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टैंडेम नर्सिंग (Tandem Nursing) के साथ ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) की आपूर्ति कैसे बनी रहती है?
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग को मैनेज करने के लिए अगर आप टैंडेम नर्सिंग का सहारा ले रही हैं और आपके मन भी यही सवाल है, तो बता दें कि हमारा शरीर एक अद्भुत मशीन है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं एक बार में दो बच्चों के लिए पर्याप्त दूध का उत्पादन कर सकती हैं। जैसे कि जुड़वा बच्चों की मांएं करती हैं। जैसा कि आपने शायद अपने बड़े बच्चे के साथ सीख लिया होगा कि स्तनपान डिमांड और सप्लाय पर आधारि है। जब ब्रेस्ट से अधिक मिल्क निकाल लिया जाता है, तो वे उत्पादन को बढ़ा देते हैं, इसलिए महिला के पास दोनों बच्चों के लिए पर्याप्त मिल्क होगा।
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ये ना भूलें
इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना होगा। यह सुनिश्चित करना न भूलें कि जन्म देने के बाद शुरुआती दिनों में आपके नवजात शिशु को कोलोस्ट्रम की पूर्ति हो जाती है, लेकिन एक बार जब मैच्योर मिल्क आ जाए, तो याद रखें कि आपका नवजात भोजन और अन्य तरल पदार्थों से कैलोरी के लिए आपके दूध पर निर्भर है, तो सामान्य तौर पर, यह अच्छा होगा कि उसे पहले उसे भरे ब्रेस्ट से मिल्क पिलाया जाए।
आप अपने नवजात शिशु के संकेतों पर ध्यान देकर अपनी आपूर्ति पर भी नजर रख सकती हैं। उसे 24 घंटे की अवधि में कम से कम आठ से 12 बार दूध पिलाना चाहिए। यदि ये बैंचमार्क पूरे नहीं हो रहे हैं या आपको अन्य चिंताएं हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ से बात करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) दोनों को कैसे मैनेज किया जा सकता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।