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चिकनपॉक्स की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है इस वैक्सीन का इस्तेमाल!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/12/2021

    चिकनपॉक्स की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है इस वैक्सीन का इस्तेमाल!

    चिकनपॉक्स के शरीर में ब्लिस्टर या फिर लाल दाने दिखाई पड़ते हैं। ये एक प्रकार के वायरस के कारण होने वाली बीमारी है, जिसका असर पूरे शरीर और चेहरे पर भी दिखाई पड़ता है। जिन पेरेंट्स ने बच्चों का वैक्सिनेशन नहीं करवाया होता है, उनमें ये संक्रमण आसानी से देखने को मिल सकता है। चिकनपॉक्स हर्पिस वायरस के कारण फैलने वाला इंफेक्शन है। अगर समय रहते इस बीमारी का वैक्सीनेशन न कराया जाए, तो वयस्कों में दाद के रूप में दिखती है, जो कि दर्द का कारण बनती है। वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है, जिसे इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है। वेरीपेड वैक्सीन लगवाते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए और इस वैक्सीन के क्या साइड इफेक्ट होते हैं, हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी देंगे।

    वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) क्या है?

    वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है, जिसका इस्तेमाल वायरल इंफेक्शन चिकनपॉक्स से बच्चों और वयस्कों को बचाने के लिए किया जाता है। वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) की डोज पेशेंट की एज, जेंडर और मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार तय की जाती है। ये वैक्सीन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं ली जाती है। वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) को 12 महीने और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों दिया जा सकता है। इसका सेकेंड डोज 3 महीने के बाद दिया जाता है। चिकनपॉक्स वैक्सीन लगाने से बच्चों को प्रोटक्शन मिलता है और ये एक प्रकार की वायरस से डिफेंस होती है। वैक्सीन लगाने के बाद जब भी वायरस बच्चे पर अटैक करता है, तो इम्यून सिस्टम (Immune system) यानी प्रतिरोध क्षमता उस बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती है। वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) लेने के बाद शरीर में एंटीबाडीज प्रोटीन्स बनती हैं, जो बीमारी से लड़कर बच्चों को सुरक्षा प्रदान करती हैं। जानिए चिकनपॉक्स होने पर बच्चों में क्या लक्षण नजर आ सकते हैं।

    बच्चों में चिकनपॉक्स की समस्या होने पर निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं।

    अगर आपने बच्चे को वैक्सीन नहीं लगवाई और बच्चे में दिए गए उपरोक्त लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    और पढ़ें:बच्चों के लिए फ्लू का टीका क्यों होता है जरूरी औ रखनी चाहिए कौन सी सावधानियां?

    वेरीपेड वैक्सीन का इस्तेमाल (Use of Varipad Vaccine)

    वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) डॉक्टर या फिर नर्स द्वारा दी जाती है। इस वैक्सीन को अपने आप नहीं लिया जा सकता है। वैक्सीन देने के बाद शरीर में माइल्ड इंफेक्शन होता है, जो इम्यूनिटी डेवलप करने का काम करता है। माइल्ड इंफेक्शन से किसी तरह की समस्या या बीमारी नहीं होती है। वैक्सीन लेने के बाद आप खुद को भविष्य में चिकनपॉक्स के इंफेक्शन से बचा सकते हैं।

    क्या प्रेग्नेंसी में सुरक्षित है ये वैक्सीन?

    प्रेग्नेंसी के दौरान वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) लेने की सलाह नहीं दी जाती है। डेवलपिंग बेबी के लिए वेरीपेड वैक्सीन खतरनाक साबित हो सकती है। आपको इस संबंध में डॉक्टर से अधिक जानकारी लेनी चाहिए।

    न करें शराब का सेवन

    एडल्ट्स या वयस्कों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वैक्सीन (Variped vaccine)  लेने के बाद एल्कोहॉल का सेवन नहीं करना चाहिए। एल्कोहॉल का सेवन करने से दुष्प्रभाव दिखाई पड़ सकते हैं।

    और पढ़ें: बच्चों को DTaP वैक्सीन के लिए दिए जाते हैं ये डोज, जानिए क्यों हैं ये जरूरी?

    बीमारी के दौरान कराएं वैक्सिनेशन या नहीं?

    अगर आपके बच्चे या फिर आपको किसी प्रकार की समस्या है, तो आपको डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए। डॉक्टर बीमारी के बारे में विस्तार से जानने के बाद ही वैक्सीन लेने या फिर न लेने के बारे में निर्णय लेते हैं। अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो भी आपको इस बारे में डॉक्टर को जानकारी जरूर देनी चाहिए।

    वेरीपेड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Varipad Vaccine Side Effects)

    वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है। बच्चे या फिर वयस्क को जिस स्थान में इंजेक्शन लगाया गया है, उस स्थान में हल्का दर्द, सूजन और लालिमा, रैशेज (Rash) के साथ ही लो-ग्रेड फीवर की समस्या भी हो सकती है। आमतौर पर ये समस्या कुछ समय बाद ठीक हो जाती है। अगर बच्चे को वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) लगवाने के बाद ये लक्षण दिखते हैं, तो आपको इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। कुछ लोगों में ये लक्षण अपने आप नहीं जाते हैं और समय के साथ ही स्थिति गंभीर भी हो सकती है। डॉक्टर इन लक्षणों को कम करने के लिए कुछ दवाएं लिख सकते हैं। अगर आपके बच्चे को कोई बीमारी हो, तो वैक्सीन से पहले उस बारे में डॉक्टर को जानकारी जरूर दें और साथ ही आप उन दवाओं के बारे में भी बताएं, जो आप बच्चे को फिलहाल खिला रही हैं। प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को टीका लगाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए और फिर वैक्सीन लगवानी चाहिए।

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    वेरीपेड वैक्सीन: समय पर वैक्सीन के साथ ही इन बातों का रखें ध्यान

    बच्चे को सही समय पर वैक्सीन लगवाने के साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि अगर बच्चे को चिकनपॉक्स (Chickenpox) हो गया है, तो आपको क्या सावधानी रखनी चाहिए। ऐसे में बच्चों को बुखार के साथ ही चिड़चिड़ाहट बहुत होती है। बच्चों का ख्याल रखने के साथ ही आपको अधिक साफ-सफाई भी रखनी होगी, ताकि घर में अन्य किसी को इस समस्या से न गुजरना पड़े। जानिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में।

    • अगर घर में किसी को भी चिकनपॉक्स की समस्या हो गई है, तो डॉक्टर को दिखाएं और साथ ही नीचे दी गई बातों पर भी ध्यान दें।
    • बच्चे के बिस्तर की रोजाना सफाई करें और साथ ही अपने हाथों को भी धुलें।
    • ऐसे में बच्चों के नेल्स की सफाई के साथ ही खुद के नेल्स की भी सफाई करें, ताकि इंफेक्शन (Infection) न फैले।
    • बच्चे को अगर तेज बुखार लग रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर को इस बारे में जानकारी दें।
    • डॉक्टर आपको खुजली (Itching) को कम करने के लिए कैलेमाइन लोशन देंगे, इससे काफी राहत मिलती है।
    • आप चाहे तो बच्चें को नहलाते समय नीम की पत्तियों को पानी में उबाले के बाद पानी को ठंडा कर इस्तेमाल कर सकते हैं।

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    बच्चों का वैक्सिनेशन बहुत जरूरी होता है। बच्चे के जन्म के बाद आप डॉक्टर से वैक्सिनेशन कार्ड जरूर लें। वैक्सिनेशन कार्ड में दिए गए वैक्सीन को तय समय पर जरूर लगवाएं। अगर आपको वैक्सिनेशन डेट को लेकर कोई भी समस्या हो, तो डॉक्टर से जरूर पूछ लें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह उपलब्ध नहीं कराता है। डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी सावधानियों का पालन करें।

    हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से वेरीपेड वैक्सीन (Variped vaccine) के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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