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जीभ की सही पुजिशन न होने से हो सकती हैं ये समस्याएं

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/09/2020

    जीभ की सही पुजिशन न होने से हो सकती हैं ये समस्याएं

    जीभ का मुंह में सही प्लेसमेंट और एक आरामदायक पुजिशन में होना टंग पोस्चर के अंतर्गत आता है। जैसे शरीर के बाकी अंगों का सही पोस्चर होना जरूरी है, उसी प्रकार जीभ की सही पुजिशन होना भी बेहद जरूरी है। जीभ की सही पुजिशन से जीभ (ओरल) की कई बीमारियों से बचा सकती है। “हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में सही टंग पोस्चर (Tongue Posture) यानी जीभ की सही पुजिशन से जुड़े कई सवालों का जवाब मिलेंगे।

    जीभ की सही पुजिशन (Tongue Posture) क्या है?

    आपकी जीभ जब आपके मुंह के ऊपरी हिस्से (तालु) से सटी हुई होती है, तो उस समय जीभ का पोस्चर एकदम सही माना जाता है। ऐसे में जीभ, आपके आगे के दांतों से लगभग आधा इंच पीछे होती है। सही पोस्चर के समय, जीभ और मुंह के ऊपरी हिस्से में कोई दबाव नहीं होना चाहिए। साथ ही आपके ऊपरी और निचले दांतों में थोड़ा गैप होना चाहिए। यदि, आपकी जीभ दांतों के बीच में दबाव डाले, तो ऐसे में दांतों की संरेखण (एलाइनमेंट) में समस्या आ सकती है।

    लंदन के 92 डेंटल के डेंटिस्ट डॉ रॉन बैस ने बताया कि “आराम करते समय आपकी जीभ, मुंह के निचले हिस्से को न छूते हुए, मुंह के ऊपरी हिस्से को छूनी चाहिए। जीभ के आगे का हिस्सा सामने के दांतों से लगभग आधा इंच दूर होना चाहिए। इसके अलावा, जीभ को तालु के जरिए आराम दे।’

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    टंग रेस्टिंग पुजिशन क्यों महत्वपूर्ण है?

    हालांकि, आपकी जीभ की सही पुजिशन स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से तो उचित नहीं हो सकती है। लेकिन, जीभ की सही पुजिशन रखने के कुछ लाभ हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार “सही टंग रेस्टिंग पुजिशन से दांतों का एलाइनमेंट एकदम ठीक से होता है। वहीं, जीभ का पोस्चर अगर गलत है तो दांतों का एलाइनमेंट बिगड़ सकता है।

    इसके अलावा, जीभ का गलत तालु का कारण बन सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि केवल तालु को चौड़ा करने से ऊपरी हिस्से पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर बच्चों और युवा वयस्कों में। सही टंग रेस्टिंग पुजिशन से स्लीप एपनिया (sleep apnea) से पीड़ित बच्चों में नाक में किसी तरह की परेशानी हो तो वो भी कम हो सकती है।

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    क्या टंग पोस्चर चीकबोन्स और फेशियल एक्सप्रेशन (Facial Expression) को प्रभावित कर सकता है?

    टंग पोस्चर आपके चीकबोन्स और फेशियल एक्सप्रेशन (Facial Expression) पर प्रभाव डालता है। साथ ही यह आपके शरीर द्वारा अपनाया गया एक निवारक उपाय (प्रिवेंटिव मेजर) है।

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    यह कैसे काम करता है?

    जीभ की सही पुजिशन न होने की वजह से जबड़े के छोटे होने का कारण बन सकती है। इसी वजह से जबड़े और चीकबोन्स को कम सपोर्ट मिलता है। नतीजतन, आपकी ठोड़ी और चीकबोन्स सही से उभर नहीं पाते हैं।

    हालांकि, इसके विपरीत प्रभावों पर कोई भी शोध नहीं किया गया है जिसमें यह बताया गया हो कि सही टंग पोस्चर से वयस्कों में तालु को चौड़ा किया जा सके या उनके फेशियल स्ट्रक्चर में कोई बदलाव लाया जा सके। कुछ लोग “म्यूिंग’ जैसी विधि के निरंतर अभ्यास से तालु को चौड़ा किया जाने का पक्ष लेते हैं। लेकिन, इस टेक्निक के समर्थन में कोई भी रिसर्च अभी तक नहीं की गई है।

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    गलत टंग पोस्चर से होने वाली समस्याओं के संकेत

    भले ही सही टंग पोस्चर (Tongue Posture) का आपके चीकबोन्स या चेहरे के आकार पर कोई प्रभाव पड़े। लेकिन, यह स्पष्ट है कि जीभ की मुद्रा (Tongue Position) सही न होने के कारण कुछ समस्याएं पैदा हो सकती है।

    इनमें से सबसे आम “ओपन बाइट’ है जिसमें सामने के दांतों के बीच में गैप आ जाता है। ऐसा जीभ द्वारा सामने के दांतों के पीछे से पड़ने वाले लगातार दबाव के कारण होता है। यह सामने के दांतों को उनकी सही जगह पर आने में बाधा उत्पन्न करता है।

    जीभ की सही पुजिशन न होने से ये कुछ समस्याएं हो सकती हैं:

    • बोलने में बाधा (स्पीच इम्पेडमन्ट्स)

    खर्राटे और स्लीप एपनिया

    दांतों का घिसना

    • टंग थ्रस्ट

    मुंह से सांस लेना

    टंग थ्रस्ट और मुंह से सांस लेना, दोनों ही अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। टंग थ्रस्ट, दांतों और स्पीच से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। दूसरी ओर, मुंह से सांस लेने से मुंह से दुर्गंध आ सकती है। साथ ही नींद संबंधी विकार (Sleep Disorder) और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर (ADHD) विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

    टंग पोस्चर व्यायाम (Tongue Exercises)

    यदि आप अपनी जीभ की मुद्रा में सुधार करना चाहते हैं, तो घर पर ही इसका अभ्यास शुरू करें। इस बात का ध्यान रखें कि जिस समय आप अपनी जीभ का उपयोग नहीं कर रहे है, वह आपके मुंह में किस जगह पर रहती है। अधिक जागरूक रहने की कोशिश करें और उचित जीभ मुद्रा में संलग्न होने का अभ्यास करें।

    यहां सही टंग पोस्चर सीखने के लिए एक सरल व्यायाम है:

  • अपनी जीभ की नोक को अपने तालु (आगे के दांतों की जड़ पे पास) पर लगाएं।
  • सक्शन का उपयोग कर, अपनी जीभ के बाकी हिस्सों को अपने तालु (मुंह का ऊपरी हिस्से) पर लगा के खींचें।
  • अपने मुंह को बंद होने दें।
  • पोस्चर को उसी स्तिथि में रोकें और सामान्य रूप से सांस लें।
  • इसे पूरे दिन में कई बार दोहराने की कोशिश करें। खासकर जब आप इस बारे में अधिक जागरूक हो जाते हैं कि आपकी जीभ मुंह में कैसे रेस्ट कर रही है।

    जीभ की सही पुजिशन तालु के उचित बनाए रखने में मदद करता है। ऐसा कोई शोध नहीं है जो यह सुझाव देता हो कि वयस्क अपने तालू को चौड़ा करने या अपने चेहरे की संरचना को बदलने के लिए उचित टंग पोस्चर कर सकते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि यह फायदेमंद नहीं है। जीभ का सही पोस्चर आपको कई स्वास्थ्य मुद्दों से बचने में मदद कर सकता है, जिसमें दांतों का गलत एलाइनमेंट, टंग थ्रस्ट और मुंह से सांस लेना शामिल है। यदि आप इनमें से किसी भी समस्या से परेशान हैं, तो जरूर अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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