परिचय
मायोटोनिया कोनजेनिटा (Myotonia Congenita) क्या है?
मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) एक दुर्लभ बीमारी है, जो मांसपेशियों में अकड़न का कारण बनती है। कई बार इससे कमजोरी भी आ जाती है। अकड़ी हुई मांसपेशियों की वजह से आपको चलने, खाने और बात करने में परेशानी हो सकती है। एक दोषपूर्ण जीन मायोटोनिया (Migratory arthritis) कोनजेनिटा का कारण बन सकता है। यह बीमारी आपको वंशानुगत अपने माता या पिता से मिल सकती है।
मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) दो प्रकार की होती है। बेकर (Becker Disease) सबसे सामान्य प्रकार होती है। इसके लक्षण 4 और 12 वर्ष की आयु के बीच शुरू हो जाते हैं। बेकर डिजीज की वजह से मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं, विशेषकर बाजुओं और हाथों की मसल्स कमजोर हो जाती हैं।
थॉमसन डिजीज मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) का दूसरा प्रकार है। यह बीमारी काफी दुलर्भ है। अक्सर इसके लक्षण जिंदगी के पहले कुछ महीनों और आमतौर पर 2 या 3 वर्ष की उम्र में नजर आने लगते हैं। पैरों, हाथ और आंख की पुतली की मांसपेशियों इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं।
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मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) होना कितना सामान्य है?
मांसपेशियों में अकड़न मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) यानी एक दुर्लभ बीमारी है, जो कई मामलों में वंशानुगत होती है। बेहतर होगा कि आप इसकी विस्तृत जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लें।
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लक्षण
मायोटोनिया कोनजेनिटा के क्या लक्षण हैं?
मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) का प्रमुख लक्षण मांसपेशियों में अकड़न है। सक्रिय न होने के बाद आप चलने का प्रयास करते हैं उस वक्त आपकी मांसपेशियों जकड़ जाती हैं। इस बीमारी में आपके पैरों की मांसपेशियां सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। इसके अतिरिक्त, आपके चेहरे, हाथ और शरीर के अन्य हिस्से की मसल्स भी प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, कुछ लोगों में मांसपेशियों की हल्की अकड़न नजर आती है। साथ ही कुछ लोगों में इसके लक्षण अधिक नजर आते हैं, जिससे उन्हें चलने फिरने में परेशानी होती है।
मायोटोनिया कोनजेनिटा निम्नलिखित मांसपेशियों को प्रभावित करती है:
आराम की मुद्रा के बाद जब आप चलने का प्रयास करते हैं तो इस दौरान मांसपेशियों की अकड़न और भी ज्यादा बदतर हो जाती है।
आपको निम्नलिखित स्थितियों में समस्या आ सकती है:
- बेड या कुर्सी से उठने पर
- सीढ़ियां चढ़ने पर
- चलने की कोशिश करने पर
- आंख बंद करने के बाद दोबारा आंख खोलने पर
एक बार जैसे ही आप चलने लगते हैं मांसपेशियों को राहत मिलना शुरू हो जाती है। इससे वॉर्मिंग अप कहा जाता है। अक्सर मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) से पीढ़ित लोगों में मांसपेशियां बड़ी होती हैं। बड़े आकार की यह मांसपेशियां आपको बॉडी बिल्डर का लुक दे सकती हैं, यहां तक कि आप यदि जिम या वेट लिफ्टिंग भी नहीं करते हों।
यदि आपको बेकर डिजीज है तो आपकी मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होगी। यह कमजोरी स्थाई हो सकती है। यदि आपको थॉमसन डिजीज है तो आपको सर्दियों का मौसम आपकी मांसपेशियों की हालत और बुरी कर सकती है।
इसके अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- डबल विजन
- चबाने, निगलने में परेशानी या बात करते वक्त गले की मांसपेशियों का प्रभावित होना
उपरोक्त लक्षण के अलावा भी मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इस बीमारी के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको उपरोक्त लक्षणों में से किसी का अनुभव होता है या आपके कोई सवाल हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें। हालांकि, हर व्यक्ति की बॉडी किसी भी बीमारी में अलग ढंग से प्रतिक्रिया देती है। स्थिति की बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से हमेशा सलाह लें।
कारण
मायोटोनिया कोनजेनिटा का क्या कारण (Causes of myotonia congenita)
सीएलसीएन1 (CLCN1) जीन में बदलाव आना, जिसे म्युटेशन कहा जाता है, यह बदलाव मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) बीमारी का कारण बनता है। यह जीन हमारे शरीर को एक प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है, जो मांसपेशियों को सख्त करने और राहत देने में मदद करता है। जीन में यह बदलाव आने पर मांसपेशियां बार-बार कॉन्ट्रैक्ट होने लगती हैं।
मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) को एक क्लोराइड चैनल डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। यह मांसपेशियों की कोशिका मेम्ब्रेन के बीच आयन्स (ions) के प्रवाह को प्रभावित करती हैं। आयन नकारात्मक या धनात्मक आवेशित कण होते हैं।
मसल कोशिका मेम्ब्रेन में सीएलसीएन1 क्लोराइड चैनल्स के सामान्य कार्यों को बनाए रखने में मदद करता है। यह चैनल्स स्टुमिलि के प्रति मांसपेशियों के प्रतिक्रिया देने के तरीके को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। सीएलसीएन1 में म्युटेशन होने पर यह चैनल ब्लॉकर उचित तरीके से कार्य नहीं करते हैं। इसके चलते सामान्य रूप से आपकी मांसपेशियों को आराम नहीं मिल पाता है।
इसके अतिरिक्त, बेकर डिजीज में यदि आपको वंशानुगत जीन की एक कॉपी मिली है तो आपको यह बीमारी हो सकती है। संभवतः आपकी बॉडी में इसके लक्षण न नजर आयें, लेकिन यह बीमारी आपके बच्चों में फैल सकती है। उन लोगों में मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) का कारण जीन म्युटेशन अपने आप ही हो जाता है, जिनकी पारिवारिक मेडिकल हिस्ट्री में यह बीमारी नहीं होती है।
जोखिम
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मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) से मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) से निम्नलिखित सम्सयाएं हो सकती हैं:
- निगलने या बोलने में परेशानी
- मासपेशियों में कमजोरी
मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) से पीढ़ित लोगों की बॉडी एनेस्थीसिया के प्रति ज्यादा प्रतिक्रिया देती है। यदि आपको या आपके बच्चे को यह बीमारी है और आप सर्जरी कराने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मायोटोनिया कोनजेनिटा का निदान (Diagnosis of myotonia congenita) कैसे किया जाता है?
निम्नलिखित तरीकों से मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) का पता लगाया जाता है:
- आमतौर पर बचपन में इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। बाल विशेषज्ञ मांसपेशियों की अकड़न का पता लगाने के लिए जांच कर सकता है। डॉक्टर आपके परिवार और बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री के संबंध में जानकारी मांग सकता है।
जांच में निम्नलिखित तरीकों से मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) का निदान किया जाता है:
- डॉक्टर किसी वस्तु को पकड़ने और फिर छोड़ने के लिए कह सकता है।
- डॉक्टर बच्चे की मांसपेशियों में एक हैमर नुमा डिवाइस परक्युसर लगाएगा, इससे बच्चे की मांसपेशियों के रिफ्लेक्सेस की जांच की जाएगी।
- मांसपेशियों के टेंस और आराम की मुद्रा में रहने पर उसमें इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोमायोग्राफी (electromyography) (EMG) की जा सकती है।
- डॉक्टर एक ब्लड टेस्ट के जरिए बॉडी में क्रेटीन किनेस (creatine kinase) एंजायम के हाई लेवल की जांच कर सकता है। यह एंजायम मांसपेशियों के क्षतिग्रस्त होने का संकेत होता है।
- डॉक्टर मासपेशियों में से एक छोटा ऊत्तक निकाल सकता है। इस ऊत्तक की जांच सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) में की जाती है। इस प्रक्रिया को मसल बायोप्सी कहा जाता है।
- CLCN1 जीन की जांच करने के लिए डॉक्टर जीन टेस्ट भी कर सकता है। इससे इस बात की पुष्टि हो सकती है कि आपके बच्चे को यह बीमारी है या नहीं।
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मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) का उपचार कैसे किया जाता है?
मायोटोनिया का इलाज करने के लिए निम्नलिखित लोगों का समूह कार्य करता है:
- बाल विशेषज्ञ
- ऑर्थोपेडिस्ट, जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों की समस्या का एक विशेषज्ञ होता है।
- फिजिकल थेरेपिस्ट
- जेनेटाइसिटिस (Geneticist) या जेनेटिक काउंसलर
- न्यूरोलॉजिस्ट एक डॉक्टर होता है, जो तंत्रिका तंत्र की समस्याओं का इलाज करता है।
मायोटोनिया कोनजेनिटा का इलाज इसके विशेष लक्षणों के हिसाब से होता है। इसके इलाज में दवाइयों और एक्सरसाइज को शामिल किया जाता है, जो अकड़ी हुई मांसपेशियों को ढीला करती हैं। इस बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली ज्यादातर दवाइयां अनुभव के आधार पर इस्तेमाल की जाती हैं। इसलिए यह दवाइयां ऑफ लेबल होती हैं।
मांसपेशियों में राहत प्रदान करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित दवाइयों का सुझाव दे सकता है:
- सोडियम चैनल ब्लॉकिंग दवाइयां जैसे मेक्सिलेटाइन (mexiletine)
- एंटीसीजयर (Antiseizure) जैसे कार्बामाजेपाइन (टेग्रोटोल) carbamazepine (Tegretol), फायोटोइन (डिलानटिन, फेनयाटेक) phenytoin (Dilantin, Phenytek), और एसेटाजोलामाइड (डिआमोक्स) acetazolamide (Diamox)
- मांसपेशियों को राहत देने वाली दवाइयां जैसे डानट्रोलेन (डानट्रिअम) dantrolene (Dantrium)
- एंटीमलेरियल दवा क्विनाइन (क्विआलाक्विन) quinine (Qualaquin)
- एंटीहिस्टामाइन जैसे ट्रिमेप्राजाइन (टेमारिल) trimeprazine (Temaril)
यदि मायोटोनिया कोनजेनिटा (Migratory arthritis) बीमारी आपको वंशानुगत है तो आप जेनेटिक काउंसलर से परामर्श लेने पर विचार कर सकते हैं। काउंसलर आपकी पारिवारिक मेडिकल हिस्ट्री देख सकता है। बच्चों में इस बीमारी के फैलने के खतरे की जांच करने के लिए वह CLCN1 जीन के लिए एक ब्लड टेस्ट कर सकता है।
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घरेलू उपाय
जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे मायोटोनिया कोनजेनिटा को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
मांसपेशियों में अकड़न की बीमारी का कोई भी घरेलू उपाय या रोकथाम का तरीका उपलब्ध नहीं है। यदि आप इस बीमारी के उच्च जोखिम में हैं और आप गर्भधारण करने जा रही हैं तो इससे पहले जेनेटिक काउंसलर से सलाह अवश्य लें।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या इलाज मुहैया नहीं कराता।