भारतीय किचन में शहद (Honey) का उपयोग प्राचीन समय से ही होता रहा है। यह ना सिर्फ खाने के लिए, बल्कि एक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका मीठा स्वाद और औषधीय गुण आपको कई फायदे देता है, जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने के काम आता है। लेकिन जब बात हो नन्हे शिशु (Newborn baby) की, तो शहद का इस्तेमाल सोच समझ कर किया जाना चाहिए। शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) का इस्तेमाल किया जाना सही है या गलत, इसके बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं शिशु के लिए शहद कितना सही है।
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शिशु के लिए शहद कितना सही? (Honey for newborn baby)
शिशु (Newborn baby) के जन्म के बाद उसका पहला साल बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जन्म के 6 महीने बाद ही शिशु को अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ खाने की आदत डाली जाती है। हालांकि किसी भी मां के लिए शिशु को नए खाने से रूबरू करवाना अपने आप में एक नया अनुभव हो सकता है, लेकिन इस दौरान ख्याल रखने वाली बात यह होती है कि शिशु को इन खाद्य पदार्थों से समस्या का सामना ना करना पड़े। शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) अपने आप में एक बेहतर खाद्य पदार्थ माना जाता है। यह स्वाद में मीठा और माइल्ड टैक्स्चर के साथ होता है, जो बच्चों को बेहद पसंद आता है। शिशु के लिए शहद (Honey) का इस्तेमाल बच्चे के पहले साल के बाद किया जा सकता है। इसे बच्चे की डायट में जोड़कर आप कई खाद्य पदार्थों का स्वाद दुगना कर सकते हैं।
साथ ही शिशु के लिए शहद (Honey) आप कई तरह से चुन सकते हैं, जिसमें आमतौर पर मिलने वाला शहद, अनपास्चराइज्ड शहद और लोकल मार्केट में मिलने वाला शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा आप उन खाद्य पदार्थों को भी चुन सकते हैं, जो शहद के साथ आसानी से दिए जा सकते हैं। लेकिन शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) का इस्तेमाल करने से पहले आपको इससे जुड़े रिस्क के बारे में भी पढ़ लेना चाहिए। आइए जानते हैं शिशु के लिए शहद का इस्तेमाल करने से आपको कौन से रिस्क का सामना करना पड़ सकता है।
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शिशु के लिए शहद : हो सकता है ये रिस्क फैक्टर (Risk factor of Honey for newborn baby)
शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) का इस्तेमाल करने से पहले आपको एक समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जिसका नाम है इन्फेंट बॉटुलिज्म (Infant botulism)। यह आमतौर पर 6 महीने के बच्चों में दिखाई देता है। यह कंडिशन रेयर मानी जाती है, जो कई बार डॉक्टरों की पकड़ में नहीं आती। इन्फेंट बॉटुलिज्म क्लॉस्ट्रीडियम (Botulism clostridium) बॉटुलिनम नामक बीजाणु को खाने से होता है, जो आमतौर पर मिट्टी, शहद और शहद (Honey) से जुड़े खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है। यह बिजाणु बैक्टीरिया में तब्दील होकर बच्चे के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। यह एक सीरियस कंडिशन मानी जाती है, जिसके लिए बच्चों को इलाज की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा बाजार में मिलने वाले अलग-अलग तरह के सिरप से भी बॉटुलिज्म की समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं बॉटुलिज्म के लक्षणों के बारे में।
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क्या हैं इन्फेंट बॉटुलिज्म के लक्षण? (Symptoms of Infant botulism)
जैसा कि आपने जाना बॉटुलिज्म (Infant botulism) शिशु में होने वाली एक गंभीर समस्या मानी जाती है, जिससे उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है और उन्हें पेट संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। यदि इसका समय पर इलाज न कराया जाए, तो यह बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बॉटुलिज्म की समस्या होने पर आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- कमजोरी होना
- खाना ना खाना
- कॉन्स्टिपेशन होना
- सुस्ती होना
इसके अलावा बॉटुलिज्म (Infant botulism) की समस्या होने पर बच्चा लंबे समय तक परेशान रहता है और उसे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। कुछ बच्चों में बॉटुलिज्म के कारण सीजर्स की दिक्कत भी होती है। बॉटुलिज्म की समस्या होने पर इसके लक्षण 12 से 36 घंटे के बाद दिखाई देते हैं। आमतौर पर यह लक्षण कॉन्स्टिपेशन (Constipation) के रूप में सामने आते हैं। कुछ शिशुओं में बॉटुलिज्म (Infant botulism) के लक्षण 14 दिनों के बाद दिखाई देते हैं, जिसकी वजह से बच्चा लंबे समय तक परेशान रह सकता है। इसलिए शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) का इस्तेमाल करने के बाद यदि बच्चे को इस तरह के लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए। सही डायग्नोसिस के बाद आपके बच्चे का तुरंत ट्रीटमेंट किया जाना चाहिए। यदि समय के साथ लक्षण गंभीर होते हुए दिखाई दे रहे हों, तो आपको इमरजेंसी केयर का इस्तेमाल करना चाहिए। शिशु के लिए शहद का इस्तेमाल करने के रिस्क हो सकते हैं, लेकिन इसके फायदे भी कई हैं। आइए अब जानते हैं शिशु के लिए शहद (Honey) के क्या फायदे हो सकते हैं।
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शिशु के लिए शहद : फायदे हैं अनगिनत (Benefits of Honey for newborn baby)
जैसा कि आप जानते हैं शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) फायदेमंद माना जाता है। इसलिए लंबे समय तक माएं अपने बच्चे को शहद का सेवन करवाती है। शिशु के लिए शहद कई पोषक तत्वों की खान माना जाता है, जिसे बच्चा बड़े चाव से खाता है। शिशु के लिए शहद का इस्तेमाल 1 साल के बाद किया जाना चाहिए, जिसके बाद इसके पोषक तत्व बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट में मददगार साबित हो सकें। शिशु के लिए शहद (Honey) के इस्तेमाल से आपको ये पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं –
इसके अलावा शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) में विटामिन बी और विटामिन सी (Vitamin C) की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। शहद आम शुगर की तुलना में ज्यादा मीठा होता है, इसलिए आपको कम मात्रा में ज्यादा फ्लेवर और मिठास मिल जाती है।
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इसके अलावा शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) के इस्तेमाल से आपको यह फायदे भी हो सकते हैं –
बच्चों को अक्सर खांसी और कफ की समस्या होती है, ऐसी स्थिति में शिशु के लिए शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन शिशु के लिए शहद का इस्तेमाल जन्म के 12 महीने के बाद ही किया जाना चाहिए।
इसके अलावा शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) का इस्तेमाल घाव भरने के लिए भी किया जा सकता है। यह आपके शिशु के इम्यूनिटी को बढ़ाता है और शारीरिक समस्याओं से लड़ने में मदद करता है।
शिशु के लिए शहद (Honey) का इस्तेमाल करने से पहले आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप प्रोसेस्ड शहद (Processed honey) का इस्तेमाल ना करें। प्रोसेस्ड शहद की न्यूट्रीशनल वैल्यू कम हो जाती है, जिसकी वजह से शिशु को वह सारे पोषक तत्व नहीं मिलते, जो उसे शहद से मिलने चाहिए। इसलिए सोच समझकर शिशु के लिए शहद का चुनाव करना चाहिए। आइए अब जानते हैं शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) कौन सा बेहतर माना जाता है।
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शिशु के लिए शहद : बेहतर शहद चुनना है जरूरी (Choosing Honey for newborn baby)
जैसा कि आप जानते हैं, प्रक्रतिक और रॉ शहद (Honey) फिल्टर किया हुआ नहीं होता। यह सीधे बीहाइव (Beehive) से आता है और इसमें भरपूर मात्रा में प्राकृतिक विटामिंस, मिनरल्स और दूसरे हेल्दी कंपाउंड्स पाए जाते हैं। इसलिए शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) का चुनाव करने से पहले आपको प्राकृतिक शहद के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए। लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्राकृतिक शहद शिशु के लिए बॉटुलिज्म (Infant botulism) का कारण बन सकता है, इसलिए शिशु के लिए शहद का चुनाव सोच समझ कर करना आपके लिए फायदेमंद होगा।
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शिशु के खाने में शहद (Honey) का इस्तेमाल हमेशा ही फायदेमंद साबित होता है, लेकिन आपको शिशु की उम्र का खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। जन्म के 12 महीने बाद यानी 1 साल की उम्र के बाद ही शिशु के लिए शहद का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। साथ ही साथ शिशु के लिए शहद का चुनाव करने से पहले सही रिसर्च करना बेहद जरूरी है, इसलिए हमेशा शिशु के लिए शहद (Honey for newborn baby) का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर शिशु की जरूरत के अनुसार सीमित मात्रा में शहद देने की सलाह दे सकते हैं, जो आपके बच्चे की सेहत के लिए बेहतर माना जाएगा।
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