जाता है। हालांकि इस विषय पर लोग आपस में बात करना नहीं चाहते हैं, लेकिन यह पुरुषों में होने वाली सबसे सामान्य बीमारियों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि हर 3 में 2 पुरुष को इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि इसका इलाज संभव नहीं है। दरअसल हेल्थ एक्सपर्ट की माने, तो जागरूकता की कमी की वजह से भी और इस बारे बात करने से परहेज करने की वजह से ऐसी स्थिति होती है। शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) के भी अलग-अलग प्रकार हैं।
प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन के प्रकार क्या हैं?
आजीवन (Lifelong): पहले सेक्स के समय आजीवन शीघ्रपतन या प्राइमरी शीघ्र स्खलन होता है।
एक्वायर्ड (Acquired): माध्यमिक शीघ्रपतन का एक्वायर्ड शीघ्रपतन होना या पिछले समय के दौरान समस्या के बिना यौन अनुभव होने के बाद यह विकसित हो सकता है।
प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन के लक्षण क्या हैं?
प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन के मुख्य लक्षण हैं संभोग के दौरान समय से पहले एजैक्युलेट होना या पेनेट्रेशन के तुरंत बाद एजैक्युलेट होना। हालांकि यह समस्या किसी भी सेक्शुअल एक्टिविटीज में हो सकती है, मास्टरबेशन की स्थिति में भी ऐसा हो सकता है।
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प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी पद्धति से इलाज (Unani treatment for Premature Ejaculation) कैसे किया जाता है?
यूनानी दवाएं, जो पूरी तरह से हर्बल दवाएं हैं, का उपयोग शीघ्रपतन और शीघ्र निर्वहन के उपचार के लिए किया जा सकता है। ये हर्बल यूनानी दवाएं कामेच्छा बढ़ाने में मदद करती हैं, जो आदमी की सेक्स ड्राइव को बढ़ाती है और शीघ्रपतन की समस्या पर काबू पाने में मदद करती है।
सेक्स ड्राइव या कामेच्छा कई भावनात्मक और जैविक कारकों पर निर्भर करती है। यूनानी दवाएं प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन के लिए कारगर भी मानी जाती है। दरअसल शीघ्रपतन के लिए ये यूनानी दवाएं यौन संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करती हैं और सेंसेटिविटी भी बढ़ाती हैं, जिससे प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन की संभावना कम हो जाती है। यूनानी दवाएं प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनी होती हैं, जो शरीर के प्राकृतिक रक्त प्रवाह (Blood flow) को लिंग तक पहुंचाने में मदद करती हैं।
इन यूनानी दवाओं में प्राकृतिक कामोत्तेजक तत्व होते हैं, जिनका उपयोग प्राचीन काल से यौन उत्तेजना को बनाये रखने के लिए किया जाता रहा है। प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी पद्धति से इलाज करने के साथ-साथ अन्य यौन विकारों का इलाज हर्बल यूनानी दवाओं का उपयोग करके भी किया जा सकता है या इससे जुड़े हेल्थ एक्सपर्ट आपको इसकी सलाह देते हैं। क्योंकि सेक्शुअल लाइफ और प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन से छुटकारा पाने के लिए यूनानी चिकित्सा एक बेहतरीन उपाय है। प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी पद्धति से इलाज के अलावा आपको सेल्फ डिस्ट्रेक्शन के बारे में सोचना चाहिए और इस दौरान डीप ब्रीदिंग करें यानी गहरी सांस लें।
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प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन का यूनानी पद्धति से इलाज (Unani treatment for Premature Ejaculation) के साथ-साथ अपने लाइफ स्टाइल पर भी ध्यान दें। जैसे:
- सेक्स से एक दो घंटे पहले हस्तमैथुन करने से जल्दी डिस्चार्ज में देरी की जा सकती है और इस समस्या से बचा जा सकता है।
- आजकल बाजार में क्लाइमेक्स कंट्रोल कॉन्डम भी उपलब्ध हैं। यह कॉन्डम लेटेक्स मटेरियल से बने होते हैं, जिससे संवेदनशीलता घटती है और ऑर्गैज्म में देरी होती है। जिससे शीघ्रपतन की संभावना कम हो जाती है।
- उड़द की दाल और चावल की खिचड़ी बनाएं, जिसे सुबह या शाम को देसी घी के साथ खाएं। इस खिचड़ी को खाने के बाद एक गिलास गुनगुना मीठा दूध पिएं। इस खिचड़ी को लगभग एक महीने तक खाना होगा। जिससे प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन में राहत मिलेगी।
- 5 ग्राम अश्वगंधा पाउडर में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाएं। फिर गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार इसका सेवन करें। दो से तीन महीनों तक के लिए रोजाना यह पीने से प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन ठीक हो जाएगा।
- लहसुन के फायदे अनेक हैं। यह शीघ्रपतन में भी फायदा दे सकता है। इसके लिए आप हर रोज तीन से चार कच्चे लहसुन की कलियां खाएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपको प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन से राहत मिलने लगेगी।
इन उपायों को अपनाने से प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन की समस्या से निजात मिल सकता है। लेकिन सिर्फ घरेलू उपायों पर ही निर्भर ना रहें और बिना हेल्थ एक्सपर्ट के सलाह के किसी भी दवाओं या जड़ी बूटियों के सेवन से बचें।