मेरी बिल्डिंग में रहने वाली अंकिता सिसोदिया एक टीचर हैं। शादी के बाद उन्हें मुंबई आना पड़ा और फिर एक बच्चे के जन्म के बाद उन्हें अपनी नौकरी छोडनी पड़ी। नौकरी छोड़ने का अफसोस कभी नहीं रहा अंकिता को। लेकिन, बच्चे के स्कूल जाने के बाद वह सिर्फ बच्चे के ही बारे में सोचती रहती हैं। वो कहती हैं कि कई बार तो चिंता से सिर दर्द भी होने लगता है, क्योंकि मन में एक डर लगा रहता है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स खुद भी समझना जरूरी है और बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स (Safety tips for kids) क्यों जरूरी यह भी उन्हें यानी बच्चों को समझाना जरूरी है।
ऐसी कहानी कई पेरेंट्स की है। पेरेंट्स की लाइफ चाहें कितना भी बिजी शेड्यूल में हो, उनकी प्राथमिकताओं में बच्चे और परिवार पहले होता है। घर से लेकर बाहर तक पेरेंट्स बच्चों की सेफ्टी पर पूरा ध्यान देते हैं। किसी भी तरह की चूक होने से बचने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं। लेकिन, जब बच्चा घर से बाहर हो या स्कूल में हो, तब उनकी सुरक्षा कैसे की जाए ये बड़ा प्रश्न बनकर आता है। इसलिए पेरेंट्स को बचपन से ही बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स (Safety tips for kids) सिखाने चाहिए, जैसे कि-
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बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स (Safety tips for kids)
जब आपका बच्चा स्कूल में रहता है, तो आपको उनकी सुरक्षा के लिहाज से कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि बच्चों की सुरक्षा में कोई कमी न रह जाए :
बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स -स्कूल बस ड्राइवर या कैब वाले का नंबर रखें
आपका बच्चा जिस बस या कैब से डेली स्कूल (School) जाता है उसके ड्राइवर का नंबर अपने पास रखें। ताकि इमरजेंसी में आप उन्हें कॉल कर बच्चों के बारे में जान सकते हैं। अब तो बहुत से एप्प आ चुके हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चों की लोकेशन (Location) का पता कर सकते हैं। इससे बच्चा को स्कूल पहुंचने तक आप उसकी लोकेशन को मोबाइल पर चेक कर सकते हैं।
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बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स – रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन से स्कूल पहुंचने का अलर्ट पाएं
अब ज्यादातर स्कूलों में ‘आर एफ आई डी’ यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन की तकनीक उपलब्ध है। इसकी मदद से जैसे ही बच्चा स्कूल में एंट्री करता है, आपके मोबाइल (Mobile) पर अलर्ट मैसेज आता है। अगर आपके बच्चों के स्कूल (Child’s school) में अभी यह तकनीक नहीं है तब भी घबराइए नहीं। आप स्कूल में कॉल करके पता करते रह सकते हैं कि बच्चा कब स्कूल पहुंचा या स्कूल से घर के लिए कब निकला था।
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बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स – स्कूल में कहीं अकेले देर तक रहने से मना करें
आप एक अच्छे पेरेंट्स (Parents) की तरह अपने बच्चों की देखभाल करते हैं। घर और बाहर उनकी सुरक्षा के लिए ढाल बने रहते हैं। लेकिन, जब बच्चा स्कूल में हो चिंता का बढ़ जाना निश्चित है। ऐसे में डरने के बजाए बच्चों को ताकत दें। बच्चों को यह समझाएं कि स्कूल में ज्यादा देर तक कहीं अकेला न रहे। जरूरत पड़ने पर किसी फ्रेंड (Friends) या स्टाफ (Staff) को साथ रखे। बच्चों को यह भी बताएं कि टीचर को बिना बताए अकेले कहीं न जाए।
बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स – स्कूल में बच्चों के लिए अटेंडेंट हो तो उनका वेरिफिकेशन कर लें
कई बड़े स्कूलों में बच्चों के लिए बाथरूम या टॉयलेट छोड़ने के लिए एक अटेंडेंट को काम पर रखा जाता है। स्कूल में बच्चों को बाथरूम ले जाने में ये मदद करते हैं। बाथरूम और स्कूल के ब्लॉक के बीच के रास्ते को देखें कि कितना सुरक्षित है। कितना सुरक्षित है इस बात का भी ध्यान रखें और ये बात पता कर लें कि वहां कोई अटेंडेंट बैठती है या नहीं।
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स्कूल के किसी भी बात को अनसुना नहीं करें
अगर बच्चा स्कूल के किसी घटना के बारे में आपसे कुछ बता रहा है, तो उसे अनसुना भूल कर के भी न करें। आपके बच्चे बहुत हिम्मत जुटा कर बोल रहे होंगे, इसलिए उनकी बात भले ही छोटी हो और गैर जरूरी हो, लेकिन स्कूल की हर बात ध्यान से सुनें। ऐसा करना आपको भविष्य की चिंताओं से दूर रख सकती हैं। इसके अलावा, आप बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में भी अवश्य बताएं।
घर में भी दें ये सेफ्टी टिप्स (Safety tips)
ये तो थी स्कूल में बच्चे के सेफ्टी टिप्स। लेकिन बच्चे की सुरक्षा स्कूल ही नहीं, हर जगह जरूरी है। अब सोचिए कि अगर आपको बच्चे को घर पर अकेला छोड़कर जाना पड़े, तो क्या करेंगे। नीचे हम इन टिप्स के बारे में भी कुछ बताएंगे :
बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स – बच्चे को गैस के नॉब के बारे में दें जानकारी
भले ही आप जॉइंट फैमिली में रहें या सिंगल फैमिली में, खाना बनाने के बाद गैस का नॉब हमेशा बंद कर के जाएं। इसी बात की जानकारी अपने बच्चे को भी दें। अगर आपका बच्चा इतना बड़ा है कि मैगी या चाय (Tea) जैसी चीजें बना लेता है, तो उसे ये सिखाएं कि बनाने के बाद हमेशा सिलेंडर की नॉब बंद कर दें, ताकि कोई दुर्घटना की आशंका न रहे।
बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स – दरवाजे की कुंडी खोलना और बंद करना सिखाएं
आप अपने बच्चे को दरवाजे की कुंडी खोलना और बंद करना अच्छी तरह सिखाएं। अगर आपको बच्चे को घर में अकेला छोड़कर जाना पड़ रहा है, तो उसे बताएं कि किस तरह दरवाजा बंद करना है और किस तरह दरवाजा खोलना है। जब माता-पिता (Parents) घर पर नहीं होते तब ऐसी ही छोटी-छोटी बातें बच्चों के लिए बड़ी सीख दे जाती हैं।
बच्चे को बताएं कि डर लगे तो क्या करना है
इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि बच्चे को घर में अकेले रहते हुए डर लगे। इसलिए बच्चे को बताएं कि अगर घर में अकेले डर लगे तो उन्हें क्या करना चाहिए। बच्चे को करीब के पड़ोसी और इमरजेंसी नंबर की जानकारी उन्हें पहले ही दे दें। उन्हें वो नंबर याद करा दें या फिर फ्रिज (Fridge) या किसी कमरे के दरवाजे पर पेपर पर लिखकर चिपका दें। उन्हें यह भी समझाएं कि अकेले रहने पर उन्हें स्थिति को कैसे संभालना चाहिए।
पैनी चीजों को न छूने दें
अगर आप बच्चे को घर पर अकेले छोड़कर जा रहे हैं तो उसकी पहुंच तक कोई भी धारदार चीजें न रखें। इसके साथ ही उन्हें बताएं कि उन्हें कोई भी धारदार चीजें नहीं छूनी हैं जैसे – कैंची, सुई, चाकू आदि। इसके अलावा बच्चे को इलेक्ट्रॉनिक सामान (Electronic gadgets) को भी बच्चों की पहुंच से दूर कर रखें।
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पालतू जानवर से दूरी बनाने की सीख दें
अगर आपके घर में कोई कुत्ता (Dog) या बिल्ली है तो उससे बच्चे को दूर रहना सिखाएं। बच्चे को सिखाएं कि आपकी गैर-मौजूदगी में वे उन पालतू जानवरों (Pet animals) को परेशान ना करें, नहीं तो अपने बचाव के लिए उनपर आक्रमण कर सकता है।
आप इन तरीकों को अपनाकर बच्चे को घर और स्कूल दोनों जगह सेफ रख पाएंगे।
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