स्कूल से घर आने के बाद नीता हर दिन की तरह अपने बच्चे को फ्रेश करा के उसका होमवर्क खत्म करने में उसकी मदद करती है। वो हर दिन अपने बच्चे को 1 से 50 तक की गिनती और A, B, C, D याद कराती है। लेकिन, हर बार उसका बच्चा कुछ ही देर में सारी रटी-रटाई चीजें भूल जाता है। कई बार नीता बच्चों में भूलने की बीमारी की इस आदत पर चिढ़ भी जाती है, लेकिन फिर बच्चा समझकर खुद को शांत कर लेती है। वैसे नीता की ही तरह यह समस्या हर मां की अपनी समस्या होती है। बच्चों में भूलने की बीमारी (Amnesia in children) की इस आदत को वो ठीक करने के लिए भी कुछ नहीं कर सकती हैं।
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जन्म के बाद बच्चों में ब्रेन का विकास लगभग आठ साल तक की उम्र तक होता रहता है। हालांकि, छोटे बच्चों में भूलने की समस्या भी काफी देखी जाती है। छोटे बच्चे अक्सर दो घंटे पहले या कुछ ही मिनट पहले बताई गई बातों को भी भूल जाते हैं। कुछ बच्चों में भूलने की बीमारी (Amnesia in children) किसी गंभीर बीमारी या मेंटल प्रॉब्लम की वजह से हो सकती है, तो कुछ बच्चों में भूलने की बीमारी (Amnesia in children) उनकी लापरवाही की आदत की वजह से भी हो सकती है। हालांकि, अगर बच्चों की भूलने की आदत सिर्फ एक लापरवाही ही होती है, तो वह उम्र के साथ-साथ सुधर सकती है। लेकिन अगर यह किसी मानसिक समस्या के कारण होती है, तो इसमें बच्चे का बहुत ध्यान रखना जरूरी होता है।
बच्चों में भूलने की बीमारी से होने वाली परेशानियां
छोटे बच्चों की ही तरह कई बार बड़े बच्चों में भी भूलने की बीमारी भी देखी जाती है। जैसे, उनकी स्कूल ड्रेस कहां रखी हुई है, उनकी किताबें कहां पर पड़ी हैं, हर बार सॉक्स जूते की जगह किसी टेबल पर रख कर भूल जाना, टीफीन पैक होने के बाद भी टीफीन ले जाना भूल जाना। ऐसी ही कई आदतें हैं, जो माता-पिता को काफी चिड़चिड़ा भी बना सकती हैं। इसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी अक्सर एक मां को ही उठानी होती है। बच्चे की हर छोटी-छोटी बात याद रखना, होमवर्क से लेकर पेरेंट्स मीटिंग की तारीख अक्सर सारे काम मम्मी के ही कंधों पर होती है। कई बार बच्चों में भूलने की बीमारी(Amnesia in children) के कारण माता-पिता उनकी पिटाई भी कर देते हैं। हालांकि, इससे भी बच्चों में भूलने की बीमारी (Amnesia in children) का कुछ उपाय नहीं मिलता है। कई बार तो बच्चों में भूलने की बीमारी के कारण मां-पिता मानसिक रूप से भी परेशान हो सकते हैं। जिसके कारण ऑफिस या घर के कामों में भी उन्हें मन लगाने में परेशानी होने लगती है। उनके मन में एक तरह का डर बैठ सकता है कि उनका बच्चा अपनी इस भूलने की आदत की वजह से कहीं कभी किसी मुश्किल में न पड़ जाए।
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कैसे सुधारे बच्चों में भूलने की बीमारी (Amnesia in children)
अगर भूलने की बीमारी की आदत सुधारनी है, तो सबसे पहले आपको इस बात का पता लगाना है कि, आपके बच्चे में भूलने की आदत क्यों हैं, क्या यह किसी मानिसक समस्या से जुड़ी है या यह सामान्य छोटे बच्चों की ही तरह उसकी भी एक स्थिति हैं। अगर यह किसी मानसिक स्थिति से जुड़ी हुई हो, तो इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि, बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ ही उसकी मानसिक बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सके।
बच्चों में भूलने की बीमारी: बच्चों की भूलने की आदत सुधारने के तरीके
अगर बच्चों में भूलने की बीमारी (Amnesia in children) उनकी एक सामान्य आदत है, तो आप कुछ विशेषज्ञों और निम्न बातों का ध्यान रख कर उनकी इस आदत में सुधार ला सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
बच्चे के डांटे या मारे नहीं
अगर आपका बच्चा बार-बार बताई गई एक ही बात को भूल जाता है, तो इसके लिए उसे डांटे या मारे नहीं। क्योंकि इस उम्र में बताई गई बातों का भूलना काफी स्वाभाविक हो सकता है। अगर आप बच्चे की इस आदत के कारण उसे किसी तरह से सजा या दंड देंगे, तो इससे आपके और आपके बच्चे के निजी रिश्ते खराब हो सकते हैं। आपका बच्चा आपसे बात करने में भी डर महसूस कर सकता है। जिसके कारण उसकी भूलने की आदत और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
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बच्चों में भूलने की बीमारी से छुड़ाना है पीछा तो थोड़ा-थोड़ा पढ़ाएं
मान लीजिए, आपको बच्चे को आज के होमवर्क में 1 से 20 तक की गिनती याद करने के लिए दिया गया है। तो इसे बच्चे को एक बार में न याद कराएं। इसके लिए आप दिन के कुछ समय को दो से तीन अंतराल में बांट सकते हैं। जैसे, सबसे पहले तय किए गए समय में बच्चे को सिर्फ 1 से 10 तक की ही गिनती याद कराएं। इसके बाद अगले दिन दिये गए समय में बच्चे को 11 से 20 तक की गिनती याद कराएं। अगर इसके बाद भी आपने कोई समय तय किया है, तो उस समय में उनसे इसका रिविजन करवाएं।
बच्चों में भूलने की बीमारी से छुड़ाना है पीछा तो तस्वीरों की मदद लें
बच्चों के कुछ भी बहुत जल्दी याद करवानें या याद रखने के लिए आप तस्वीरों की मदद लें सकते हैं। जैसे, अगर बच्चे को किसी चीज का नाम याद रखना है, तो उसे उस चीज का नाम उसकी तस्वीर के साथ दिखाते हुए बताएं।
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आकार और रंग की भी ले मदद
बच्चों में भूलने की बीमारी (Amnesia in children) सुधारने के लिए आपको कुछ काम करने की जरूरत है। अगर बच्चों की भूलने की आदत सुधारनी हैं, तो उन्हें चीजों को याद दिलाने के लिए उसके आकार और रंग के बारे में बताते हुए याद दिलाएं। जैसे, आपने अपने बच्चे को कई सामान घर में रखने या किसी को देने के लिए दी थी। लेकिन, उसे यह बिल्कुल भी याद नहीं रहता है, तो उसे उस सामान को याद दिलाने के लिए समय और स्थान की जगह बच्चे को उस वस्तु का आकार और रंग याद दिलाते हुए समझाने की कोशिश करें। इससे बच्चे को आसानी से वह वस्तु याद आ सकती है। जब बच्चे को वह याद आ जाए, तो आप जरूर के मुताबिक, बच्चे को उस वस्तु का नाम और अन्य बातों की भी जानकारी दे सकते हैं। जैसे वह क्या है, उसका इस्तेमाल किस लिए किया जाता है, आदि। इससे बच्चे को कुछ नया जानने का मौका मिलेगा और आपको भी इसका अनुभव हो सकता है कि आकार और रंग से आपके बच्चे की याददाश्त बढ़ाने में कितने मददगार हो सकते हैं।
बच्चों में भूलने की बीमारी: बार-बार बच्चे की गलती याद न दिलाएं
अगर आपने बच्चे को ही बात दस बार बताई हो लेकिन वह फिर भी उसे याद नहीं कर पा रहा है, तो उसे यह न बोलें की आपने उसे वह बात दस बार बताई है। अलग-अलग तरीकों से उसे याद दिलाने की कोशिश करें अगर इसके बाद भी उसे याद नहीं आता है, तो फिर आप उसे इस बार भी वो बात बता दें।
बच्चों में भूलने की बीमारी से छुड़ाना है पीछा: गेम्स खेलें
ऐसे कई तरह के गेम्स हैं, जो बच्चे की याददाश्त को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। तो आप अपने बच्चे की भूलने की आदत के लिए उसके साथ इस तरह के गेम्स भी खेल सकते हैं। इन गेम्स के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारा ‘बच्चों के लिए ब्रेन स्टॉर्मिंग इनडोर गेम्स‘ आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं। इसे पढ़ने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर
बच्चों में भूलने की बीमारी से संबंधित कोई प्रश्न या जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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